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Hindi Essay – Railway Station Ka Drishya par Nibandh

रेलवे स्टेशन का दृश्य पर लघु निबंध (Hindi essay on Scene of Railway Station)

आज के युग में विज्ञान ने अनेक क्षेत्रो में प्रगति की है। आज यातायात के अनेकानेक साधन विज्ञान ने हमें प्रदान किए हैं। कार, बस, साइकिल से लेकर रेल, वायुयान आदि तक अनेक प्रकार के यातायात के साधनों ने दूरी को कम कर दिया है। यातायात के इन साधनों में रेल ही सबसे अधिक सुलभ एवं उपयोगी है।

आज रेल, विभिन्न नगरों और प्रदेशों को जोड़ने वाली है, भारत में आज रेलों का जाल सा बिछा है, रेलों के ठहरने का स्थान स्टेशन है। जिस स्थान पर रेलें ठहरती हैं, उस चबूतरे को प्लेटफार्म कहा जाता है।

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रेल के प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध रहती हैं। यात्रियों के बैठने के लिए बेंचें, पीने के लिए पानी, कौच आदि के साथ शौचालय, जमानती-सामानघर, विश्रामालय, प्रतीक्षालय, तार घर, भोजनालय आदि अनेक सुविधाएँ उपलब्ध रहती हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस होती है। उनके मार्ग दर्शन के लिए अधिकारी भी होते हैं। गाड़ी में सामान लादने के लिए ट्रालियाँ आदि भी प्लेटफार्म पर उपलब्ध होती हैं। रेलवे प्लेटफार्म पर जितने भी सामान बेचने वाले होते हैं, उनके पास रेलवे का लाइसैंस होता है, इसी तरह भार ढोने वाले कुलियों के पास भी रेलवे का लायसेन्स होता है। यह लायसेन्स रेल विभाग से स्वीकृत होता है। रेलगाड़ी से सम्बन्धित सूचना पूछताछ नामक खिड़की से यात्री प्राप्त करते हैं। इससे रेलगाडि़यों के आगमन प्रस्थान आदि के सम्बन्ध में स्पष्ट और ठीक ठाक सूचना मिल जाती है।

रेलवे स्टेशन का दृश्य बड़ा ही रोचक और आकर्षक होता है। यहाँ यात्रियों की भीड़ बहुत अधिक रहती है। कभी यह भीड़ जैसे ही हल्की होती है, वैसे ही कुछ ही देर बाद फिर किसी भरी रेलगाड़ी के आने पर बड़ी देर हो जाती है और गाडि़यों के आने से भी भीड़ बढ़ जाती है। इसी तरह गाडि़यों के चले जाने से यह हल्की हो जाती है। रेलवे स्टेशन पर प्राय यह दिखाई देता है कि कोई अपने सामान के लिए बड़ी कुशलता और सावधानी के साथ उतर रहा है, कोई किसी को विदा करने आया है, तो कोई किसी को लेने के लिए। यहाँ अभिवादन, कहकहे, नमस्ते तथा अन्य कई प्रकार के स्वर सुनाई पड़ते हैं।

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रेलवे प्लेटफार्म पर लगे ध्वनि विस्तारक यन्त्रों से गाडि़यों के आने जाने सम्बन्धी सूचनाएँ हिन्दी तथा अंग्रेजी में प्रसारित होती रहती हैं, ताकि किसी भी यात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्लेटफार्म पर कुछ भिखारी भीख माँगते रहते हैं। प्लेटफार्म पर रेल के आते ही टिकट निरीक्षकों की टोली आने वाले यात्रियों की टिकटों की जाँच करती है। गाड़ी आते ही चाय की ट्रालियाँ, पानी के नलों पर भीड़ लग जाती है। कोई अपने गिलास में, कोई थरमस में, कोई अपनी सुराही में पानी भर रहा है, तो कोई केवल पानी चाहता है।

प्लेटफार्म पर जाने के लिए प्लेटफार्म टिकट लेना पड़ता है। बिना प्लेटफार्म टिकट लिए प्लेटफार्म पर जाना दण्डनीय अपराध होता है। अत जब भी कभी किसी को छोड़ने या लेने जाना हो तो प्लेटफार्म टिकट अवश्य लेना चाहिए। कभी कभी गाड़ी में चढ़ते समय यात्रियों की धक्का मुक्की में जेबकतरे अपना करिश्मा दिखा जाते हैं अत रेलवे प्लेटफार्म पर अपनी जेबों का ध्यान रखना चाहिए। प्लेटफार्म से आए दिन यात्रियों का सामान भी चोरी हो जाता है। अत अपने सामान की पूरी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

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गाड़ी के चले जाने पर भीड़ भाड़ से भरा वही प्लेटफार्म सूना सूना सा लगता है। उस पर केवल वही यात्री रह जाते हैं, जिन्हें अलगी गाड़ी से जाना होता है। पर बड़े बड़े रेलवे स्टेशनों पर एक ही समय में अनेक गाडि़याँ आती जाती रहती हैं। भीड़भाड़ तथा कोलाहल का दृश्य वहाँ सदा उपस्थित रहता है।

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