Samay ka sadupayog Essay in Hindi – 300 शब्द लघु निबंध
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगो कब?
समय वह अमूल्य धन है जिसे भगवान ने हर जीवित प्राणी को उपहारस्वरूप दिया है। भगवान के दिये हुए इस वरदान का बुद्धिमान एवं परिश्रमी इंसान उपयोग करते हैं और आलसी व्यर्थ गंवा देता है।
समय का पहिया सदैव चलता रहता है। गया हुआ वक्त कभी वापस नहीं आता। कीमती है। उसका उपयोग करना सीखना ही उन्नति की कुंजी है। कहावत भी है- गया वक्त कभी हाथ नहीं आता।
समय का सदुपयोग करने के लिये, प्रत्येक कार्य को करने का समय निश्चित करना चाहिये। अगर हम सब काम समय पर कर लें तो पायेंगे कि हमारा जीवन कितना सुखद, शान्त और व्यवस्थित है। हमें कभी पछताना नहीं पड़ेगा। जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझते, बेकार गप्पें मारते हैं, इधर उधर घूमते हैं, योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करते, वह जीवन की दौड़ में पिछड़ जाते हैं। उनका कोई काम समय पर पूरा नहीं होता। समय सूखी रेत की तरह हाथ से फिसल जाता है और वह हाथ मलते रह जाते हैं। समय निकल जाने के बाद हम कुछ नहीं कर सकते। तुलसीदास ने कहा है, ‘का वर्षा जब कृषि सुखानी’ अर्थात खेती सूखने के बाद वर्षा का कोई महत्व नहीं होता। इसी प्रकार समय निकलने के बाद हम कुछ नहीं कर सकते इसलिए हमें अपना हर काम समय पर समाप्त कर लेना चाहिए।
विद्यार्थियों के जीवन में समय का महत्व और भी अधिक है। जो विद्यार्थी सत्रारम्भ से ही नियमित पढ़ाई करने लगते हैं, व्यर्थ समय नहीं गंवाते। परीक्षा के समय उन्हें कोई घबराहट नहीं होती। पर्चा देखकर वह बगलें नहीं झांकते। वह अच्छे अंकों में उत्तीर्ण होते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता उनके कदम चूमती है।
संसार के जितने भी महान व्यक्तियों से हम परिचित हैं उनकी जीवनचर्या बताती है कि वह समय का मूल्य समझते थे। उन्होंने जीवन के प्रत्येक पल का उपयोग किया और समय ने उनको पूरा सम्मान दिया।
समय का सदुपयोग पर निबंध Samay ka sadupayog essay in Hindi 500 words
समय संसार की सबसे कीमती चीज है जो एक बार खो जानें पर दुबारा नहीं मिलता | यदि समय का सदुपयोग नहीं कर सके तो जीवन में हम कुछ भी हाँसिल नहीं कर पाएंगे |
हमारे जीवन में समय का सबसे अधिक है इसलिए हमें समय के मूल्य को पहचान कर समय का सदुपयोग करना है | समय बड़ा ही बलवान होता है जो व्यक्ति समय के महत्व को समझेगा, उसे ही जीवन में कामयाबी मिलेगी |
समय सफलता की कुंजी है समय निरंतर अपनी गति से चलता रहता है समय किसी का प्रतीक्षा नहीं करता है चाहे कोई राजा हो या फ़क़ीर इसलिए हमें समय का सदुपयोग करते हुए समय के अनुसार समयनिष्ठ रहना है और अपने कार्यों को समय के अनुसार करना है |
जीवन के सफलता की राह में समय की बर्बादी सबसे बड़ा दुश्मन होती है | हमें अपने किसी भी काम को न टालते हुए समय के अनुसार करना चाहिए | समय ही सबका संचालन करता है समय हमेशा आगे की दिशा में चलता रहता है |
कबीर दास जी ने कहा था – काल करै सो आज कर, आज करै सो अब पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब” जैसे किसी भी काम को टालते रो आज नहीं कल करेंगे और कल का काम परसो करेंगे तो ऐसा करने से वह थोड़ा सा काम अधिक हो जाएगा और जब अधिक हो जाएगा तो वह काम अधूरा रह जाएगा |
समय का सदुपयोग करे वरना यह नष्ट हो जाता है | समय का उपयोग कीमती धन से भी अधिक महत्वपूर्ण है |
समय का सदुपयोग करने के लिए बचपन से ही अपने अंदर अच्छी आदत डालना चाहिए जैसे हमारा दैनिक कार्य कई खंडों में विभाजित होना चाहिए | समय के अनुसार उठना, नहाना, नास्ता करना, स्कूल जाना, कार्य करना, पढ़ना, सोना, खेलना, व्यायाम करना आदि कार्यों को अपने नियमित समय पर करना चाहिए |
युवावस्था में समय का मूल्य सबसे अधिक होता है क्योंकि समय युवा के भविष्य को निर्धारित करता है | जो लोग समय के महत्व को समझ कर इसका सदुपयोग करते हैं वह जीवन में आगे बढ़ जाते हैं और जो लोग नहीं समझ पाते हैं वो लोग जीवन में पीछे रह जाते हैं |
समय सीमित होता है
हर किसी को अपने जीवन में समय के महत्व को समझते हुए समय का सदुपयोग करना चाहिए | मानव जीवन में समय सिमित होता है जब व्यक्ति व्यर्थ काम में अपना समय नष्ट कर देता है तो उसे बाद में समझ आता है जब वह जीवन की सफल में पीछे रह जाता है |
