खेलकूद का जीवन में बहुत महत्व है। आज खेल जगत में हाथ आजमाने के बहुत से क्षेत्र मौजूद हैं। युवाओं में कौन सानिया मिर्जा नहीं बनना चाहेगा। कौन सचिन तेंदुलकर नहीं बनना चाहता। कौन कार रेस में भाग नहीं लेना चाहता। शतरंज हो या तीरअंदाजी शौक अपने अपने पसंद अपनी अपनी।
मुझे भी खेलों में विशेष रूचि है। यूँ तो मुझे सभी खेल पसंद हैं, पर क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है।
आज क्रिकेट को खेलों का राजा माना जाता है। क्रिकेट पूरे विश्व में समान रूप से लोकप्रिय है। भारत में तो लोग क्रिकेट के दीवाने हैं।
भारतीय टीम का मैच आस्ट्रेलिया के साथा हो या वैस्ट इंडीज के साथ, श्रीलंका के साथ हो या दक्षिण अफ्रीका के साथ, क्रिकेट प्रेमी टी.वी. या रेडियो के साथ चिपके नजर आयेंगे। पाकिस्तान के साथ क्रिकेट का मैच तो भारतीयों को उन्मादी बना देता है।
क्रिकेट में दो टीमें होती हैं जिसमें ग्यारह ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। इसमें दो अम्पायर भी मैदान पर रहते हैं। खेलने के लिये विकेट, बैट और गेंद के साथ साथ घुटनों पर बाँधने के लिये पैड, हाथों के दस्ताने और सिर पर टोपी या हैलमेट की भी जरूरत होती है।
टास जीतने के बाद टीम का कप्तान विकेट के आधार पर निर्णय लेता है कि पहले गेंदबाजी की जाये या बल्लेबाजी। क्रिकेट में टैस्ट मैच पांच दिन के होते हैं। पर इनकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन कम हो रही है, क्योंकि अक्सर इनमें निर्णय नहीं हो पाता। आजकल एकदिवसीय क्रिकेट का युग है। इसमें निर्णय होना निश्चित होता है। यह अधिक रोमांचक होते हैं। इसमें दोनों टीमों द्वारा पचास पचास ओवर खेले जाते हैं।
अब तो क्रिकेट के खिलाड़ियों को सिने स्टार की तरह प्रसिद्धि और पैसा दोनों मिलता है। मैं भी बड़ा होकर अपने देश की टीम में खेलना चाहता हूँ। क्रिकेट मेरा शौक है, मेरा जुनून है। मैं इसमें अपना भविष्य बनाना चाहता हूँ।