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Rahim ke dohe वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।

Rahim ke dohe in Hindi:

वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।
बांटनबारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।।

Ve Rahim nar dhanya hain, par upkaari ang,
Bantanbare ko lage, jyon mehndi ko rang

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रहीम के दोहे का अर्थ:

जिसने स्वयं ही अर्जित किया और स्वयं ही भोग लगाया, उसका जीवन भी भला कोई जीवन है। ऐसा व्यक्ति स्वार्थी होता है और मरणोपरांत लोग उसका नाम तक भूल जाते हैं। लेकिन परोपकारी व्यक्ति को विस्मृत नहीं कर पाते।

रहीम कहते हैं, ऐसे व्यक्ति निस्संदेह धन्य हैं, जिनका अंग अंग परोपकार के लिए आतुर रहता है। वह जीवन की सार्थकता परोपकार में ही मानता है।

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जिस प्रकार मेंहदी पीसकर दूसरों के हाथ में मेंहदी लगाने वाले के अपने हाथ भी स्वतः रंग जाते हैं, उसी प्रकार उपकार करने वाले के अंग भी उपकार के आनंदरूपी रंग में रच बस जाते हैं।

Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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