हर कोई अपने जीवन में उन्नति करने की इच्छा रखता है, समय का सदुपयोग करके निर्धन धनवान निर्बल सबल और मुर्ख विद्वान बन सकता है |
निष्कर्ष :
समय का सही उपयोग करता है वह व्यक्ति सफलता हासिल कर लेता है और जो व्यक्ति समय का दुरूपयोग करता है, वह जीवन में सबसे पीछे रह जाता है,जो समय के महत्व को नहीं समझ पाया तो वह जीवन में कभी सफल नहीं होता है |
समय का सदुपयोग पर निबंध – Essay on Importance Of Time Management In Hindi Language 1200 शब्द
अङ्ग्रेज़ी में कहावत है Time is money अर्थात समय ही धन है। समस्त जीवन भर मानव धन कमाने और ऐश्वर्या को पाने के लिए अनवरत प्रयास करता रहता है। अंतत; उसे धन प्राप्त हो जाता है। चिकित्सक की सलाह मानकर, व्यायाम करके खोया हुआ स्वास्थ्य भी मिल जाता है। बचपन के बिछुड़े साथी फिर मिल जाते हैं परन्तु जीवन के जो क्षण एक बार चले गए वे फिर इस जीवन में कभी नहीं मिलते। समय का चक्र लगातार घूमता रहता है। एक बार जो पल बीत गया वह लौट कर नहीं आता।
जीवन में सफलता भी उन्हीं मनुष्यों को प्राप्त होती है, जो अपने एक समय का भी अपव्यय नहीं करते, अपितु अधिक से अधिक उसका सदुपयोग करते हैं। अब यह आपके ऊपर है कि इन बहुमूल्य समय का आप कैसे सदुपयोग करते हैं – निद्रा में या निज कार्यपूर्ति में, विद्या में या विवाद में, मैत्री में या कलह में, रक्षा में या परपीडन में। समय की अमूल्यता की द्योतक कबीर की पंक्तियाँ कितनी महान हैं –
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयगी, बहुरि करैगो कब।।
जीवन की सफलता का रहस्य समय के सदुपयोग में ही अंतर्निहित है। चाहे वह निर्धन हो या धनवान, किसान हो या मजदूर, राजा हो या प्रजा, विद्वान हो या मुर्ख, समय पर सभी का समान अधिकार है। समय की उपयोगिता साधारण से साधारण व्यक्ति को भी महान बना देती है। आज तक जितने भी महान पुरुष हुए उनके जीवन की सफलता का रहस्य एकमात्र समय के अमूल्य क्षणों का सदुपयोग ही रहा है। बड़े से बड़े संकटों, भयानक से भयानक संघर्षों में भी सदैव विजय वैजयंती उनका वरण करती है।
एक प्राचीन कहावत है “ समय किसी का इन्तजार नहीं करता ” । इसका मतलब है कि मानव की सभी सफलताएं, आशाएं व इच्छाएं समय पर ही निर्भर करती हैं । उदाहरणार्थ – “पाँच मिनट” के महत्व और महात्म्य के अपरचित आस्ट्रियन नैपोलियन से युद्ध में पराजित हो गए थे। नैपोलियन के एकमात्र साथी ग्रुशी के आने में पाँच मिनट के विलम्ब ने नैपोलियन को बन्दी की उपाधि से विभूषित कर दिया था।
अत: समय का सदुपयोग करना मानव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । आलस्यरहित होकर यथासमय प्रत्येक कार्य को करना ही समय की उपयोगिता है। जो मनुष्य आज का काम कल पर टाल देते हैं उनका काम कभी पूरा नहीं होता। वे जीवन में सदैव पश्चाताप की अग्नि में जलते रहते हैं। परन्तु जलने से कोई लाभ नहीं होता क्योंकि – “समय चूकि पुनि का पछिताने” वे आगे बढ़ने के समय में भी पीछे रहते हैं। बुद्धिमान व्यक्ति अपने अवकाश के क्षणों को भी व्यर्थ नहीं जाने देता।
बुद्धिमान व्यक्ति अपने विश्राम के समय को भी व्यर्थ नहीं जाने देता, सद्दग्रंथों के अवलोकन में ही उसका समय व्यतीत होता है परन्तु मुर्ख अपना समय बुरे व्यसनों में सोने में या आपस के लड़ाई – झगड़ों में ही खो देते हैं। उनकी दृष्टि में न तो समय का मूल्य होता है और न जीवन की क्षण भंगुरता का मूल्य। परन्तु बुद्धिमान व्यक्ति समय के सदुपयोग में आत्मिक आनन्द और शारीरिक सुख का अनुभव करता है। ऐसे व्यक्तियों का समाज आदर करता है।
समय का अपव्यय करना आत्महत्या के समान है। संसार से उब कर जीवनमुक्त होने के लिए मानव आत्महत्या का साधन ढूढ़ता है। आत्महत्या उसे जीवन के संघर्षों से सदा – सदा के लिए मुक्त कर देती है। ठीक इसी प्रकार समय का सदुपयोग मानव – जीवन को अनिश्चित समय के लिए मृतप्राय कर देता है। समय की दुरुपयोगिता मानव को कायर, पुरुषार्थहीन एवं अनुद्योगी और अकर्मण्य बना देती है। समय की दुरुपयोगिता से केवल विचार ही दूषित नहीं होते, बल्कि मानव का नैतिक पतन हो जाता है।
