Social Media essay in Hindi for class 5/6 in 100 words
सोशल मीडिया का अर्थ है फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर आदि माध्यम जिनके द्वारा हम अपने परिवार, रिश्तेदारों और मित्रों को अपनी फोटो भेजते हैं और अपने बारे में बताते हैं. सोशल मीडिया यानी फेसबुक और व्हाट्सएप आदि के इस्तेमाल के लिए हमें कंप्यूटर या मोबाइल और इन्टरनेट की जरूरत होती है. हम इन पर अपने जन्मदिन, स्कूल फंक्शन और स्पोर्ट्स की फोटो भी अपने मित्रों को भेज सकते हैं. हम अपने फ्रेंड्स से सोशल मीडिया पर चैट भी कर सकते हैं और अपने होमवर्क को भी शेयर कर सकते हैं. सोशल मीडिया से हमें बहुत सारी रोचक जानकारियां भी मिलती रहती है. लेकिन हमें सोशल मीडिया पर ज्यादा समय नहीं लगाना चाहिए जिससे हमारी पढाई और खेलकूद पर असर न पड़े.
Social Media essay in Hindi for class 7/8 in 200 words
एक समय था जब सोशल मीडिया पर पहुँच मात्र कुछ एक वर्ग तक सीमित थी। लेकिन आज के समय में जिस किसी के पास स्मार्टफोन है वह सोशल मीडिया से दूर नहीं। गृहणी हो या कामकाजी लोग, बच्चे हों या बूढ़े, यह सबको उनकी जरूरत के हिसाब से दुनिया से जोड़े रखता है। लोगों को आपस में जोड़ने से बढ़िया तरीका इसके अलावा और कोई नहीं हो सकता। लेकिन कुछ लोगों के लिए तो यह हवा-पानी जैसा जरूरी हो गया है और इसके बिना वे अपने आप को अधूरा महसूस करते हैं। हांलाकि सोशल मीडिया दुनिया में कहीं भी बैठे किसी व्यक्ति या घटना से आपको अपडेट रखता है लेकिन अति तो किसी भी चीज की ठीक नहीं होती। यह लोगों की आदत से भी ज्यादा लत बन चुका है जो अच्छे प्रभाव कम और दुष्प्रभाव ज्यादा डाल रहा है।
विज्ञान के इस आविष्कार को अपना रोग न बनायें। माना आप सारी दुनिया से उसके मुद्दों से इससे जुड़ सकते हैं लेकिन अनुभव करने के लिए आप को इसे थोड़ा दूर करना होगा। नही तो आप कमरे में ही सीमित रह जायेंगे और संसार से जुड़े होने के बावजूद भी इससे दूर ही रहेंगे। इसलिए सोशल मीडिया का सदुपयोग कीजिये पर अपने को दुनिया से जोड़ते हुए।
Social Media essay in Hindi for class 9/10 in 500 words
यदि आप पूरी दुनिया को एक साथ जोड़ने की सोचते हैं तो सोशल मीडिया से बढ़कर और कोई तरीका नहीं हो सकता। यह आजकल के समय की जरूरत भी बन गया है। चाहे वह नेता हो या अभिनेता, बहुत बड़ा उद्योगपति हो या साहित्यकार, हर प्रसिद्ध व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपने को अपडेट रखता है जिससे उसके प्रशंसक उसकी गतिविधियों से अवगत रहें। अपने आप को समाज से जोड़े रखने के लिए सोशल मीडिया ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। जिन लोगों से हम वर्षों से नहीं मिले उन्हें मिलने का सोशल मीडिया से बढ़िया तरीका और क्या हो सकता है। लोग भी खुश हैं कि आजकल के व्यस्त समय में अगर हम किसी से मिलने नहीं जा सकते तो कम से कम फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप् आदि के जरिये वे एक दूसरे के बारे में मालूम तो कर ही लेते हैं।
व्हाट्सएप् और कई सोशल नेटवर्किंग साईट्स के द्वारा लोगों ने आय सृजन के तरीके भी ढूँढ लिये हैं। कई सोशल मीडिया की साईट्स पर घरेलू महिलाएं अपने व्यंजन बनाने के हुनर का वीडियो अपलोड करके नाम और पैसा कमा रही हैं और सिर्फ अपने शहर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जानी-पहचानी जा रही हैं। मात्र यह ही नहीं, कई तरह के हुनर में पारंगत लोगों के वीडियो आप इसमें देख सकते हैं कुछ लोग तो इसके जरिये अपने हुनर को और लोगों को भी सिखा रहे हैं। अब कोई भी खबर मात्र टेलीविजन, रेडियो या अखबर के द्वारा ही लोकप्रिय नहीं होती बल्कि सबसे ज्यादा प्रचार का कार्य सोशल मीडिया कर रहा है। कई बार लोग पैसे के अभाव में अपनी कला का प्रदर्शन बड़े स्तर पर नहीं कर पाते थे लेकिन सोशल मीडिया से बढ़िया मंच क्या होगा जिसके जरिये वे रातों रात लोकप्रिय हो गये।
तकनीकी विकास जहाँ हमें इतना कुछ दे रहा है वहीं बहुत कुछ छीन भी रहा है। यह हमारे ऊपर है कि हम किस प्रकार इससे लाभ ज्यादा और हानि कम उठायें। जहाँ सोशल मीडिया लोगों को करीब लाता है वहीं इसके बहाने लोगों ने एक-दूसरे से मिलना भी छोड़ दिया। जहाँ लोग कम से कम छः महीने में एक-दूसरे से मिल लेते थे वहीं यह अवधि और बढ़ गई है और लोग सोशल मीडिया पर ही मेल-मुलाकात कर लेते हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिये देश में अशांति व द्वेष फैलाने का निन्दनीय काम भी करते हैं। किसी भी छोटी सी खबर को धर्म व जाति से जोड़ कर और नमक-मिर्च लगा कर सोशल मीडिया पर डाल देते हैं जिससे वह आग की तरह फैल जाती है। देश में कई ऐसी घटनायें देखने में आई हैं। कई बार सोशल मीडिया पर ऐसी बातें डाल देते हैं कि वह देश या विश्व का मुद्दा बन जाती है। कई बार नकली एकाऊण्ट बना कर तो कई बार अपनी पहचान बदल कर लोग अपहरण, हत्या जैसी साजिशों के लिए भी सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं।
अतः हमें इस प्रकार के झांसों से बचना चाहिये और सोशल मीडिया का उपयोग सोच-समझ कर करना चाहिये। इसमें बहुत ज्यादा लिप्त न हो कर अपने व औरों के विचार व संवेदनाओं की कद्र करते हुए ही जवाब देना चाहिये अन्यथा यह हमारे लिए अशांति का कारण भी बन सकता है।