अयोध्याः हालांकि अयोध्या में राम मंदिर के आसपास के विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई में है| परन्तु लाल ईंटो से भरे दो ट्रक सोमवार को विवादित क्षेत्र तक पहुंच गए। इन ईंटो को राम मंदिर के लिए माना जा रहा है|
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रक को भरतूर से भेजा गया था। यह माना जा रहा है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर भेजे गए हैं। यह पहली बार नहीं है कि अयोध्या में पत्थरों को भेजा गया हो| यहां तक कि 2015 में ईंटो से भरा ट्रक अयोध्या को भेजा गया था| लेकिन अखिलेश यादव सरकार ने इसे तुरंत वापस करवा दिया था।
19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एल.के. के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश का आरोप लगाया। इस आरोप में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार, अन्य शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस मामले में मुकदमेबाजी को बिना किसी स्थगन के आधार पर आयोजित किया जाये और फैसले देने के लिए दो साल का समय दिया।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर है दो मामले
एक मामला भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य लोगों के खिलाफ है| जो 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में राम कथा कुंज में मंच पर थे| जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था। दूसरा मामला विवादास्पद बाबरी मस्जिद के करीब और आसपास लाखों में मौजूद ‘कारसेवक’ (स्वयंसेवकों) के खिलाफ है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस:
बाबरी मस्जिद को एक राजनीतिक रैली के दौरान नष्ट कर दिया गया| जिसके बाद 6 दिसंबर 1992 को यहाँ का इलाका एक दंगे में बदल गया था। बाद में एक भूमि का मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दर्ज किया गया था| जिसके फैसले को 30 सितंबर 2010 को उल्लिखित किया गया था।इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए है|