Ganpati ko jal (Pani) mein visarjit kyon karte hain?
सभी देवी देवताओं में अग्र पूज्य गणपति को ही माना गया है। हर मंगल कार्य में गणपति को पहले मनाया जाता है, इसके बाद अन्य देवी देवताओं की पूजा होती है। गणपति को सबसे पहले पूजने के कई कारण हैं। पंच देवों में भी सबसे पहले इन्हें ही पूजा जाता है। गणेशोत्सव के बाद भगवान गणपति को जल में ही विसर्जित (Ganpati visarjan) क्यों किया जाता है? आखिर जल से गणपति का क्या रिश्ता है?
भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना गया है। इस कारण इन्हें सबसे पहले पूजा जाता है। व्यक्ति की बुद्धि जागृत और तीव्र रहे तो कामों में विघ्र नहीं आते। गणपति की पूजा में बुद्धि और विद्या की मांग की जाती है ताकि हमारे कामों में कोई रूकावट न आए। दूसरा कारण है पृथ्वी के प्रमुख पांच तत्वों में गणपति को जल का अधिपति माना गया है।
गणपति को इसी कारण बुद्धि का देवता भी कहा गया है, क्योंकि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि मनुष्य के मस्तिष्क में अधिकाँश तरल भाग ही है। क्योंकि जल को उनका निवास भी माना गया है। मनुष्य की उत्पति जल से ही मानी गई है। भगवान का पहला अवतार (मत्स्य अवतार) भी जल में ही अव्तरित हुआ था। इसलिए जल को भी मानव संस्कृति में प्रथम पूज्य माना गया है। भगवान गणपति जल तत्व के अधिपति देवता है, इसलिए भी इन्हें प्रथम पूज्य माना गया है।