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सप्तशती/सतसई में कौन सा समास है? सप्तशती/सतसई का समास-विग्रह क्या है?

Sptshati/Satsai mein kaun sa samas hai? Sptshati/Satsai ka samas-vigrah kya hota hai?

सप्तशती/सतसई में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – सप्तशती/सतसई शब्द में बहुब्रीहि समास है।
सप्तशती/सतसई में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Sptshati/Satsai mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Sptshati/Satsai shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

सप्तशती/सतसई का समास-विग्रह क्या है? Sptshati/Satsai ka Samas-Vigrah kya hai?

सप्तशती/सतसई शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
सप्तशती/सतसई : सात सौ का समूह -सात सौ छंदों का काव्य
Sptshati/Satsai : Saat sau ak samuh – Saat sau chando ka kaavy

क्योंकि सप्तशती/सतसई में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
शेषशायी – वह जो शेष (नाग) पर शयन करते हैं -विष्णु
व्रजायुध – वह जिसके वज्र का आयुध है -इन्द्र
विषधर – विष को धारण करने वाला -साँप
वज्रांग – वज्र के समान अंग है जिसके -शिव
रतिकांत – वह जो रति का कांत (पति) है -कामदेव
महेश्वर – महान है जो ईश्वर -शिव
मंदोदरी – उदर जिसका मंद हो वह स्त्री -रावण की पत्नी
पुण्डरीकाक्ष – पुण्डरीक (कमल) के समान अक्षि (आँखें) है जिसकी -विष्णु
पद्मासना – पद्म है आसन जिसका -लक्ष्मी
नीलकण्ठ – नीला है कण्ठ जिनका -शिव

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में सप्तशती/सतसई समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि सप्तशती/सतसई में कौन सा समास है? सप्तशती/सतसई शब्द में कौन सा समास होगा? सप्तशती/सतसई में कौन सा समास होता है? सप्तशती/सतसई में कौन सा समास है बताइये सप्तशती/सतसई का समास विग्रह बताइए सप्तशती/सतसई का समास विग्रह क्या है? सप्तशती/सतसई का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

महादेव में कौन सा समास है
कार्यालय शब्द में कौन सा समास है
घुड़सवार में कौन सा समास है
नगपति में कौन सा समास है
छत्तीसगढ़ में कौन सा समास है
जलवायु में प्रयुक्त समास है
‘जलवायु’ में प्रयुक्त समास है:-
मित्र मंडली सामाजिक पद में कौन सा समास है
कार्यालय शब्द में कौन सा समास है
जलवायु में प्रयुक्त समास है
‘जलवायु’ में प्रयुक्त समास है:-
माता – पिता ‘ किस समास के अंतर्गत आते हैं।
समास विग्रह से क्या तात्पर्य है
देवासुर का समास विग्रह कीजिए
तन-मन-धन का समास विग्रह
नारायण का समास विग्रह

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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