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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध – My friend Essay in Hindi

रिश्ते एवं संबंध भगवान निर्धारित करता है। हम अपने संबंधियों का चयन नहीं कर सकते। मगर अपने सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों में हमारी पसंद के व्यक्तियों से संबंधों की सीमा हम स्वयं निश्चित कर सकते हैं। हमारा मित्र वही होना चाहिए जो हमारी दोस्ती के योग्य है, हमारे जैसा है अपितु हमसे श्रेष्ठ हैं।

essay on priya mitra best friend in hindiअच्छे मित्र का चयन हमारे जीवन की दिशा एवं गति को निश्चित करता है। गौरव मेरा प्रिय मित्र है। गौरव से मित्रता के बाद मेरे व्यक्तित्व के हर पहलू का विकास हुआ है।

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गौरव मेरा सहपाठी तथा पड़ोसी भी है। गौरव का परिवार कुछ वर्ष पूर्व हमारे सामने के मकान में रहने आया। पहले ही दिन गौरव मुझे अच्छा लगा। हमारा बचपन विद्यालय और विद्यालय के बाहर एक साथ बीता। छोटी बड़ी शरारतें, पढ़ाई और खेलकूद हमने सब कुछ साथ साथ किया।

आज हम एक दूसरे की पहचान बन चुके हैं। सभी हमारी घनिष्ठ मित्रता की सराहना करते हैं।

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गौरव न केवल एक अच्छा विद्यार्थी है, बल्कि एक अच्छा इन्सान भी है। वह एक संस्कारी और आदर्शवादी लड़का है। जब कभी मैं अपने लक्ष्य से भटका या कमजोर पड़ा तब उसने मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे सहारा दिया।

यूं तो मेरे मित्रों की संख्या बहुत अधिक है, मगर संबंधों की प्रगाढ़ता और स्नेह जो मेरे और गौरव के मध्य है, उसको ही मित्रता की संज्ञा देना उचित होगा।

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हमारे परिवारों के भी आपस में अच्छे संबंध हैं। गौरव के परिवार से हमने सब काम ठीक समय पर करना सीखा है। मैं गौरव की तरह सुबह जल्दी उठ कर व्यायाम करता हूं और अध्ययन करता हूं जिससे न केवल स्वास्थ में बल्कि पढ़ाई में भी मेरी उन्नति हुई है।

मुझे गौरव की मित्रता पर गर्व है।

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