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सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद, सर्वनाम के उदाहरण, Sarvnam in Hindi

Sarvnam ki paribhasha, Sarvnam ke bhed, Sarvnam ke Udaharan

 सर्वनाम की परिभाषा :

सर्वनाम की परिभाषा है “जो शब्द संज्ञा की जगह पर प्रयुक्त होता है उसे सर्वनाम कहते हैं”। जैसे राम अच्छा लड़का है, वह बहुत होशियार है, वह बड़ों का आदर करता है ।”उपर्युक्त वाक्यों में “वह ” शब्द सर्वनाम है क्योंकि इनका प्रयोग संज्ञा के लिए हुआ है।

“किसी शहर में एक लड़का रहता था। उसका नाम राम था। राम के पास एक गाय थी। राम उस गाय को गौरी बुलाता था। राम ने गौरी के लिए एक सुंदर पगहा खरीद दिया था। राम गौरी से अत्यधिक स्नेह करता था। राम गौरी को सुबह-शाम दुह कर शहद जैसा मीठा दूध निकालता था। सभी गाँव वाले गौरी के प्रति राम के स्नेह की तारीफ करते थे।”

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इस छोटी -सी कहानी में जो खास बात यह है कि इसमें  राम शब्द की पुनरावृति हुई है  जो अटपटा लग रहा है, इसलिए वाक्य में संज्ञा शब्द की बार-बार आवृत्ति से बचने के लिए एक विकल्प है, जिसे सर्वनाम के रूप में जाना जाता है । अब इसी कहानी को पुनः पढ़िये जिसमें राम की जगह स्वाभाविक सर्वनाम के प्रयोग से कहानी का अटपटापन दूर हो गया है।

“किसी शहर में एक लड़का रहता था। उसका नाम राम था। उसके पास एक गाय थी। वह उस गाय को गौरी बुलाता था। उसने गौरी के लिए एक सुंदर पगहा खरीद दिया था। वह गौरी से अत्यधिक स्नेह करता था। वह गौरी को सुबह-शाम दुह कर शहद जैसा मीठा दूध निकालता था। सभी गाँव वाले गौरी के प्रति उसके स्नेह की तारीफ करते थे।”

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यहाँ पर राम संज्ञा शब्द के स्थान पर उसके, वह, उसने आदि सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से भाषा-सौन्दर्य की वृद्धि हो गई है। इस प्रकार सर्वनाम संज्ञा की पुनरावृत्ति को रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनाता है।

सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है, सर्व+नाम, अर्थात जो सभी नामों के लिए प्रयुक्त हो। हिन्दी में कुल 11 मौलिक सर्वनाम हैं – मैं, तुम (तू), आप, यह, वह, कौन, क्या, कोई, जो, सो, कुछ आदि।  जब इन मौलिक सर्वनामों पर कारक-चिह्नों का प्रभाव पड़ता है, तब ये यौगिक रूप बन जाते हैं और लिंग, वचन, कारक की दृष्टि से अपना रूप बदलते हैं। यथा:

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मौलिक सर्वनाम  – यौगिक सर्वनाम

मैं – मेरा, मेरी, मुझे, मैंने, मुझको, मुझसे, मुझमें, हम, हमें, हमारा, हमारे, हमने, हमको आदि

तू, तुम – तुझे, तुझसे, तेरा, तेरी, तुम्हें, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, तुमने, तुममें, तुमसे, तुझे आदि

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इसी प्रकार आप, यह, वह, कौन, क्या, कोई, जो, सो, कुछ आदि सर्वनामों के भी यौगिक सर्वनाम बन जाते हैं।

सर्वनाम का अपना कोई लिंग नहीं होता है। वाक्य में क्रियापद के अनुरूप ही सर्वनाम का लिंग निर्धारण हो जाता है। जैसे – वह जाता है, वह जाती है।

सर्वनाम के भेद (Sarvnam ke bhed)

सर्वनाम के निम्नलिखित भेद है :
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. संबंधवाचक सर्वनाम
3. निजवाचक सर्वनाम
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
5. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
6.निश्चयवाचक सर्वनाम

 

पुरुषवाचक सर्वनाम (Purushvachak Sarvnam) –

जिस सर्वनाम से वक्ता, श्रोता या किसी अन्य व्यक्ति का बोध हो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । अर्थात बोलने वाले, सुनने वाले तथा जिसके विषय में बात होती है, उनके लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। (ध्यान दें, यहाँ पुरुष से तात्पर्य स्त्री और पुरुष दोनों से है।)

“जिस सर्वनाम का प्रयोग स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए किया जाता है, ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ (Personal Pronoun) कहलाता है।”

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पुरुषवाचक सर्वनाम  के तीन भेद हैं –

उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम (Uttam Purushvachak Sarvnam)

– जिस सर्वनाम का प्रयोग बात कहने वाले के लिए हो अर्थात जिस सर्वनाम से वक्ता का बोध हो उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे, मैं, हम, हमारा, हम लोग इत्यादि।

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उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण –

मैं – मैं आज शाम को पार्क में जाऊंगा।
हम – हम दोनों एक ही ट्रेन से यात्रा करते तो अच्छा था।

मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम (Madhyam Purushvachak Sarvnam)–

जिससे बात कही जा रही हो, उसके लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम अर्थात जिस सर्वनाम से श्रोता या जिससे कहा जाए उसका बोध हो, उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे, तुम, तुमलोग, तुम दोनों इत्यादि।

मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण –

आप – आप हमारे घर आएंगे तो यह हमारा सौभाग्य होगा।
तुम – तुम अगर मेरा यह संदेश उसके पास पहुंचा दो तो मैं तुम्हारा आभारी रहूँगा।

अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम (Anya Purushvachak Sarvnam)–

कहने वाला और सुनने वाला जिसके बारे में बात कर रहे हों, उसके लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम अर्थात जिस सर्वनाम से वक्ता और श्रोता किसी अन्य व्यक्ति के संबंध में बात करें, उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे, वह, वे दोनों,वे लोग, इत्यादि।

अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण –

वह – वह खेलकूद में इतना समय व्यर्थ नहीं करता तो परीक्षा में अच्छे अंक ला सकता था।

इस वाक्य को ध्यान से देखिये – “मैं (उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम) आपसे (मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम ) वादा करता हूँ कि कल शाम तक उसका (अन्यपुरुषवाचक सर्वनाम) उधार चुका दूंगा।“

उपरोक्त वाक्य में पुरूषवाचक सर्वनाम के सभी तीन भेदों का प्रयोग हुआ है।

पुरूषवाचक सर्वनाम के वचन – संज्ञा की भांति पुरूषवाचक सर्वनामों के दो वचन होते हैं:

पुरूषवाचक सर्वनाम :          एकवचन-बहुवचन

उत्तम पुरुष                          मैं – हम

मध्यम पुरुष                         तू – तुम

अन्य पुरुष                            वह-वे, यह-ये

संबंधवाचक सर्वनाम (Sambandhvachak Sarvnam)-

जब किसी वाक्य में दो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के मध्य का संबंध दिखाने के लिए सर्वनाम का प्रयोग होता है तो उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं,  जैसे,जो-सो, जैसा- वैसा, यदि – वो।

संबंधवाचक सर्वनाम के उदाहरण

जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।

जिसकी लाठी उसकी भैंस।

जैसा बोवोगे वैसा काटोगे।

जो के अन्य रूप भी होते हैं जैसे- जिसका, जो कि, जिसको, जिन्होंने, जिनके आदि।

निजवाचक सर्वनाम (Nijvachak Sarvnam)

जिस सर्वनाम शब्द से स्वयं का बोध हो उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं अर्थात जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे -अपने आप, स्वयं, अपना,  खुद इत्यादि।

निजवाचक सर्वनाम का उदाहरण –

मैंने यह काम स्वयं किया है।
मैं अपने रहने का प्रबंध अपने आप कर लूँगा।
तुम अपनी किताबें स्वयं ही खरीद लेना।
वह अपनी देखभाल करने में स्वयं ही सक्षम है।

प्रश्नवाचक सर्वनाम (Prashanvachak Sarvnam)

जिस सर्वनाम शब्द से किसी जिज्ञासा, जानकारी या प्रश्न पूछने का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे -कौन, क्या, कब, कहां इत्यादि। ‘कौन’ का प्रयोग सदैव सजीवों के लिए और ‘क्या’ का प्रयोग निर्जीवों के लिए होता है।

प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण –

तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो?
वह अपने घर से कब गया था?
मैं वहाँ जाकर क्या करूंगा?
उस घर में कौन गाना गा रहा है?

उपर्युक्त वाक्यों में क्या, कब और कौनका प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए हुआ है। अतः ये प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।

 निश्चयवाचक सर्वनाम (Nishchayvachak Sarvnam)

जिस सर्वनाम से किसी निकट या दूर के निश्चित वस्तुओं या व्यक्तियों का बोध हो उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे -पास के लिए (यह ),दूर के लिए( वह )जैसे- वह मेरा घर है। यह दुकान उसकी है।

निश्चयवाचक सर्वनाम में यह, वह आदि सर्वनाम का प्रयोग होता है:

निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

यह कार मेरी है।

वह मोटरबाइक तुम्हारी है।

ये पुस्तकें मेरी हैं।

वे मिठाइयाँ  हैं।

यह एक गाय है।

वह एक बार फिर प्रथम आया।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Anishchayvachak Sarvnam)

जिस सर्वनाम शब्द से किसी अनिश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध हो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे -कोई, कुछ, इत्यादि । “कोई” का प्रयोग सजीव के लिए तथा कुछ का प्रयोग निर्जीव पदार्थ के लिए किया जाता है।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

कोई तुम्हें बुला रहा है।

दूध में कुछ पड़ा है।

रात में दरवाजे पर कोई था।

कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें करना मुश्किल है।

तुमसे कोई बात करना चाहता है।

किसी ने तुम्हारे लिए ये भेजा है।

संयुक्त सर्वनाम (Sanyuktvachak Sarvnam)-

संयुक्त सर्वनाम अलग श्रेणी के सर्वनाम होते हैं। सर्वनाम से इनकी भिन्नता इस लिए है क्योकि उनमें एक शब्द नहीं बल्कि एक से ज्यादा शब्द होते हैं। कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो संयुक्त सर्वनाम के होते हैं। संयुक्त सर्वनाम के शब्दों को संज्ञा के शब्दों के साथ स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जाता है।

