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कुलभूषव यादव: ICJ ने लगायी फांसी पर रोक,जासूस होने का दावा सही नहीं

भारतीय नागरिक कुलभूषव जाधव को पाकिस्तान में मिली फांसी की सजा पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने रोक लगा दी है. ICJ के अनुसार “जाधव को जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान से कहा है कि वो ये सुनिश्चित करे कि कुलभूषण जाधव को फांसी न हो. कोर्ट ने कहा है कि भारतीय नागरिक जाधव को कंसुलर एक्सेस भी मिलनी चाहिए थी

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इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वियना संधि के तहत भारत को कुलभूषण जाधव तक कांसुलर एक्सेस मिलना चाहिए. अब्राहम ने कहा कि जाधव की गिरफ्तारी विवादित मुद्दा है. अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगी रहनी चाहिए”.

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ICJ का यह फैसला सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा माना जा रहा है.

भारत ने क्या दिए तर्क
-जाधव की गिरफ्तारी की बात पाकिस्तान ने क्यों छुपाई
-20 दिन बाद जाधव की गिरफ्तारी की खबर दी गई
-पाकिस्तानी आर्मी की प्रेस रिलीज से जाधव मामले में फांसी की सजा का पता चला
-पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है
-काउंसलर एक्सेस की भार भारत की मांग 16 बार ठुकराई गई
-सुनवाई के दौरान जाधव को लीगल सहायता लेने का मौका तक नहीं दिया गया
-पाकिस्तान की सैन्य अदालत में जाधव का पक्ष रखा ही नहीं गया

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पाकिस्तान का जवाब
-जाधव पर भारत की अर्जी गैरजरूरी और गलत तरीके से व्याख्या वाली है तथा इसे अवश्य खारिज किया जाना चाहिए.
-कमांडर जाधव के पास दया याचिका की प्रक्रिया का अधिकार उपलब्ध है.
-इस सिलसिले में 150 दिन मुहैया किया जाता है जो यदि 10 अप्रैल 2017 को भी शुरू होता तो यह अगस्त 2017 से आगे चला जाता. अप्रैल की इसी तारीख को जाधव की दोषसिद्धि हुई थी.
-पाकिस्तान विदेश कार्यालय के मोहम्मद फैसल ने भारत की दलील के जवाब में अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा कि नयी दिल्ली ने इसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के लिए एक उपयुक्त मामले के तौर पर देखा लेकिन हम नरमी से जवाब नहीं देंगे.
-वियना समझौते की शर्तें राष्ट्रीय खतरे और जासूसी के आरोपों में पकड़े गए लोगों पर लागू नहीं होते.

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