भारतीय सेना एक बार फिर से 15 साल बाद कासो का इस्तेमाल करने पर मजबूर| कश्मीर में हो रहे लगातार आतंकी गतिविधियों से परेशान केंद्र सरकार ने कासो को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए है| भारतीय सेना बहुत जल्द इसपर कार्यवाही कर सकती है|
क्या होता है कासो
इसे स्थानीय लोगो की वजह से 2001 में बंद कर दिया गया था| लोगो का कहना था कि इससे उन्हें काफी असुविधा होती है| कासो में भारतीय सेना विशेष तलाशी अभियान चलाती थी| इस अभियान के तहत सेना कभी भी कही भी सर्च ऑपरेशन कर सकती है| इससे वहां रहने वालो को तकलीफ तो होती है| परन्तु इससे आतंकी गतिविधियों में काफी कमी देखने को मिली थी| अब कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंक गतिविधियों की वजह से सेना इसे फिर से शुरू करने की योजना बना रही है| यह अभियान मुख्य रूप से आतंकी प्रभावित क्षेत्रों पुलवामा, शोपिंया, तराल, बड़गाम, कुलगाम में किया जायेगा|
लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज की हत्या के बाद लिया जा रहा फैसला
अभी कुछ दिन पहले ही भारतीय सेना के युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज की आतंकियों ने हत्या कर दी थी| उमर को उनके शादी के समारोह से अपहरण करके आतंकियों ने बड़ी बेरहमी से मार दिया था| पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रहे आतंकी मामलो की वजह से सेना को कासो फिर से शुरू करना पड़ रहा है| पिछले दिनों में आतंकियों द्वारा बैंक लूटना और सेनिको की मर्मम हत्या के मामले लगातार आ रहे है| हालाँकि सेना ने पिछले दिनों बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शोपिंया में चलाया था| इस अभियान में भारतीय सेना के लगभग 4000 जवान शामिल हुए थे|