डॉक्टरों ने मरीजों से कहा कि यह केवल दो या तीन घंटे की बात है। एक बार मंत्री जी निरीक्षण करके चले जाये तो आप सब को वापस बुला लिया जाएगा |
वही इस बारे मरीज़ो के परिजनों से बात की गई तो एक महिला ने कहा कि उसके दस महीने के बेटे को बुखार है और उसे आईवी ड्रिप लगी है लेकिन फिर भी अस्पताल वालों ने उन्हें वार्ड से बाहर बिठा दिया।
इस बारे में जब एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि हमें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, किसी भी मरीज को इमरजेंसी वार्ड से शिफ्ट नहीं किया गया है और अगर ऐसा हुआ है तो ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।