वह बांसुरी की धुनि कानि परै कुल कानि हियो तजि भजति है। में कौन सा अलंकार है?
vah bansuri ki dhuni kani parai kul kani hiyo taji bhjati hai mein kaun sa alankar haiवह बांसुरी की धुनि कानि परै कुल कानि हियो तजि भजति है।
Advertisement
प्रस्तुत पंक्तियों में यमक अलंकार है क्योंकि क्योंकि इसमे कानी शब्द की आवृति हुई है और उसके अर्थ अलग अलग है। पहले यह कर्ण के अर्थ में आया है और दूसरी बार खानदान के अर्थ में इसलिए इस पद में यमक अलंकार है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
प्रस्तुत पंक्ति में अभंग पद यमक अलंकार है।
Advertisement
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
‘’जीवन का अंतिम ध्येय केवल जीवन है। ‘’
Advertisement
“ कनक कनक तें सो गुना मादकता अधिकाई “ इसमें कनक के दो अर्थ हैं – धतूरा और स्वर्ण। अतः; इसमें यमक अलंकार है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
कुल कानि में अनुप्रास अलंकार है।
अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:
Advertisement
अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
Advertisement