देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठ समाजवादी पार्टी (एसपी) नेता और पूर्व उत्तर प्रदेश मंत्री मूलचंद चौहान को अपहरण और जबरन के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पूर्व मंत्री और उनके तीन सहयोगियों ने पौढ़ी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के अदालत में आत्मसमर्पण किया| कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
मूलचंद चौहान तीन बार विधयक रहे है
पूर्व मंत्री के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट था। तीन बार विधायक रहे मूलचंद पर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला पंचायत के सदस्यों के अपहरण और 2013 में पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी के उम्मीदवार के लिए उन्हें वोट देने का आरोप है। इनमें से कई सदस्य लक्ष्मण झूला पुलिस थाना क्षेत्र के एक होटल में 17 जनवरी 2013 को रह रहे थे| जब चौहान ने लाल बीकॉन की कारों में अपने गुंडों के साथ आए थे और उनका अपहरण कर लिया था। बिजनौर निवासी रोहित कुमार ने अगले दिन लक्ष्मण झूला पुलिस थाने में इस घटना के बारे में पुलिस शिकायत दर्ज की थी।
पुलिस ने 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था| जब अदालत समन्स के बावजूद वे अदालत में नहीं आए| तो उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए मजबूर कर दिया। सोमवार को चौहान ने बिजनौर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अमित चौहान के साथ, सपा के नेता राशीद और कपिल ने सीजेएम सुधीर कुमार सिंह के यहाँ आत्मसमर्पण किया। सीजेएम ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। संसद के पूर्व समाजवादी पार्टी के एक सदस्य सहित कई अन्य आरोपी अभी तक अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने या पेश होने के लिए नहीं आये हैं।