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Short Hindi Essay on my best friend मेरा प्रिय मित्र पर लघु निबंध

Mera Priya Mitra par laghu nibandh

प्रस्तावना- मुझे मित्र बनाने का बहुत शौक है। यही कारण हे कि मेरे बहुत से मित्र हैं, पर मैं मित्र भी सोच समझ कर बनाता हूँ। बिना सोचे समझे मैं हर एक को अपना मित्र नहीं बनाता। मेरे सभी मित्र अच्छे हैं। वे पढ़ाई में भी होशियार हैं और हर काम को अच्छी प्रकार करते हैं।

मेरा मित्र हरीश- हरीश मेरा सबसे प्यारा मित्र है। मुझे उस पर गर्व है। वह मेरा सच्चा मित्र है। वह मेरे पड़ोस में रहता है तथा अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ है। उसके माता पिता भी अच्छे पढ़े लिखे हैं। उसके पिता जी भारत सरकार की सेवा में ऊँचे पद पर काम करते हैं। उसकी माता जी अध्यापिका हैं। वह एक पब्लिक स्कूल में कार्य करती हैं।Short Essay on Mera Priya Mitar in Hindi

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सच्चरित्र मित्र- मेरा मित्र हरीश अच्छे चरित्र वाला है। वह सच्चा होते हुए भी बहुत समझदार है। उसका जीवन रहन-सहन, भोजन बहुत सादा है। उसके विचार ऊँचे हैं। घमंड तो उसमें तनिक भर भी नहीं है। वह पढ़ाई में भी अच्छा है। पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढ़ने का भी उसमें बहुत शौक है।

मधुर भाषी- हरीश मधुर भाषी है। वह सदा ऐसी बात करता है जिसमें कभी भी कड़वाहट नहीं होती। वह किसी का दिल दुखाए, इस बात का सवाल ही पैदा नहीं होता। दीन दुनियों की सेवा और सहायता करना वह अपना कत्र्तव्य समझता है। कर्म और वाणी दोनों से ही वह दूसरों का भला करने में लगा रहता है।

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साहसी और निर्भीक-प्रिय मित्र हरीश मधुर भाषी होते हुए भी साहसी और निर्भीक है। वह हर बात को साफ-साफ कहने का साहस रखता है। यदि उसे कोई बात ठीक नहीं लगती तो वह निर्भीकतापूर्वक उसे स्पष्ट स्पष्ट कह देता है।

आदर्श मित्र- हरीश वास्तव में आदर्श मित्र है। ऐसा मित्र मिलना आजकल बहुत कठिन है। वह अजातशत्रु है। आयु में छोटा होते हुए भी वह गुणों में महान है। उसमें दिखावा, शेखी अभिमान का तो लेश भी नहीं। वह मनुष्य, पशु, पक्षी सभी के साथ दया का बर्ताव करता है। उसमें त्याग की भावना है। इतने सारे गुण हैं उसमें। इसलिए मैं उसे अपना परम प्रिय मित्र मानता है।

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उपसंहार- हमें वास्तव में हरीश जैसे बच्चों को ही अपना मित्र बनाना चाहिए। उसका कारण है। अच्छा मित्र जीवन में बहुत बड़ा सहारा होता है। किन्तु बुरा मित्र तो पैर में बंधी चक्की के समान होता है। उसका साथ मनुष्य को ले डूबता है। मुझे हरीश जैसे मित्र को पाकर जीवन में आनंद और सन्तोष दोनों मिल गए हैं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि उसकी मित्रता का लाभ मुझे सदा मिलता रहे।

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