जैसे – जो कोई, कोई न कोई, कोई कोई, कौन कौन, कुछ कुछ, सब कोई, हर कोई, और कोई, कोई और आदि।

सर्वनाम का विकारी रूप या रूपांतरण – सर्वनाम में लिंग की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता है। सर्वनाम शब्दों का पुरुष, वचन कारक आदि के करण रूपांतरण होता है।

सर्वनाम की कारक रचना  (Sarvnam ki Karak Rachna) –

  1. मैं – उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्तामैं, मैंनेहम, हमने
कर्ममुझे, मुझकोहमें, हमको
करणमुझसे, मेरे द्वाराहमसे, हमारे द्वारा
सम्प्रदानमुझे, मेरे लिएहमें, हमारे लिए
अपादानमुझसेहमसे
संबंधमेरा, मेरी, मेरेहमारा, हमारी, हमारे
अधिकरणमुझमें, मुझपरहममें, हमपर
  1. तू, तुम, आप – मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्तातू, तूनेतुम, तुमने, तुम लोगों ने, आप, आपने
कर्मतुझको, तुझेतुम्हें, तुम लोगों को, आपको
करणतुझसे, तेरे द्वारातुमसे, तुम्हारे से, तुम लोगों से, तुम्हारे द्वारा, आपसे, आपके द्वारा
सम्प्रदानतुझको, तेरे लिए, तुझेतुम्हें, तुम्हारे लिए, तुम लोगों के लिए, आपके लिए
अपादानतुझसेतुमसे, तुम लोगों से, आपसे
संबंधतेरा, तेरे, तेरीतुम्हारा, तुम्हारी, तुम लोगों का, तुम लोगों की, आपका, आपके, आपकी
अधिकरणतुझमें, तुझपरतुममें, तुम लोगों में, तुम लोगों पर आपमें, आप पर
  1. वह – अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्तावह, उसनेवे, उन्होंने
कर्मउसे, उसकोउन्हें, उनको
करणउससे, उसके द्वाराउनसे, उनके द्वारा
सम्प्रदानउसको, उसे, उसके लिएउनको, उन्हें, उनके लिए
अपादानउससेउनसे
संबंधउसका, उसकी, उसकेउनका, उनकी, उनके
अधिकरणउसमें, उस परउनमें, उनपर
  1. यह – निश्चयवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्तायह, इसनेये, इन्होने
कर्मइसे, इसकोये, इनको, इन्हें
करणइससेइनसे
सम्प्रदानइसे, इसकोइन्हें, इनको
अपादानइससेइनसे
संबंधइसका, इसकी, इसकेइनका, इनकी, इनके
अधिकरणइसमें, इसपरइनमें, इनपर
  1. कोई – अनिश्चयवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्ताकोई, किसनेकिन्हीं ने
कर्मकिसी कोकिन्ही को
करणकिसी सेकिन्ही से
सम्प्रदानकिसी को, किसी के लिएकिन्ही को, किन्ही के लिए
अपादानकिसी सेकिन्ही से
संबंधकिसी का, किसी की, किसी केकिन्ही का, किन्ही की, किन्ही को
अधिकरणकिसी में, किसी परकिन्ही में, किन्ही पर
  1. जो – संबंध वाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्ताजो, जिसनेजो, जिन्होंने
कर्मजिसे, जिसकोजिन्हें, जिनको
करणजिससे, जिसके द्वाराजिनसे, जिनके द्वारा
सम्प्रदानजिसको, जिसके लिएजिनको, जिनके लिए
अपादानजिससेजिनसे
संबंधजिसका, जिसकी, जिसकेजिनका, जिनकी, जिनके
अधिकरणजिसपर, जिसमेंजिनपर, जिन में
  1. कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम की कारक रचना –
कारकसर्वनाम का एकवचनसर्वनाम का बहुवचन
कर्ताकौन, किसनेकौन, किन्होने
कर्मकिसे, किसको, किसकेकिन्हें, किनको, किनके
करणकिस्से, किसके द्वाराकिनसे, किनके द्वारा
सम्प्रदानकिसके लिए, किसकोकिनके लिए, किनको
अपादानकिससेकिनसे
संबंधकिसका, किसकी, किसकेकिनका, किनकी, किनके
अधिकरणकिसपर, किसमेंकिनपर, किनमें

सर्वनाम के संबंध में ध्यान रखने योग्य विशेष बात

  1. संज्ञा की जगह पर प्रयुक्त शब्द सर्वनाम कहलाते है।
  2. सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा की पुनरावृति से बचने के लिए किया जाता है।
  3. सर्वनाम के मुख्य छ: भेद होते हैं।
  4. निश्चयवाचक सर्वनाम और अनिश्चयवाचक सर्वनाम निश्चित या अनिश्चित व्यक्ति और वस्तु के लिए प्रयुक्त होते हैं।
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