समय के सदुपयोग के लिए मनुष्य को अपने प्रतिदिन के कार्य का सम्यक विभाजन कर लेना चाहिए। उसे इस बात को दृष्टि में रख लेना चाहिए कि उसे किस समय क्या काम करना है। जिस मनुष्य का कार्यक्रम सुनिश्चित नहीं होता उसका अधिकांश समय व्यर्थ में ही इधर – उधर बीत जाता है। जो मनुष्य अपना निश्चित कार्यक्रम बनाकर, मानसिक वृत्तियों को एकाग्र करके कार्य करता है, उसे जीवन – संग्राम में अवश्य सफलता प्राप्त होती है।
समय का सदुपयोग करने से मनुष्य की व्यक्तिगत उन्नति होती है। हमें बाल्यकाल से ही समय की अमूल्यता पर ध्यान देना चाहिए। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए समय पर सोना, समय पर उठना, समय पर भोजन करना, समय पर व्यायाम करना, समय पर पढना बहुत ही आवश्यक है। मानसिक उन्नति के लिए हमें प्रारम्भ से ही सद्दग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए तथा अपने से बड़े, अपने से अधिक बुद्धिमान लोगों के साथ जीवनोपयोगी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए।
जिस काम के लिए जो समय निश्चित हो, उस समय वह काम अवश्य कर लेना चाहिए, तभी मनुष्य जीवन में उन्नति कर पाता है। कभी किसी काम को देर से शुरू न करो क्योंकि प्रारंभ में विलम्ब हो जाने से अन्त तक विलम्ब होता रहता है और उस कार्य में सफलता संदिग्ध रहती है। विदेशों में समय का मूल्य बहुत समझा जाता है। वहाँ का प्रत्येक व्यक्ति उसका सदुपयोग करना जानता है। यदि आपने किसी व्यक्ति को आठ बजे बुलाया है तो वह आपके पास ठीक आठ बजे आ जायेगा, न एक मिनट पहले, और न एक मिनट पश्चात्।
देश और समाज के प्रति हमारे कुछ कर्तव्य हैं। हमें अपना कुछ समय उनकी सेवा में भी लगाना चाहिए, जिससे देश और समाज की उन्नति हो। असहायों की सहायता करने में, भूखों के पेट भरने में, दूसरों के हित सम्पादन में जो अपना कुछ समय व्यतीत करता है वह भी समय का सदुपयोग करता है तथा उसका समाज में सम्मान होता है।
हमें अपने दैनिक कार्यक्रमों में राष्ट्रसेवा, जाति सेवा और समाज सेवा का अवसर निकालना चाहिए। स्वार्थ – सिद्धि ही मानव – जीवन का प्रमुख लक्ष्य नहीं है। इस जीवन में जितने शुभ कार्य हो सकें उतना ही यह जीवन सफल है। मानव जीवन देश की सम्पत्ति है। अत: देशहित में जो अपना समय व्यतीत करता है, वह धन्य है। मनुष्य का परम कर्तव्य है कि वह अपने समय का सदुपयोग करता हुआ अपने समाज, अपने देश और मानव – जाति का कल्याण करे।
“आलस्यैव हि मनुष्याणां शरीरस्थो महा रिपु: |
अर्थात आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी मनुष्य जीवन में उन्नति नहीं कर पाता है। उसके जीवन के अधिकांश क्षण सुस्ती, सोने वाद – विवाद में ही व्यतीत हो जाते हैं। ऐसा मनुष्य न तो छात्रावस्था में विद्यापार्जन ही कर सकता है और न युवावस्था में गृहस्थी का भार ही वहन कर सकता है।
आलसी मनुष्य की प्रज्ञा मंद और संकल्प क्षीण हो जाते हैं, वे सदैव समय की शिकायत किया करते हैं। परिश्रमी के पास कभी समय का अभाव नहीं होता। आलसी मनुष्य का समय दूसरों की निंदा करने, निरुद्देश्य घूमने, गन्दी पुस्तकें पढ़ने तथा व्यर्थ की गपशप में व्यतीत हो जाता है। ऐसे व्यक्ति न देश का कल्याण कर पाते हैं, और न अपना ही। आलस्य का परित्याग करके समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति ही साहित्य के सृष्टा, राष्ट्रनायक, वैज्ञानिक और अविष्कारक हुए हैं।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है, “समय जात नहीं लागहिं बारा।” समय की गति तीव्र है। प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समय का उचित मूल्यांकन करते हुए उसका उपयोग करे। समय की गति रोकी नहीं जा सकती। आज के वैज्ञानिक ने प्रकृति के तत्वों पर अपना अधिकार करना प्रारंभ कर दिया है, परन्तु समय को वश में नहीं कर पाया। इसलिए यदि हम अपनी शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक उन्नति करना चाहते हैं तो हमें अपने समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए तभी हमारी उन्नति सम्भव है।
विद्यार्थियों को तो विशेष रूप से समय का महत्व समझना ही चाहिए क्योंकि “गया वक्त फिर हाथ आता नहीं है।” विद्यार्थियों को अपने समय का सदुपयोग करने के लिए टाइमटेबल बना लेना चाहिए | उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि उनका निश्चित कार्य उस निश्चित समय में पूर्ण हुआ अथवा नहीं |
