New Crypto Currency Bill in India to stop MLM and Chit Fund in Crypto coin market
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सहित नियामकों ने एक संसदीय पैनल के सामने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि कैसे कुछ व्यक्तिगत निवेशक छोटे शहरों में क्रिप्टो संपत्ति (Crypto) में निवेश (Invest) के लिए चिट फंड से मिलते-जुलते बिजनेस मॉडल के साथ पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।
भारत में RBI और SEBI ने उन व्यक्तियों और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों द्वारा शुरू की गई कई निवेश योजनाओं को लाल झंडी दिखाने की तैयारी कर ली है जो चिट फंड, बहु-स्तरीय विपणन (MLM Multi level marketing) और व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के समान हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जोखिम भरी क्रिप्टो संपत्ति (Crypto Assets) खरीदने वाली आबादी की सुरक्षा के लिए RBI और SEBI यह कदम उठाने जा रहे हैं।
आरबीआई ने बताया है कि कैसे कुछ भारतीयों ने निर्यात सेवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है जो एक व्यापक प्रणालीगत जोखिम (systematic risk) पैदा कर रहा है।
केंद्रीय सांसदों के रिपोर्ट से परिचित एक व्यक्ति ने कहा, “यह देखा गया है कि कुछ व्यक्ति छोटे शहरों में जा रहे हैं और क्रिप्टोकरेंसी में शानदार रिटर्न के वादे के साथ मुख्य रूप से नकदी में लोगों से पैसे जुटा रहे हैं। यह बिना किसी ढांचे या नियमों के बिल्कुल चिट फंड की तरह है।”
नियामकों ने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के आंतरिक इलाकों में ऐसे मामलों को चिह्नित किया है जहां क्रिप्टोकरेंसी में कथित निवेश के लिए सामूहिक निवेश योजनाएं या चिट फंड जारी किए गए हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज ने भी केंद्रीय सांसदों के पैनल में प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि इस मामले में सेबी और आरबीआई के अधिकारियों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका है।
चिट फंड के अलावा, कुछ अनियमित संस्थाओं द्वारा MLM जैसी योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी रिसर्च फर्म क्रेबाको (CREBACO) के संस्थापक सिद्धार्थ सोगनी ने कहा, “भारत में, बहुत सारे घोटाले स्मार्ट अनुबंधों द्वारा संचालित होते हैं क्योंकि कोई भी अपना सिक्का लॉन्च कर सकता है और धन जुटा सकता है।”
“भारत में हर हफ्ते एक घोटाला होता है जहां धोखेबाज लोगों को एक ऐसी बहु-स्तरीय-विपणन (MLM multi level marketing scheme ) या सामूहिक निवेश योजना (collective Investment) में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं जो लोगों को बहुत ज्यादा रिटर्न का वादा करता है।”
इसके अलावा, सरकार एक प्रारंभिक सिक्का पेशकश (Initial Coin Offering – ICO) के माध्यम से धन जुटाने का सिस्टम भी तैयार कर सकती हैं। ICO क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में IPO के समान ही है। CREBACO के सोगनी ने कहा, “अगर भारत में cryptocurrency को अनुमति मिलती है तो SEBI को ICO यानि Initial Coin Offering ) को भी रेगुलेट करना चाहिए।