माधव मास में माधव जू बिन, राधे अराधे उ माधव जू को। में कौन सा अलंकार है?
madhav mas mein madhav ju bin radhe aradhe u madhv ju ko mein kaun sa alankar haiमाधव मास में माधव जू बिन, राधे अराधे उ माधव जू को।
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जब किसी काव्य पद में एक ही शब्द की आवृति होती है दोनों ही बार अलग अलग अर्थ होता है तो वहाँ यमक अलंकार होता है। इस पंक्ति में माधव शब्द की आवृति हुई है इसलए इसमे यमक अलंकार है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
इस पद में अभंग पद यमक अलंकार है क्योंकि इसमें शब्द ज्यों का त्यों आए है।
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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
‘’कहिए कहा यहो नहीं जानत काहि जोग है जोग। ‘’
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“काली घटा का घमंड घटा “इसमें घटा शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है जिसके दो अर्थ है बादल और घटना।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
म की आवृति के कारण अनुप्रास अलंकार
अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:
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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
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