जो छात्र नियत समय में अपने कार्य में पूर्ण मनोयोग के साथ संलग्न नहीं होता, वह अपने साथ घोर अन्याय करता है | उसका भविष्य अंधकारमय रहता है | समय विभाजन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शारीरिक और मानसिक थकावट अधिक न होने पावे | उसमें मनोरंजन की भी व्यवस्था करनी चाहिए | मनोरंजन से जीवन में सरसता आती है, शक्ति संचय होता है | वास्तव में समय बहुत अमूल्य धन है | हमें समय का पूरा – पूरा लाभ उठाना चाहिए |
समय का सदुपयोग निबंध Essay on Time Management in Hindi for Class 5
इस दुनिया में समय के मूल्य को समझना बहुत ही आवश्यक है। हर किसी व्यक्ति को समय को समझना चाहिए और इसका उपयोग सही तरीके से करना चाहिए। समय ही वह शक्ति है जो आपको बहुत आगे ले जा सकती हैं या पूर्ण रुप से बर्बाद कर सकती है।
समय प्रबंधन के लिए प्रतिदिन हमे मात्र 24 घंटे मिलते हैं। इस अमूल्य 24 घंटे का प्रबंधन सही प्रकार से करना बहुत ही ज़रूरी है।
आज के मानव जीवन में पैसे से भी ज्यादा बहुमूल्य वस्तु है ‘समय’। जीवन का हर एक क्षण समय की धारा के साथ बहता चला जाता है। इसी कारण जीवन के हर एक क्षण का महत्व होता है। अगर मनुष्य अपने जीवन के इस समय को गवां देगा तो उसके जीवन का कल्याण संभव नहीं हो सकता है। एक बार जो समय बीत गया वह कभी वापस नहीं आने वाला इसलिए अपने जीवन के मूल्यवान समय का अच्छे से उपयोग करना चाहिए जिससे आने वाले भविष्य में हमें उस समय का अच्छा फल मिले।
साधारण रुप से धन को सबसे मूल्यवान वस्तु माना गया है परंतु यदि गंभीरता से विचार किया जाए तो समय धन से कई अधिक मूल्यवान है। परंतु सबसे बेहतरीन बात तो यह है कि समय को कभी खरीदा नहीं जा सकता है। इस दुनिया में समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है।
समय का सदुपयोग करने के लिए हर मनुष्य को अपने दैनिक कार्य के लिए एक रुप रेखा बनाना चाहिए और उसमें अपने प्रतिदिन के समय को खंडित करके अपने सभी काम पूर्ण करें। काम करते समय जीवन में इस मूल मंत्र को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि – आज का काम आज करें कल के लिए ना छोड़े।
इसलिए तो प्राचीन विद्वानों ने कहा है –
काल करे सो आज कर, आज करै सो अब, पल में परलय होयगी, बहुरी करेगा कब ||
इसका अर्थ है कल करने वाला काम आज करो और आज करने वाला काम इसी वक्त पूर्ण करो वरना यह समय कुछ इस प्रकार से अपना करवट बदलेगी की इसे पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
कुछ आलसी व कायर लोग बेकार की बातें करने, दूसरों की निंदा करने तथा ताश खेलने, इधर उधर घूमने, लड़ने झगड़ने और अश्लील हरकतें करने में अपना समय व्यर्थ करते हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी जीवन में कभी भी सफलता नहीं प्राप्त कर पाते हैं क्योंकि उन्हें अपने समय की कद्र नहीं होती है।
Samay ka Sadupyog par Nibandh for Class 6– समय का सदुपयोग पर निबंध
समय का महत्व हम सभी जानते हैं. समय को खोना स्वयं अपने आप को खोना हैं. जो व्यक्ति समय की कीमत को पहचान लेता हैं वो कभी भी असफल नहीं होता.परन्तु जो व्यक्ति समय को व्यर्थ के कामों में नष्ट कर देता हैं समय उन्हें नष्ट करने में अधिक समय नहीं लगाता। वास्तव में समय एक बहुत हीअद्भुत चीज है जो अगर एक बार चला गया तो वापस नहीं आता. इसलिए तो कहा भी गया हैं की बीता समय कभी वापस नहीं आता. समय का न तो कोई आदि है और न ही कोई अंत है, यह सदैव अपने ढंग से चलता रहता है और जो इसके साथ चलना सीख जातें हैं वही जीवन में सफल होते हैं। जब समय का इतना महत्व हैं तो जीवन में इसका सदुपयोग करने में ही समझदारी हैं.
समय में बहुत शक्ति छिपी होती हैं यह पल में राजा को रंक और रंक को राजा बना सकती हैं. समय धन से भी अधिक कीमती है इसलिए इसे सोच समझकर खर्च करना ही समझदारी हैं । हमारा जीवन क्षण-भंगुर हैं जिसमे समय कम और काम अधिक हैं. इसलिए हमे अपने जीवन का एक भी मिनट बर्बाद नहीं करना चाइए । यहां तक की हर सांस, हर सेकेण्ड का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए।
हमें विद्यालय सम्बन्धी कार्य, गृहकार्य, आराम करने का समय, मनोरंजन, व्यायाम इन सभी कार्यों को सही ढंग से योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए। कुछ ही क्षणों में परिस्तिथियाँ बदल जाती हैं. कहा भी जाता हैं की समय और मौत किसी का इंतज़ार नहीं करते. अतः जो समय का दुरूपयोग करते हैं, वे अपने जीवन को नष्ट कर बैठते हैं.
