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Samvad Lekhan वर्षा के बाद मौसम साफ़ होने पर दो मित्रों का वार्तालाप – संवाद लेखन

Varsha ke baad mausam saaf hone par do mitraon ka vartalaap – Samvad Lekhan

वरुण : कितनों दिनों से बारिश हो रही थी, आज जाकर कहीं मौसम साफ़ हुआ है।

महेश : सही कह रहे हो मित्र। चार दिनों की वर्षा के बाद आज बहुत सुन्दर धूप खिली है।

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वरुण : हाँ, आसमान भी देखो कितना चमक रहा है आर पेड़ पोधों पर तो अलग ही रौनक दिखाई दे रही है।

महेश : इन पक्षियों को तो देखो! जो कल तक यहाँ-वहाँ दुबके बैठे थे आज कैसे आसमान में उड़ रहे हैं। वर्षा के बाद के साफ़ मौसम का यह कितना मनोरम दृश्य है। वातावरण की सारी धूल भी नीचे बैठ गई है।

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वरुण : इतने दिनों से वर्षा के कारण घर के अन्दर रहते-रहते मन भी उकता गया है।

महेश : सही कहा तुमने और बाज़ार के कुछ जरूरी काम भी रुके हुए हैं।

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वरुण : हाँ महेश, आज बहुत दिनों बाद मौसम साफ़ हुआ है। चलो मित्र, क्यों ना इस मौसम का लाभ उठाया जाय?

महेश : सही कह रहे हो मित्र, मुझे भी कुछ पुस्तकें खरीदनी थीं। चलो तुम्हारा भी काम हो जाएगा और मैं भी अपनी पुस्तकें खरीद लूँगा।

वरुण : हाँ मित्र, मुझे अपने बगीचे के लिए कुछ पौध खरीदनी हैं। इस मौसम में एकदम जड़ पकड़ लेंगी।

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महेश : हाँ, चलो पहले पुस्तकें खरीद लेते हैं फिर तुम्हारी पौध लेने चलेंगे। इसी बहाने पौध नर्सरी की भी सैर हो जाएगी।

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