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झारखंड के गाँव ने लड़कियों के लिए किया यह गज़ब काम

झारखंड हमारे देश भारत के पिछड़े राज्यों में आता है| परन्तु यहाँ के एक गाँव के लोगो ने जो किया है| वो किसी मेट्रो सिटी के लोग भी काश ही कर पाए| हमने अक्सर लगभग हर नेता के भाषण में सुना है- बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ| पर कितने नेता या कितनी सरकार इस कार्य में कितने प्रतिशत सफल हो पाती है| हम अक्सर देखते है गाँव के लोग शहरों की अपेक्षा अपनी लड़कियों को कम पढ़ा पाते है| लेकिन झारखंड के एक गाँव ने अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए एक अनोखा काम शुरू किया है|

झारखंड में गाँव की लड़कियों के नाम पर रखे गए गलियों के नाम

सिंहभूम जिले के जुरी गाँव में लोगो ने यह कारनामा किया है| लड़कियों का पढाई में उत्साहवर्धन करने के लिए एक बहुत अच्छी पहल की है| यहाँ जो लड़की सबसे ज्यादा पढ़ती है गाँव की सड़को का नाम उसी लड़की के नाम पर रख दिया जाता है| इससे अब लड़कियों में ज्यादा पढ़ने की होड़ मच गई है| इससे गाँव वाले लड़कियों को इस बात का अहसास कराते है कि तुम्हारी पढाई बेकार नहीं जाएगी|

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झारखंड के गाँव ने लड़कियों के लिए किया यह गज़ब काम

गाँव से 30 किलोमीटर दूर है कॉलेज

जुरी गांव में लगभग 650 परिवार रहते है| लेकिन अभी तक यहाँ कोई हाई स्कूल नहीं है| एक सरकारी स्कूल है जहाँ 300 बच्चो पर 5 टीचर है| इस गाँव से 3 किलोमीटर एक स्कूल है| कॉलेज यहाँ से 30 किलोमीटर दूर जमशेदपुर में है| जुरी से जमशेदपुर जाने का कोई भी सीधा रास्ता नहीं है| सुमिता भट्टाचार्य यहाँ कि पहली लड़की है जिसके नाम पर यहाँ की एक सड़क का नाम रखा गया है| सुमिता की उम्र 23 साल है, फिलहाल यह गाँव की सबसे पढ़ी-लिखी लड़की है| सुमिता कहती है यह उपलब्धि मेरे लिए बहुत बड़ी है| इससे मुझे जमशेदपुर जाकर स्नातक की पढाई करने के लिए प्रेरणा मिली है|

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