जो व्यक्ति समय के महत्व को समझ जाते हैं वे ना तो भाग्य का सहारा लेते हैं और ना ही किसी और का मुँह ताकते हैं. उनके लिए समय ही वो साथन हैं जो उन्हें सफलता की और ले जाता हैं. समय की गति बड़ी विचित्र होती हैं. व्यपार में खोया धन और अस्वास्था से खोई शक्ति को तोह फिर से प्राप्त किया जा सकता हैं परन्तु नष्ट हुआ समय कभी वापस नहीं आ सकता. समय सफलता की कुंजी हैं. जो इसके महत्व को पहचानते हैं, वे ही समाज में अपना नाम शिकार तक पंहुचा सकते हैं.
समय का सदुपयोग करने पर मन्युष संतुष्ट और सुखी रहता हैं. चुस्ती से एक घंटे में जितना काम कर सकते हैं, सुस्ती से एक दिन में भी उतना काम नहीं किया जा सकता हैं. कई युद्ध समय के पालन के कारण ही जीते गये हैं.
समय एक अमूल्य धन हैं. घडी की टिक-टिक हमें सदा जाग्रत करती रहती हैं. घडी की सुइंयाँ हमें बताती रहती हैं कि जीवन का यह क्षण भी गया. हमें चाहिए कि आज विज्ञान के युग में रुपये-पैसे की भाँति समय का भी हिसाब- किताब रखें. अमूल्य जीवन के समय को कौड़ियों के भाव ना लिटने दे. समय का सदुपयोग कभी निष्फल नहीं जाता इसलिए इसका सही और भरपूर इस्तेमाल करें.
समय का सदुपयोग Essay in Hindi Class 7
सचमुच, समय एक अनमोल वस्तु है| संसार में कोई भी वस्तु मिल सकती हैं, किन्तु खोया हुआ समय फिर हाथ नहीं आता| दुनिया में ऐसी कोई नहीं है जो गुजरे हुए घण्टों को फिर से बजा दे| समय के सदुपयोग पर ही हमारे जीवन की सफलता प्राय: निर्भर रहती है| वास्तव में अपने बहुमूल्य जीवन की कीमत वह मनुष्य समझता है, जो एक पल की कीमत समझता है| समय का जिसने सदुपयोग कर लिया, उसने अपने जीवन का सदुपयोग कर लिया|
यह दुख की बात है कि कई लोग समय का दुरुपयोग करते हैं| सबेरे आठ बजे तक तो उनकी आँखें नींद में ही डूबी रहती हैं| फिर उठते हैं, तो आधा घंटा आलस्य उतारने में ही बीत जाता हैं| दिनभर में जीतने घंटे हम काम करते हैं, तो उसे कई गुना अधिक समय फिजूल की बातों में और निरर्थक कामों में बिताते हैं| कई लोग तो दिन भर ताश और शतरंज की बाजी में उलझे रहते हैं| यद्यपि हमारे जीवन में मनोरंजन समय का सदुपयोग करने के लिए हमें प्रत्येक कार्य निश्चित समय में ही पूरा करने का प्रयत्न करना चाहिए| कुछ दिनों के निरन्तर अभ्यास से हमें समय का उचित उपयोग करने की आदत पड़ जाएगी और हमें जीवन को सफल बनाने की कुंजी मिल जाएगी| समय का विभाजन कर हम अध्ययन, व्यायाम, सत्संग, समाज-सेवा, मनोरंजन आदि अनेक कार्य सरलतापूर्वक कर सकते हैं| इससे न तो हमें काम बोझ मालूम होगा और न ही “अब कौन-सा काम करें ?” यह सोचने में समय नष्ट होगा| समय का सदुपयोग पर निबंध
अपने समय का सदुपयोग किये बिना कोई भी व्यक्ति महान् नहीं बन सकता| दुनियाँ के महापरुष समय की कीमत जानते थे, इसलिए वे महान बन सके| समय का सदुपयोग करके ही वे संसार में अमर कीर्ति प्राप्त कर सके थे| वाटरलू युद्ध में यदि एक सरदार चन्द घड़ियों की देरी न कर देता, तो नेपोलियन अपनी घोर पराजय से बच जाता| समय का सदुपयोग पर निबंध
यदि हमें अपने जीवन से प्रेम हैं, तो हमें अपने बहुमूल्य समय को कभी भी नष्ट कर देता है| हमें कबीर का यह दोहा ध्यान में रखना चाहिए –
