15 अगस्त भारतवर्ष का राष्ट्रीय त्योहार है। सन् 1947 में इसी दिन भारत को विदेशी दासता से मुक्ति मिली थी और भारत स्वतंत्र हुआ था।
यह त्योहार सारे भारतवासियों द्वार मिलकर हर्ष उल्लास से मनाया जाता है। भारतवासी स्वतंत्रता का मूल्य समझते हैं। अंग्रेज भारत में व्यापारी बनकर आये और इस देश के शासक बन बैठे। उनकी ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति सफल हुई। अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचारों के साथ भारत के देशभक्तों में स्वाधीनता प्राप्ति की भावना बढ़ती गयी। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का इतिहास बहुत लम्बा है। हजारों वीर और वीरांगनाओं के त्याग और बलिदान के पश्चात हमें स्वतंत्रता मिली। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, शिवाजी, लाला लाजपत राय, बालगंगाधर तिलक, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, नेहरू जी, सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी जैसे हजारों शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की कहानियों से पुस्तकें भरी पड़ी हैं। जिस दिन अंग्रेज भारत छोड़कर गये उस दिन 15 अगस्त था। अतः हर वर्ष इस दिन को उन शहीदों की स्मृति में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस पर पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक विद्यालय, कार्यालय, गांव और नगर में समारोह आयोजित होते हैं। मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर आयोजि त होता है। भारत के प्रधानमंत्री देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। ‘जय हिन्द’ के नारे लगाये जाते हैं। राष्ट्रगान गाकर ध्वज को सलामी दी जाती है। इक्कीस तोपें दागकर सुरक्षाबल भी अपनी भावना व्यक्त करते हैं।
सारे देश में इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। सभी सरकारी कार्यालयों पर रोशनी की जाती है।
Short Independence Day Essay in Hindi
स्वतंत्रता दिवस
भारत में ‘स्वतंत्रता दिवस’ 15 अगस्त को मनाया जाता है। 15 अगस्त, 1947 को भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त होकर स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री लाल किला, दिल्ली में झंडा फहराते हैं। झंडे को सलामी दी जाती है और राष्ट्रीय गीत एवं धुन गाई जाती है। प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम सन्देश देते हैं और देशभक्तों को याद किया जाता है।
देश के सभी राज्यों की राजधानियों में झंडा रोहण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, निगम एवं प्रशासनिक कार्यालयों में झंडारोहण का कार्यक्रम होता है। स्कूल एवं कालेजों में विभिन्न कार्यक्रम, खेल-कूद एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होता है तथा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस निबंध Essay on Independence Day In Hindi:
तुलसीदास जी ने ठीक ही लिखा है, पराधीन सपनेहु सुख नाहि यानि एक गुलाम व्यक्ति कभी न तो सुख चैन से रह सकता है. न साँस ले सकता है. आज से 72 वर्ष पूर्व तक हमारी भी यही स्थति थी. न तो हमारे देश में कानून कायदे तो थे, मगर अंग्रेजो के बनाये. हम अपने देश में चाहकर भी कुछ नही कर सकते थे.” क्युकि हम पराधीन थे. हम अंग्रेजो के गुलाम थे.आज हम पूरी तरह से स्वतंत्र है, हम तकनिकी, शिक्षा, खेल, विकास जैसे क्षेत्रो में उन देशो से कई कदम आगे है. जो हमसे पहले आजाद हुए या गुलामी झेली ही नही.
देश के सभी नागरिक अपने राष्ट्रिय उत्सवो से पूर्ण परिचित है. हर वर्ष 15 अगस्त के दिन देश भर में सभी स्थानों पर स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.भारत के बाहर जिस देश में भी कोई भारतीय मूल का रहता है. वो स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने घर में ही इसे तिरंगा फहराकर मनाते है.
14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत ने स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली थी. अगली सुबह दिल्ली के लाल किले पर पहली दफा तिरंगा फहराकर पुरे देश ने धूमधाम के साथ अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया था. पिछले 70 वर्षो से हम आजादी के इस पावन दिन को मनाते आ रहे है. आज हम अपना 72 व़ा स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे है.
