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सुधाकर में कौन सा समास है? सुधाकर का समास-विग्रह क्या है?

Sudhakar mein kaun sa samas hai? Sudhakar ka samas-vigrah kya hota hai?

सुधाकर में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – सुधाकर शब्द में बहुब्रीहि समास है।
सुधाकर में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Sudhakar mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Sudhakar shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

सुधाकर का समास-विग्रह क्या है? Sudhakar ka Samas-Vigrah kya hai?

सुधाकर शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
सुधाकर : वह जो सुधा (अमृत) को संभव करता है -चन्द्रमा
Sudhakar : Veh jo sudha (Amrit) ko sambhav karta hai – Chandrma

क्योंकि सुधाकर में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
हिरण्गर्भ – वह जिसका हिरण्य (सोने) का गर्भ है -ब्रह्मा, चतुर्मुख आदि
हलधर – हल को धारण करने वाला -बलराम
सफेदपोश – जिसके पोश (वस्त्र) सफेद हों -शारीरिक श्रम से रहित नौकरशाह, राजनेता आदि
सप्तशती/सतसई – सात सौ का समूह -सात सौ छंदों का काव्य
श्वेतपत्र – जो पत्र श्वेत (रंग का) हो -यथास्थिति को बताने वाला सरकारी आलेख
श्रीश – वह जो श्री (लक्ष्मी) के ईश हैं -विष्णु
व्रजायुध – वह जिसके वज्र का आयुध है -इन्द्र
व्रजपाणि – वह जिसके पाणि (हाथ) में व्रज है -इन्द्र
वज्रांग – वज्र के समान अंग है जिसके -शिव
वक्रतुण्ड – वक्र है तुण्ड जिसकी -गणेश

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में सुधाकर समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि सुधाकर में कौन सा समास है? सुधाकर शब्द में कौन सा समास होगा? सुधाकर में कौन सा समास होता है? सुधाकर में कौन सा समास है बताइये सुधाकर का समास विग्रह बताइए सुधाकर का समास विग्रह क्या है? सुधाकर का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

कुसुमशर में कौन सा समास है
कुसुम सर में कौन सा समास है
कृष्ण के लिए अर्पण “ का सामासिक पद क्या होगा ?
ऐरा–प्रत्यय किस शब्द में प्रयोग नहीं हुआ है?
सप्तक शब्द में समास बताएँ
साढ़े तीन में समास
कुसुम सर में कौन सा समास है
कुसुमशर में कौन सा समास है
कृष्ण के लिए अर्पण “ का सामासिक पद क्या होगा ?
साढ़े तीन में समास
ऐरा–प्रत्यय किस शब्द में प्रयोग नहीं हुआ है

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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