“कल करे सो आज कर , आज करे सो अब|
पल में परलै होयगी, बहुरि करैगा कब|”
समय का सदुपयोग Essay in Hindi for Class 8
आम जिन्दगी का सबसे बहुमूल्य शब्द है,समय | यह एक मात्र शब्द है, जो व्यक्ति के जन्म से उसकी अंतिम सास तक उसके साथ होता है | परन्तु बदलते ज़माने के साथ इस शब्द का महत्व ,लोगों ने बदल सा दिया है | बहुत ही चर्चित वाक्य है –“ हमे समय नहीं मिला | ”
कभी यह सोचा है कि, ऐसा क्यों हो रहा है | यदि कभी इस विषय पर सोचा जाये , तब हमे पता चलेगा की बदलते वक्त के साथ हमने खुद को इतना बदल दिया है कि, हम एक पल पीछे पलट कर देखे तो पता चलेगा कि, हमने तो अपनों को ही खो दिया है | या यह भी कहा जा सकता है कि, हमने स्वयं को खो दिया है तो भी, अतिश्योक्ति ना होगी |
क्या समय में कोई परिवर्तन हुआ है ? नही, परिवर्तन इंसान में हुआ है | बदलती सदी के साथ इंसान बदल गया है| एक बार हम सोंचे कि, पहले जब हमारे पूर्वज हुआ करते थे तब ,कभी इस तरह की समस्या आती थी ? 24 घंटे तब भी थे, आज भी वो ही 24 घंटे है | समय के इस चक्र में परिवर्तन नही हुआ है| वह तब से अब तक, निरंतर चल रहा है |
बीसवी सदी पूर्व ,कभी ऐसी समस्या नही आती थी कि, लोगो के पास समय नही हुआ करता था| जबकि ,तब सुख-सुविधा की कोई वस्तु उपलब्ध नही हुआ करती थी| मीलो दूर यात्रा करने के लिये ना ही, यातायात के साधन उपलब्ध होते थे , ना ही मनोरंजन के कोई साधन , ना ही विलासिता के कोई और साधन उपलब्ध थे| तब काम करने के लिए रात-रात भर जागना नही होता था|
वास्तव में, तब जीवन ज्यादा सरल हुआ करता था क्यों कि, उस समय व्यक्ति का “जीवन घड़ी का गुलाम” नही था|
बदलते वक्त के साथ ,जैसे-जैसे मशीनों का आविष्कार हुआ, कल-कारखानों का निर्माण हुआ, नौकरी का दौर शुरू हुआ, समय भागता चला गया| जिन्दगी मानो रेल की पटरी से तेज चलने लगी| पैसे कमाने की इस दौड़ में, सुख-सुविधा का सामान जुटाने में, व्यक्ति ने स्वयं को इतना व्यस्त कर दिया है कि, उसे यह तक नही पता कि, जिस परिवार या स्वयं लिए वह यह सब कर रहा है, उनसे तो वो बहुत दूर हो चुका है|
ऐसा सब क्यों हो रहा है?
क्या सही माइने में मशीन बनाते-बनाते और उसके साथ काम करते हुए हम भी बिल्कुल उसी तरह बन गये है? हमे आज फिर से जरुरत है कि हम कुछ पल के लिए रुके, और देखे की आखिर जो अनमोल जीवन भगवान ने हमे दिया है , हम उसे व्यर्थ न गवाये |
समय को जानने के लिए बहुत छोटा सा गाणित लगाए, सिर्फ एक दिन का –
24 घंटे – 8 घंटे सोने के, 2 घंटे नित्यकर्म के, 6-8 घंटे जॉब के ,
बचा जो समय है, वो हमारे लिए है | मात्र 6-8 घंटे अर्थात् , जिन्दगी के 30-40 प्रतिशत भाग हमारे हाथ में जो सिर्फ, हमारे लिए है| हम अपने इस जीवन में वह सभी करे, जिसके लिए हमे जन्म मिला है| यह सब तभी होगा जब हम अपने,सही और सुचारू रूप से करेंगे|
देखा जाये तो, मनुष्य को बहुत छोटी सी ज़िन्दगी मिली है| उसे व्यर्थ गवाने के बजाये, पूरी सूझ-बुझ के साथ हर एक दिन की योजना बना कर जिये , इससे हमारी जिन्दगी बहुत आसान और खुशनुमा हो जाएगी |
कैसे करे अपने समय का सदुपयोग ?
