kya kai bar vrat alag alag jagahon par alag alag din par hote hain?
उत्तर: कई बार व्रत जो चन्द्रमा को देखकर किये जाते हैं, वे व्रत तिथि के समाप्ति काल चन्द्र उदय के अलग-अलग समय (अलग अलग जगहों के कारण) होने से एक दिन आगे या पीछे मनाये जा सकते हैं। अतः जहां पर आप व्रत करते हैं उस स्थान पर होने वाले व्रत को उचित जानकारी प्राप्त कर के ही करें, जिससे व्रत भंग होने का दोष न लगे। क्योंकि किसी भी व्रत के भंग होने का दोष व्रत करने के बावजूद लगता है। ऐसा व्रत नियम के ग्रंथ व्रतोद्यापन चंद्रिका, धर्मसिन्धु निर्णय सिन्धु व्रत पर्व विवके, कालमाधव पुरूशार्थ चिन्तामणि तिथि निर्णय आदि में व्रत पर्व तिथि निर्णायक सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए करें।
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