सर्दी, गर्मी, बसन्त, पतझड़ ऋतुओं की इस श्रृंखला में वर्षा ऋतु का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गर्मी के उमस और गर्म दिनों के बाद सभी को बरसात की प्रतीक्षा होती है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ बरसात का महत्व और भी अधिक है। गांवों की खुशहाली बरसात पर निर्भर करती है। अच्छी बरसात और अच्छी फसल होने से कृषकों के घर परिवार धन धान्य से भर जाते हैं। अच्छी वर्षा होने से नदियों में जल स्तर में वृद्धि होती है। बिजली का उत्पादन भी अधिक होता है।
पर हम बच्चों के लिये बरसात एक अलग ही महत्व रखती है। वर्षा के साथ आने वाली मस्ती हमें शरारती बना देती है। हमारे शरीर में एक नये जोश का संचार होता है। पिछले वर्ष बरसात का महीना बहुत बढ़िया निकला। उसका एक दिन तो मैं कभी नहीं भूल सकता।
मैं अपने मित्रों के साथ विद्यालय से वापस आ रहा था कि अचानक बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली की चकाचौंध से हम सजग हो गये। सूरज छिप गया। बादल छा गये। अँधेरा होने लगा। कुछ ही क्षणों में पानी बरसने लगा। साथ ही तेज हवायें चलने लगीं। जैसे सब कुछ उड़ा कर ले जायेगी। हम सब पहले एक पेड़ के नीचे खड़े हुए, पर वहाँ भी भीग गये तो रास्ते में बड़े से घर के आंगन की छत के नीचे खड़े हो गये। हमारे अतिरिक्त वहाँ कुछ अन्य राहगीर भी बरसात से बचने के लिए खड़े थे।
कुछ ही देर में सड़कों पर पानी भर गया। आते आते वाहन पानी उड़ाते हुये तेजी से निकलने लगे। एक दो व्यक्ति के तो कपड़े भी खराब हो गये।
तेज हवा और बारिश का यह सिलसिला लगभग एक घंटा चला। फिर बूंदें कुछ हल्की पड़नी प्रारम्भ हुयीं तो सभी लोग एक एक कर बाहर निकलने लगे। सभी भीग गये थे। कपड़े, बैग, जूते सबसे पानी टपक रहा था। रास्ते में चारों ओर पेड़ पौधे और घर भीगे हुये दिख रहे थे।
1000 हिन्दी मुहावरे, मुहावरों का अर्थ और वाक्य प्रयोग
घर आकर मैंने कपड़े बदल कर गर्म गर्म खाना खाया तभी आकाश में मैंने बड़ा सा रंग बिरंगा इन्द्रधनुष देखा। फिर अपने मित्र के साथ मैं सड़क पर भरे बरसात के पानी में काजग की नाव तैराने चला गया।