ऐसा कहा जाता है कि, जो बीत गई ,वो बात गई | बहुत छोटी सी बात है , कि जो भी भूल या गलतिया पहले हुई है, जो समय हमने बर्बाद किया है उनसे कुछ सिख कर आगे कि जिन्दगी को व्यर्थ न गवाए |
समय के सदुपयोग के महत्वपूर्ण बिन्दु –
लक्ष्य तय करे – समय का सदुपयोग तब ही हो पायेगा, जब हम अपनी जिन्दगी में लक्ष्य तय करेंगे| हमे कब, क्या और कितने समय में ,पूरा करना है| बड़े लक्ष्य तक पहुचने के लिए हमे छोटे – छोटे लक्ष्य तय करने होंगे| जोकि, हर दिन के लिए अलग-अलग हो|
समय का सदुपयोग करने के लिए टाइम मैनेजमेंट करे – जिन्दगी में हर एक खोई हुई वस्तु जैसे- धन, संपत्ति या और कुछ महत्वपूर्ण सामान भी दुबारा लाया जा सकता है |
परन्तु ,सिर्फ एक समय ही ऐसी बहुमूल्य वस्तु है जो ,एक बार जाने के बाद दुबारा नही मिलती है | हमारा एक-एक पल बहुत की कीमती है, इसे ऐसे ही व्यर्थ न गवाए | हर घंटे का मैनेजमेंट करे |
इसके लिए टाइम टेबल बनाये | और एक डायरी मेंटेन करे कुछ समय तक उसमे रात में पूरी दिनचर्या लिखे खुद पता चलेगा की कहा और कितना समय बर्बाद किया है हमने | उस बर्बाद समय की भी प्लानिंग कर उसे उपयोग करे|
प्राइम टाइम में काम करे , पूरे दिन में एक टाइम ऐसा होता है जब हम पूरी तरह से एक्टिव होते है जैसे – सुबह| अर्थात्, सुबह में महत्वपूर्ण कार्य समय के अनुसार तय कर, उसे करे|
काम का महत्व समझे – लक्ष्य के अनुसार काम बाटे | काम के महत्व को समझे और उसकी प्राथमिकता(Priority) तय करे| छोटे-छोटे काम की लिस्ट बनाये और जिस काम को पहले करना है उसे, समय के साथ तय करे| काम के महत्व के साथ अपने समय की भी बचत करते हुए चले | जैसे –
आलस्य न करे|
काम को न टाले|
लालच किसी चीज़ की न रखे |
आज का कार्य , कल पर न छोड़े|
इंटरनेट व मोबाइल जैसी आधुनिक तकनीकीयो का उपयोग आवश्कतानुसार ही करे|
यह सभी चीज़े हमारे समय को व्यर्थ करती है |
समयसीमा तय करे – समय के सदुपयोग के लिए बहुत आवश्यक है कि, हम हर काम के लिए समयसीमा(Deadline) तय करे | एक निश्चित समय के तक हमे अपना कार्य पूर्ण करना है तभी जिंदगी में आगे बढेंगे|
समय के सदुपयोग के लिये ऐसी बहुत सी बाते है जिन्हें समय के साथ सीखते हुए ,समय के साथ जिन्दगी में ठोकर खाते हुए, कदम-कदम पर उसी समय की प्लानिंग करते हुए निश्चित समय तक अपने लक्ष्य तक जरुर पहुचंगे|
Samay ka sadupayog Essay in Hindi for Class 9 समय का सदुपयोग पर निबंध
समय के मूल्य को पहचानना ही समय का सदुपयोग है। समय का एक-एक पल किसी भी मूल्यवान वस्तु से अधिक मूल्यवान है। जो समय का सदुपयोग करते हैं, सफलता उनके चरण चूमती है। जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझते, वे सफलता के पास कभी नहीं पहुँच पाते। समय पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। ईश्वर ने जितना समय हमें दिया है उसमें से एक क्षण भी, न बढ़ाया जा सकता है न ही घटाया जा सकता है। बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता। वह अपनी गति से चलता है। समय के एक-एक पल का सदुपयोग करना चाहिए। समझदार बच्चे पढ़ने के समय पढ़ते हैं, खेलने के समय खेलते हैं और मनोरंजन के समय मनोरंजन करते हैं। ऐसे विद्यार्थी बड़ी से बड़ी परीक्षा को भी चुटकियों में पास कर लेते हैं। विद्यालय से जो समय बचता है उसका सदुपयोग अन्य कलाओं को सीखने में लगाते हैं।
कबीर दास जी ने भी कहा है :
“कल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में परलै होयेगी बहुरि करेगा कब।”
आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। समय पर कार्य करने वाला व्यक्ति केवल अपना ही भला नहीं करता बल्कि अपने परिवार, ग्राम तथा राष्ट्र की उन्नति में भी सहायक होता है। समय का सदुपयोग करके निर्धन-धनवान, निर्बल-सबल और मूर्ख-विद्वान बन सकता है। यदि इतिहास की तरफ झाँकें तो संसार में जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उनकी महानता के पीछे समय के सदुपयोग का मूलमन्त्र रहा है।
समय का भयंकर शत्रु आलस्य है। आज युवा पीढ़ी के बहुत से लोग अवकाश के दिनों में निठल्ले घर पर बैठे रहते हैं। ऐसे लोगों की यह धारणा है :
“आज करै सो कल कर, कल करै सो परसों, इतनी भी क्या जल्दी है, अभी पड़े हैं बरसों ?”
