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नंदनंदन में कौन सा समास है? नंदनंदन का समास-विग्रह क्या है?

Nandnandan mein kaun sa samas hai? Nandnandan ka samas-vigrah kya hota hai?

नंदनंदन में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – नंदनंदन शब्द में बहुब्रीहि समास है।
नंदनंदन में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Nandnandan mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Nandnandan shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

नंदनंदन का समास-विग्रह क्या है? Nandnandan ka Samas-Vigrah kya hai?

नंदनंदन शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
नंदनंदन : वह जो नंद का नंदन (पुत्र) है -कृष्ण
Nandnandan : Veh jo nand ka nandan (putra) hai – Krishan

क्योंकि नंदनंदन में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
दत्तचित्त – चित्त को (किसी काम में) दिया हुआ -तल्लीन
दशमुख – दस हैं मुख जिसके -रावण
दशरथनंदन – वह जो रशरथ के नंदन है -राम
दिवाकर – दिन को करने (संभव बनाने) वाला -सूर्य
दुधमुँहा – जिसके मुँह में दूध है -छोटा बालक
दुर्वासा – बुरे वस्त्र पहनने वाला -एक ऋषि विशेष का नाम
देवराज – देवों का राजा है जो -इन्द्र
धनंजय – वह जो धन (पृथ्वी, भौतिक सपंदा आदि) का जय करता है -अर्जुन
नंदनंदन – वह जो नंद का नंदन (पुत्र) है -कृष्ण
नाकपति – वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है -इन्द्र

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में नंदनंदन समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि नंदनंदन में कौन सा समास है? नंदनंदन शब्द में कौन सा समास होगा? नंदनंदन में कौन सा समास होता है? नंदनंदन में कौन सा समास है बताइये नंदनंदन का समास विग्रह बताइए नंदनंदन का समास विग्रह क्या है? नंदनंदन का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

परिवार में कौन सा समास है
महादेव में कौन सा समास है
“हरफनमौला”,में कौन सा समास है?
घुड़सवार में कौन सा समास है
छत्तीसगढ़ में कौन सा समास है
धर्माधर्म में कौन सा समास है
रोगमुक्त में कौन सा समास है
इकतीस में कौन सा समास है
रोग मुक्त कौन सा समास है
रोगमुक्त कौन सा समास है
देवासुर का समास विग्रह कीजिए
रोगमुक्त में कौन सा समास है
समास विग्रह से क्या तात्पर्य है
प्रत्यक्ष कौन समास है
अल्पबुद्धि का समास विग्रह
रोगमुक्त में कौनसा समास है

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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