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Rahim ke dohe रहिमन बात अगम्य की, कहन सुनन का नाहिं।

Rahim ke dohe in Hindi:

रहिमन बात अगम्य की, कहन सुनन का नाहिं।
जे जानत ते कहत नाहिं, कहत ते जानत नाहिं।।

Rahiman bat agamy kee, kahan sunan ka nahin,
Je jaanat te kahat nahin, kahat te jaanat nahin

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रहीम के दोहे का अर्थ:

रहीम कहते हैं कि गंभीर, गहन, न समझ में आने वाली बातें व्यवहार में कहने और सुनने के लिए नहीं होतीं, जो इस तथ्य को समझते हैं, वे ऐसी अबोधगम्य बातों को सभी के सामने नहीं करते और जो न जानने योग्य बात को भी बोल देते हैं, वे इस तथ्य को नहीं समझते।

भाव यह है कि गंभीर और गहन बात हर किसी के सामने नहीं करनी चाहिए। ऐसी बात तो व्यवहार की न हो, उसे कहना और सुनना नहीं चाहिए, जो व्यक्ति इस बात को जानते हैं, वे ऐसी बात का कभी खुलासा नहीं करते, किंतु जो मूढ़ हैं, वे इस बात को बढ़ा चढ़ाकर कह देते हैं, जो सबके सामने नहीं कहना चाहिए। ऐसे नासमझ लोगों से सदैव बचकर रहना चाहिए।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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