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कर का मनका डारि दे , मन का मनका फेर। में कौन सा अलंकार है?

कर का मनका डारि दे , मन का मनका फेर। में कौन सा अलंकार है?

mala ferat jag mua fira n man ka fer karka manka dari de man ka manka fer mein kaun sa alankar hai

माला फेरत जग मुआ , फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे , मन का मनका फेर।

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जब किसी काव्य में एक ही शब्द की आवृति होती है तो वहाँ यमक अलंकार होता है। इस काव्य पंक्ति में मनका शब्द की आवृति हुई है जिसके दो अर्थ है – माला और हृदय।

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

इसमें सभंग पद यमक अलंकार है क्योंकि इसमें मनका शब्द को तोड़ कर प्रयोग किया गया है।

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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

‘’उधो जोग जोग हम नाहीं ।

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“ कनक कनक तें सो गुना मादकता अधिकाई “ इसमें कनक के दो अर्थ हैं – धतूरा और स्वर्ण। अतः; इसमें यमक अलंकार है।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –

अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

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