प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को कहा कि उनके वित्त का उनके पति रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी के साथ कुछ भी लेना-देना नहीं है| जो हरियाणा सरकार के तहत रियल एस्टेट प्रमुख डीएलएफ के साथ उनके जमीन के सौदे पर है। गांधी कार्यालय से एक बयान आने के बाद मीडिया हाउस ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की थी कि क्या डीएलएफ से प्राप्त हुए पैसे का एक हिस्सा उनकी पत्नी ने हरियाणा के फरीदाबाद में संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया था।
प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा पूरा भुगतान चेक से हुआ
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी ने 28 अप्रैल, 2006 को फरीदाबाद जिले के गांव अम्पीर में 5 एकड़ जमीन खरीदी थी| जो कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को शामिल किए गए कथित भूमि सौदे से छह साल पहले, 15 लाख रुपये में खरीदा था। बयान में कहा गया है कि जमीन को मूल मालिक को 17 फरवरी, 2010 को 80 लाख रूपए में लिया गया था| उस जमीन के तब के प्रचलित बाजार मूल्य के हिसाब से इसे ख़रीदा गया था। सारा भुगतान चेक के माध्यम से स्वीकार किया गया था|
पैसो का स्रोत इंदिरा गाँधी से मिली विरासत से है
पूर्वोक्त खरीद के लिए धन का स्रोत प्रियंका गांधी वाड्रा की उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से विरासत में मिली संपत्ति से किराये की आय थी। बयान में कहा गया है, प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा खरीदे गए या किसी अन्य संपत्ति के लिए धन का स्रोत रॉबर्ट वाड्रा के वित्त या स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के साथ कोई संबंध नहीं है।
इसमें कहा गया कि भूमि सौदा के बारे में किए गए सभी निहितार्थ ‘झूठे, आधारहीन और अपमानजनक’ है| उनकी प्रतिष्ठा को बर्बाद और नष्ट करने के लिए यह एक जानबूझकर, राजनीतिक रूप से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण अभियान का हिस्सा है।