स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते है ?
स्वतंत्रता दिवस का पावन पर्व पुरे देश में हर्ष और उल्लाश के साथ मनाया जाता है. इसी दिन 15 अगस्त 1947 को देश के सभी नागरिको को आजाद रहने जो चाहे जब चाहे करने का हक़ मिला था. जो सपना 1857 के क्रांतिकारियों ने देखा था आखिर वो 14 अगस्त 1947 की रात को पूरा हो गया था.आपकों बता दे आजादी के साथ ही भारत का पूर्व निर्धारित विभाजन भी हो चूका था. इस वजह से भारत से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जबकि 15 अगस्त को भारत अपना आजादी का दिन मनाता है.
करीब 90 वर्षो की खुनी लड़ाई और 200 वर्षो तक के अंग्रेजो के अत्याचारी शासन को उखाड़ने के लिए हजारो-लाखो स्वतन्त्रता प्रेमियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी. इसी कारण हम 15 अगस्त को वीर शहीदों की याद में आजादी का यह जश्न मनाते है.
स्वतंत्रता का अर्थ
व्यवहारिक जीवन में स्वतन्त्रता का अर्थ इस Independence Day Essay की शुरूआती पक्तियों में बताया जा चूका है. यदि हम स्वतन्त्रता शब्द के निर्माण पर नजर डाले तो स्व तथा तंत्र शब्दों से मिलकर बने स्वतन्त्रता के दो अर्थ होते है. सकारात्मक और नकारात्मक.
नकारात्मक स्वतंत्रता– व्यक्ति पर किसी दुसरे की कोई पाबंदी ना हो, वह जो चाहे वो कर सकता है. उसकी मर्जी के खिलाफ कोई शासन या सता निर्थक है. वह बिना किसी प्रकार की रुकावट के कोई भी कार्य कर सकता है.
सकारात्मक स्वतंत्रता– ये आजादी का दूसरा रूप है, जो सभी देशो में अपनाया जाता है. इसमे व्यक्ति को सभी तरह की स्वतंत्रता तो मिलती है. मगर उनके साथ कुछ उपबन्ध भी जुड़े होते है. इसके अतिरिक्त देश की मुख्य नियम प्रणाली जिन्हें सविधान भी कहा जाता है, उनकी पालना करनी पडती है. इस स्वतंत्रता में एक व्यक्ति को स्वय की स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए दुसरे व्यक्ति की आजादी का भी ध्यान रखना पड़ता है.
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
किसी व्यक्ति अथवा राष्ट्र के लिए स्वत्रन्त्रता का बहुत बड़ा महत्व है,एक गुलाम मुल्क की कोई पहचान नही होती है.न ही किसी तरह के सम्बन्ध अन्य राज्यों के साथ बना सकता है. स्वतंत्रता और अधिकार एक दुसरे के पूरक है. स्वतंत्रता के बिना अधिकार कोई महत्व के नही होते है. स्वतंत्रता को व्यक्ति का प्राक्रतिक मौलिक अधिकार है, जिन्हें कोई हडप या छीन नही सकता है. मगर कुछ ताकतवर मुल्क ऐसा करने से पीछे नही हटते है.
स्वतंत्रता ही एक राष्ट्र की पहचान होती है, एक स्वतंत्र मुल्क ही अपने फैसले स्वय ले सकता है. अपना विकास कर सकता है, दुसरे राष्ट्रों के साथ अपने राजनितिक आर्थिक सम्बन्ध स्थापित कर सकता है.
हम आजाद हुए आज 72 साल हो चुके है, यह दिन एक अमूल्य आजादी की प्राप्ति की खातिर अपनी जान न्योछावर कर देने वाले वीरो को याद करने का है. साथ ही यह दिन है हमारी वर्तमान स्थति का विश्लेषण करने का. आजादी के इन 72 वर्षो में हमने क्या पाया और क्या खोया.
