सांकेतिक चित्र
भारत की एयर फ़ोर्स भी नवीनतम तकनीक से सुसज्जित हो कर देश के आकाश को सुरक्षित रखने में अपनी क्षमता को बढ़ा रही है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि भारत की एयर फ़ोर्स शीघ्र ही अपनी विशेष गरुड़ कमांडो यूनिट के लिए ६५ मिनी स्पाई ड्रोन्स खरीदने जा रही है जिससे गुप्त आपरेशंस एवं देश के भीतर चलाये जाने वाले आतंकवाद विरोधी आपरेशंस चलाने में बहुत मदद मिलेगी।
बहुत दिनों से भारतीय सेना नए साजो-सामान एवं हथियारों की आपूर्ति आदि के लिए प्रयासरत है. सेना के तीनों अंगों नभ, थल और जल के लिए मारक हथियार खरीदने एवं भारत के अंदर ही नए तकनीक से हथियारों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय नौसेना भी अपने लिए २००० करोड़ रुपये से अधिक की लागत की दो अत्याधुनिक पनडुब्बियां बनवा रही है।
इस तरह से कहा जा सकता है कि सरकार न केवल स्पेस (सैटेलाइट्स, मंगल यान, इसरो की गतिविधियाँ आदि) में अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है वहीँ थल सेना, वायु सेना और जल सेना को नवीनतम तकनीकों से लैस करने में तत्पर है।
गरुड़ विमानों में लगभग ६० कमांडो को बिठाने होती है साथ ही उनमें दुश्मन के रडार और एंटी – एयर-क्राफ्ट गन्स को नष्ट करने भी क्षमता होती है।
नए मिनी स्पाई ड्रोन्स ३० मिनट तक आपरेशंस कर सकते हैं और इनमें फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रा-रेड तकनीक लगाईं गई है। गौरतलब है कि सं १९९९ के कारगिल युद्ध के बाद भारतीय सेना में जो ड्रोन्स शामिल किये गए हैं वे अधिकाँश इस्रायली तकनीक वाले हैं। इनका विशेष उपयोग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, दंगा-ग्रस्त इलाकों, उग्रवाद वाले क्षेत्रों में किया जा सकेगा.