Advertisement

दूसरे का अहित करने वाले का पहले अहित होता है – शिक्षाप्रद मनोरंजक कथा

एक मुर्गा और एक कुत्ता एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र थे। एक दिन वे दोनों किसी जंगल से होकर यात्रा कर रहे थे। चलते-चलते अंधेरा छाने लगा। एक बड़ा सा पेड़ देखकर दोनों मित्रों ने आराम से रात काटने की सोची।

दूसरे को अहित करने वाले का पहले अहित होता है - शिक्षाप्रद मनोरंजक कथा moral story in Hindi for Kids

Advertisement

मुर्गे ने कहा- ”भाई कुत्ते! अब मुनासिब सी जगह देखकर आराम करें। ऐसा करते हैं, मैं इस पेड़ पर चढ़कर किसी डाल पर जम जाता हूं। तुम आस-पास ही कहीं मुनासिब जगह देखकर आराम करो।“

”ठीक है भाई! तुम पहुंचो अपने ठिकाने पर, मैं तो यहीं कहीं डेरा जमा लेता हूं।“

Advertisement

मुर्गे ने अपने पंख फड़फड़ाए और पेड़ की एक ऊंची डाल पर जा बैठा और कुत्ता पेड़ के नीचे आराम करने लगा।

दोनों मित्र रात भर खर्राटे भर कर सोते रहे। जब भोर हो गई तो मुर्गे ने उठकर बांग दी।

Advertisement

एक लोमड़ी वहीं आस-पास कहीं रहती थी। मुर्गे की बांग की आवाज सुनकर उसकी नींद भी खुल गई। कुछ ही देर बाद लोमड़ी उस ओर चली गई। उसने अपनी नजरें घुमाकर चारों तरफ देखा। तभी उसे पेड़ पर बैठा मुर्गा दिखाई दिया। मुर्गे को देखकर उसके मुंह में पानी भर आया।

मुर्गा उसकी पहुंच से बाहर था, इसलिए वह बहुत होशियारी से पेड़ के चारों और चक्कर काटने लगी। वह सोच रही थी कि अपने शिकार को पाने के लिए वह कौन सा उपाय करे।

उसने मुर्गे से कहा- ”मित्र, मैंने भोर में तुम्हारी मीठी बांग सुनी। मैं तुम्हारी मधुर वाणी से इतनी प्रभावित हूं कि मेरे जी चाहता है कि तुम्हारी पीठ ठोकूं।“

Advertisement

”क्यों नही!“ मुर्गे ने चालाकी से काम लेते हुए कहा- ”नीचे जो चौकीदारी सो रहा है, उसे जगा कर कहो सीढ़ी लगाए ताकि मैं नीचे आ सकूं।“

लोमड़ी ने मुर्गे को खाने की जल्दी में पेड़ के नीचे लेटे कुत्ते का जगा दिया। कुत्ते ने अपने सामने एक लोमड़ी को देखा तो उस पर झपट पड़ा और उसे मार डाला।

निष्कर्ष- दूसरे को अहित करने वाले का पहले अहित होता है।

Advertisement