मुंबई: भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई से ये खबर आई है| यहाँ हड़बड़ी करने वालों ने शहर की पुत्री वर्सोवा समुद्र तट से सैकड़ों और हजारों टन कचरे को हटाकर हरे नारियल लैगून के एक पवित्र पैच में बदल कर एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है।
This is versova beach an hour back. Week 85 of cleanup.Versova beach is gorgeous and clean now.we have done our bit.We need to maintain it. pic.twitter.com/98q9RD5aAg
— Afroz Shah (@AfrozShah1) May 20, 2017
आश्चर्यजनक यह सिर्फ 88 दिनों में हासिल किया गया था| यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “स्वच्छ भारत अभियान” तक एक बड़ी कड़ी है| जिसमें स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और स्वस्थ भारत की परिकल्पना की गई है।
मुंबई वासियो ने कर दिखाया चमत्कार, गंदगी को किया कोसो दूर
यह भी एक उदाहरण है कि जब लोग अपने पड़ोस और देश के लिए कुछ करने का संकल्प करते हैं| तो लोगों द्वारा क्या हासिल किया जा सकता है। हम मलबे और गंदगी के लिए इतना अभ्यस्त हो गए हैं कि यह हमें परेशान कर रहा है। संक्षेप में भारत की अति सुंदरता आश्चर्यजनक है| लेकिन यह अक्सर मलबे के बीच सीमित है। हरे क्रुसेडियरों में से एक ने कहा, पिछले साल इस मलबे के एक निश्चित खंड के साथ खत्म करने की कोशिश में मुंबई के लोगों ने बड़े पैमाने पर सफाई अभियान में भाग लिया| कुख्यात वर्सोवा समुद्र तट से 5.6 मिलियन किलोग्राम कचरे को खत्म कर दिया।
On the account of #WorldEnvironmentalDay ,Conducted #VersovaSea Cleaning and Tree plantation programme. pic.twitter.com/uTkD4DMpPm
— Dr. Bharati Lavekar (@LavekarBharati) June 4, 2017
इस बार बदबूदार समुद्र तट को एक हरे भरे स्वर्ग में बदलने के लिए निवासियों ने सप्ताहांत में 300 नारियल के पेड़ लगाए हैं। और अफसोस शाह के नेतृत्व में वर्सोवा निवासियों के 500 सदस्यों (वीआरवी) के सदस्यों ने यह अद्भुत उपलब्धि प्राप्त की है। फेसबुक पर समुद्र तट की तस्वीर पोस्ट करते हुए शाह ने कहा, यह एक घंटे पहले का वर्सोवा समुद्र तट है। सफाई का सप्ताह 85 वर्सोवा समुद्र तट बहुत खूबसूरत है और अब साफ है। हमने अपना थोड़ा काम किया है हमें इसे बनाए रखने की आवश्यकता है।
Saviours of Juhu beach – Corporators Anish Makwani & Renu Hansraj. @Dev_Fadnavis @ShelarAshish pic.twitter.com/3Lb0Z8SCI5
— Ameet Satam MLA (@AmeetSatam) June 4, 2017
अब निवासियों ने 200 और पेड़ लगाने की योजना बनाई है। इस उपन्यास के प्रयास ने वर्सोवा बीच को जीवन का एक नया पट्टा और एक पहचान प्रदान की है। ये हरे क्रूसेडर्स के पास एक बड़ा अंगूठा है| इस पहल ने साबित कर दिया अगर इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता|