In Jyotishya Upaayon Se Ho Sakta Hai Apko Sapne Mein Hanuman Ji Ke Darshan, Safal Ho Sakta Hai Jivan
एक भक्त के लिए सबसे अधिक जरूरी है अपने प्रभु का नाम। उसकी सुबह अपने प्रभु का नाम लेकर होती है और रात भी। इतना ही नहीं, परमात्मा का यह प्रिय भक्त नींद में भी प्रभु को भूलना नहीं चाहता। प्रभु का नाम ही उसका जीवन है और यदि स्वयं प्रभु कभी उसे दर्शन दे दें तो वह अपने जीवन को सफल मानने लगेगा।
स्वप्न में प्रभु स्वयं प्रकट होकर आपको आशीर्वाद दें, ऐसा होना संभव है। यह धार्मिक कर्म-कांडों से ही संभव है। इसके लिए सही रूप से किया गया कर्म एवं आपकी पूर्ण श्रद्धा की जरूरत है। भारत की प्राचीनतम विधा तंत्र शास्त्र की मदद से स्वप्न में भगवान हनुमान दर्शन दे सकते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं तंत्र शास्त्र के वे तरीके जिससे हनुमान जी के दर्शन हो सकें?
तंत्र शास्त्र के ये उपाय किसी भी मंगलवार को आरंभ किए जा सकते हैं। मंगलवार भगवान हनुमानजी का ही दिन माना जाता है। इसके अलावा हनुमान जयंती का दिन भी श्रेष्ठ माना गया है। चलिए आपको बताते हैं कि आपको यह उपाय किस प्रकार से करना है। हनुमान जयंती या महीने के किसी भी मंगलवार के दिन सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। अब एक लोटा जल लेकर हनुमानजी के मंदिर में जाएं और उस जल से हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराएं।
मंगलवार को यह कार्य करने के बाद अगले दिन से रोज़ाना आपको आगे बताया जा रहा एक उपाय करना है। इस उपाय के अनुसार पहले दिन आपको एक दाना साबूत उड़द दाल का हनुमानजी की मूर्ति के सिर पर रखकर ग्यारह बार परिक्रमा करें। इस परिक्रमा के दौरान अपने मन में उस मनोकामना का भी ध्यान करें जिसकी पूर्ति आप हनुमानजी से चाहते हैं।
परिक्रमा पूर्ण होने पर स्वयं हनुमानजी की मूर्ति के सामने अपनी मनोकामना कहें, फिर वह उड़द का दाना लेकर घर लौट आएं तथा उसे अलग रख दें।
अब दूसरे दिन भी यही कार्य दोहराना है, लेकिन उड़द का दाना दिनों के हिसाब से एक-एक करके बढ़ाते रहना है। उदाहरण के लिए यदि पहले दिन एक दाना इस्तेमाल किया था तो दूसरे दिन दो दाने होने चाहिए। इसी तरह से 41वें दिन 41 उड़द के दाने प्रयोग करके परिक्रमा करें और मनोकामना कहें।
अब 41वें दिन के बाद एक-एक दाना कम करना है। यदि 41वें दिन 41 दाने थे तो, 42वें दिन ये 40 होने चाहिए। इसी तरह से 43वें दिन 39 दाने हों। ऐसा करते हुए 81वें दिन उड़द का एक दाना होना चाहिए। तंत्र शास्त्र के अनुसार यदि इन सभी 81 दिनों में भक्त ने पूरे भक्ति भाव से हनुमानजी की परिक्रमा की होगी, तो उपाय के 81वें दिन की रात को हनुमानजी जरूर स्वप्न में दर्शन देते हैं।
उपरोक्त उपाय में एकत्रित किए गए उड़द के दानों को उपाय पूर्ण होने के बाद बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। इसी तरह से तंत्र शास्त्र का एक और उपाय है, जिससे हनुमान जी भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं।
इसके लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी को एक विशेष पान चढ़ाएं। इस पान में केवल ये पांच चीज़ें डलवाएं – कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी। पान बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चूना एवं सुपारी नहीं हो। साथ ही इस पान में तंबाकू भी नहीं होनी चाहिए।
हनुमानजी का विधि-विधान से पूजन करने के बाद यह पान हनुमानजी को अर्पण करें और साथ ही प्रार्थना करते हुए कहें, ‘हे हनुमानजी, आपको मैं यह मीठा रस भरा पान अर्पण कर रहा हूं। इस मीठे पान की तरह आप मेरा जीवन भी मिठास से भर दीजिए’। हनुमानजी की कृपा से कुछ ही दिनों में आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।
हनुमान जयंती के दिन एक और उपाय करके हनुमान जी की कृपा पाई जा सकती है। यह उपाय भी काफी सरल है, इसके अनुसार हनुमान जयंती के दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।
इसके बाद इस मंत्र का जप करें – “नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा”… मंत्र जप के बाद आरती करके हनुमान जी को अपनी इच्छा बताएं और प्रार्थना करके इस मूर्ति को विसर्जित कर दें। इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देकर सम्मान से विदा करें। टोटका करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
मनोकामना की पूर्ति के अलावा हनुमान जी से यदि किसी संकट को हरने के लिए कहना चाहते हैं, तो यह भी एक उपाय से संभव है। यदि आपको लगता है कि आपके ऊपर किसी बात का कोई संकट है, तो इसे हनुमान जी हटा सकते हैं। इसके लिए होली का दिन चुन सकते हैं आप। होली के दिन इस हनुमान मंत्र का विधि-विधान से जप करें – “ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा”… आपके ऊपर चल रही आपदा जल्द ही दूर हो जाएगी।