Advertisement

भरत-भारती मंजु मराली में कौनसा अलंकार है?

भरत-भारती मंजु मराली में कौनसा अलंकार है?

प्रश्न – भरत-भारती मंजु मराली में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

Advertisement

उत्तर – विमल विवेक धर्म नय साली, भरत –भारती मंजु मराली । इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है क्योंकि इसमें वर्णों कि आवृत्ति हुई है जिससे काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो रहा है।

इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार का कौन सा भेद हैं?

Advertisement

इस पंक्ति में ओषठय व्यंजनों का एक साथ पास पास प्रयोग हो रहा है इसलिए पंक्ति में श्रुत्यानुप्रास है। जब काव्य पंक्ति में समान वर्गों के वर्ण का एक साथ आवृत्ति होती है तो वहाँ श्रुत्यानुप्रास होता है।

जैसा कि आपने इस उदाहरण में देखा जहां पर किसी वर्ण के विशेष प्रयोग से पंक्ति में सुंदरता, लय तथा चमत्कार उत्पन्न हो जाता है उसे हम शब्दालंकार कहते हैं।

Advertisement

अनुप्रास अलंकार शब्दालंकार का एक प्रकार है। काव्य में जहां समान वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति होती है वहां अनुप्रास अलंकार होता है।

भरत-भारती मंजु मराली में अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

Advertisement
Advertisement

Leave a Reply