जिससे उनको स्वयं को ही हानि नहीं होती बल्कि देश को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। बजुर्गों ने ही यह कहा है कि निठल्ले बैठने से ‘बेग़ार’ करना भी भला है। व्यर्थ ख़ाली बैठे रहने की अपेक्षा अगर किसी के काम में उसकी सहायता कर दी जाए तो ‘एक पंथ-दो काज’ हो जाते हैं। एक तो जरूरतमंद की सहायता हो जाती है, दूसरा खाली बैठने की अपेक्षा हम कुछ न कुछ नया अवश्य सीखते हैं।
महान वैज्ञानिकों ने अपनी प्रयोगशालाओं में एक-एक पल का सदुपयोग करते हुए नए-नए आविष्कार किए हैं। समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति इतिहास में अमर हो जाते हैं। विश्व में जितने भी विकसित देश हैं, उनके निवासी समय के महत्व को समझते हैं।
वे सब काम समयानुसार करते हैं। हमें भी समय के सदुपयोग का संकल्प लेकर भारत देश को विकसित देश की पंक्ति में अग्रणी बनाना है।
Samay ka sadupayog Essay in Hindi for Class 10 समय का सदुपयोग पर निबंध
सही समय पर किए गए कार्यों का परिणाम सदैव अच्छा होता है। किसी भी सफलता का रहस्य समय की गति और उसके महत्व को पहचानने में निहित है। समय को सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण एवं मूल्यवान धन माना गया है। अंग्रेजी में एक प्रसिद्ध कहावत है: “The time is gold” अर्थात् समय ही सोना अर्थात मूल्यवान धन है। इस धन का उचित उपयोग करना जिसने सीख लिया उसके लिए संसार में अन्य कुछ भी अर्जित करना कठिन नहीं रह जाता। संसार की अन्य धन-संपत्तियाँ तो नष्ट हो जाने पर पुन: अर्जित की जा सकती है; पर समय रूपी धन-संपत्ति के एक बार हाथ से निकल जाने के उपरांत उसे लौटाया नहीं जा सकता। इसी कारण समय को सर्वाधिक मूल्यवान धन मान कर उसका हर तरह से सदुपयोग करने की बात कही जाती है।
कुछ लोग झूठ-भ्रम के शिकार हो, यह सोच कर हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहते हैं कि अभी उपयुक्त समय नहीं है, जब अच्छा समय आएगा, तब यह काम कर लेंगे। ऐसे लोग शायद यह भूल जाते हैं कि बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता। वह तो निरंतर जाता रहता है। हम निरंतर कर्म करते रह कर ही समय का सदुपयोग कर सकते हैं। अच्छे कर्म करके स्वयं अच्छे रह कर ही समय को अपने लिए अच्छा, सौभाग्यशाली एवं प्रगतिशील बनाया जा सकता है। इसके अलावा अन्य कोई गति नहीं। अन्य सभी बातें तो समय को व्यर्थ गंवाने वाली हैं। बुरे कर्म और बुराई तथा बुरे व्यवहार अच्छे समय को भी बुरा बना देते हैं।
संसार में समय के रुख, समय के चक्र पहचान कर, उचित ढंग से उचित रीति-नीति से उचित काम करने वाला व्यक्ति ही हर तरह से सफलता का अधिकारी बन पाता है। हर आदमी के जीवन में एक-न-एक बार वह समय जरूर आता है जब यदि व्यक्ति उसे पहचान – परख कर उस समय अपना कार्य शुरु कर दे, तो कोई कारण नहीं कि उसे सफलता न मिल पाए। शेक्सपीयर ने अपने नाटक में ‘जूलियस सीजर’ के मुख से ही कहलवाया है कि “There is a tide of time” अर्थात् समय का एक पल ऐसा भी होता है कि उसे जान लेने वाला व्यक्ति कहाँ-से-कहाँ पहुँच जाया करता है। समय को पहचान कर इस तरह उचित कार्य करना ही समय का सदुपयोग कहलाता है।
लोक-जीवन में कहावत प्रचलित है कि पलभर का चूका आदमी मीलों पीछे हो जाता है। उस उचित पल को पहचान कर समय पर चल देने वाला व्यक्ति अपनी मंजिल भी उचित एवं निश्चित रूप से प्राप्त कर लेता है। स्पष्ट है कि जो चलेगा, वही आगे बढ़ेगा और अंतत: मंजिल पर पहुँच पाएगा। खड़ा रहने वाला व्यक्ति मंजिल पाने के मात्र सपने ही देख सकता है, व्यवहार के स्तर पर उसकी परछाई का भी स्पर्श नहीं कर सकता। इसलिए आदमी को जो भी वह करना चाहता है, तुरंत आरंभ कर देना चाहिए। आज का काम कल पर कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अपने कर्तव्य कर्म को करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। कार्य छोटा है या बड़ा, यह भी नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। अच्छा और सावधान व्यक्ति अपने सद्व्यवहार, अच्छी नीयत और समय के सदुपयोग से छोटे अथवा साधारण कार्य को भी बड़ा और विशेष बना देता है।
सृष्टि के आरंभ से लेकर आज तक के मानव के विकास और प्रगति का जो इतिहास रचा गया है, वह सब समय के उचित प्रयोग से ही संभव हुआ और हो रहा है। यदि महान कार्य करके यश और कीर्ति पाने वाले लोग भी कल के भरोसे हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहते, तो आज जो सुख और आनंद के तरह-तरह के साधन उपलब्ध हैं, वे कभी न हो पाते। मनुष्य और पशु-पक्षी में यही तो वास्तविक पहचान और अंतर है कि मनुष्य समय की कीमत को पहचान उसका सदुपयोग करना जानता है, जबकि पशु-पक्षियों के पास ये गुण नहीं होता है।
आंख की पलक को झपकाने का तात्पर्य है समय का एक अंश घट जाना, पता नहीं कब समय समाप्त हो जाए और मृत्यु आकर साँसों का अमूल्य खज़ाना समेट ले जाए। महापुरुषों ने इस तथ्य को अच्छी तरह पहचान कर ही एक साँस या एक पल भी बेकार न गंवाने की बात कही है। आज जितने भी सफल व्यक्ति हैं उन्होने समय की कीमत को पहचाना और उचित समय पर उचित कार्य करके सफलता अर्जित की। संत कबीर का यह सामान्य सा प्रतीत होने वाला दोहा समय के सुदपयोग के महत्त्व को ही स्पष्ट करता है:
“काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलै होयगी, बहुरी करोगे कब।।”