गोदावरी (आंध्र प्रदेश): देश में आरक्षण को लेकर मचा विवाद थमने के बजाय और अधिक फैलता नजर आ रहा है । पहले राजस्थान में गुज्जर समुदाय, फिर यूपी, हरयाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय का पाटीदार आंदोलन चला और अब आंध्रप्रदेश में कापू समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर उग्र हो उठे हैं । आज रविवार को अचानक कापू समुदाय के लोगों द्वारा चलाया जा रहा आरक्षण की मांग का आंदोलन हिंसक हो उठा और कुछ आंदोलनकारियों ने गोदावरी जिले के तूनी स्टेशन पर खड़ी रत्नांचल एक्सप्रेस की पांच बोगियों में आग लगा कर उन्हें फूंक डाला।
पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किये जाने को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान आज प्रदर्शनकारी सड़कों पर उत्तर आये और हिंसा पर आमादा हो गए। तूनी रेलवे स्टेशन पर हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की जिसमें रेलवे के कई अधिकारी और कर्मचारी घायल हो गए बताये जा रहे हैं।
प्रदर्शन इतना उग्र हो गया था कि कुछ समय के लिए तूनी स्टेशन से रेलों की आवाजाही भी बाधित हो गई और कुछ ट्रेनें लेट हो गई वहीँ कुछ ट्रेनें रद्द भी करनी पड़ गयी हैं। रद्द की गई ट्रेनें निम्न हैं :
१। विशाखापत्तनम-काकीनाड़ा पैसेंजर ट्रेन
२। विशाखापत्तनम-राजाहमुंदरी मेमू पैसेंजर ट्रेन
रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करने से पहले कापू समुदाय के लोग सड़कों पर उग्र प्रदर्शन कर रहे थे । प्रदर्शनकरी आंध्र प्रदेश सरकार से उस चुनावी वायदे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं जिसमें कापू समुदाय के लोगों को सत्ता में आने पर पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण देने का वायदा किया गया था।
देश के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। दूसरी तरफ देश में आरक्षण ख़त्म करने या आरक्षण की पुनरीक्षा करने की मांग भी चल पड़ी है । भाजपा द्वारा ऐसी ही एक आरक्षण ख़त्म या सीमित करने के प्रस्ताव का समर्थन करने की खबर से भाजपा को बिहार चुनाव में खासा नुक्सान भी हुआ बताया जाता है । चुनावी पंडितों का मानना है कि आरक्षण की समीक्षा करने का पैसा भाजपा को उल्टा पड़ा और इस मुद्दे को लालू ने खासतौर पर भुना लिया जिनके अधिकांश समर्थक और वोटर पिछड़ा वर्ग से आते हैं ।
ऐसे हालात में लगता है कि देश में पिछड़े वर्ग में आरक्षण प्राप्त करने के लिए विभिन्न वर्गों द्वारा प्रयास और आंदोलन जारी रहने की उम्मीद है ।