Essay on independence day in hindi for class 5
स्वतन्त्रता दिवस निबंध | Essay on Independence Day in Hindi for the students of Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10:
प्रस्तावना– अपनी स्वतंत्रता पर गर्व करना किसी भी देश के लिए गौरव की बात हैं. स्वतंत्रता प्राप्ति करने में लाखों वीर बलिदान हो जाते हैं. शहीदों की स्मृति को बचाए रखने तथा स्वतंत्रता पर गर्व करने के लिए स्वतंत्रता दिवस समारोह हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता हैं.
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस मनाने का कारण– हमारा देश सदियों की परतन्त्रता के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. इस शुभ दिन के लिए न जाने कितने वीरों ने अपनी जान न्यौछावर कर दी. इस दिन लाल किले पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा मुक्त आकाश में फहर उठा. सभी भारतवासियों ने इसी दिन गुलामी की जंजीरों से मुक्ति पाई. इस दिन बलिदानियों को श्रद्धा के साथ याद किया जाता हैं.
विभिन्न कार्यक्रम– स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं. इस पावन पर्व को सरकार एवं जनता दोनों धूमधाम से मनाते हैं. दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री राष्ट्रध्वज फहराते हैं. तथा सैनिक राष्ट्रध्वज को सलामी देते हैं. सरकारी कार्यालयों विद्यालयों तथा महत्वपूर्ण संस्थाओं में राष्ट्रध्वज फहराएं जाते हैं. तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. संसद भवन, विधानसभाओं एव विभिन्न सरकारी भवनों पर रंग बिरंगी रोशनी की जाती हैं.
पूरे दिन राष्ट्रभक्ति एवं देशप्रेम के गीत गूंजते हैं. आकाशवाणी एवं दूरदर्शन राष्ट्रभक्ति के विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं. देश के सभी नगरों में तथा गाँव गाँव में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता हैं.
उपसंहार– हमें स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने की औपचारिकता ही पूरी नही करनी हैं. बल्कि हमे यह संकल्प लेना होगा कि देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्राण भी देकर स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजनों का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay on Independence Day in Hindi 150 Words
भारत देश अन्य देशों से अलग है| 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था जिसकी ख़ुशी में हर साल भारत के लोग इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाते हैं.
स्वतंत्रता दिवस का त्यौहार नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है और भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और लाखों लोगों की भीड़ स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होती है.
लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा भाषण दिया जाता है और तीनों भारतीय सेनाओं द्वारा अपनी ताकत का प्रदर्शन किया जाता है| साथ ही कई सारे रंगारंग कार्यक्रम प्रदर्शित होते हैं जैसे-भारत के राज्यों द्वारा झाकिंयों के माध्यम से अपनी कला और संस्कति की प्रस्तुति, स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन करना आदि.
15 अगस्त पर भारत के उन सभी महान हस्तियों को याद करते है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्णं योगदान दिया और यह उत्सव देश के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस पर छोटा निबंध हिंदी में – Independence Day Essay in Hindi 200 Words
भारत देश सभी देशों से अलग है| भारत में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं| आज भारत में सभी जाती धर्म के लोग आजादी के साथ जीते हैं| भारत में आजादी के बाद जाति भेदभाव करीब करीब खत्म ही हो गया है अब चारों तरफ एक समानता नजर आती है.
15 अगस्त 1947, भारत की आजादी का दिन है इस खास दिन को एक उत्सव की तरह हर साल भारत में स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है.
इस कार्यक्रम को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है और भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर झंडा फहराया जाता है तथा लाखों लोगों की भीड़ स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होती है.
लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा भाषण दिया जाता है और तीनों भारतीय सेनाओं द्वारा अपनी ताकत का प्रदर्शन किया जाता है साथ ही कई सारे रंगारंग कार्यक्रम प्रदर्शित होते हैं जैसे-भारत के राज्यों द्वारा झाकिंयों के माध्यम से अपनी कला और संस्कति की प्रस्तुति, स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन करना आदि।
15 अगस्त पर हम भारत के उन सभी महान हस्तियों को याद करते है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्णं योगदान दिया। साथ ही यह उत्सव देश के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों तथा अन्य स्थलों पर भी पूरे हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में – Independence Day Speech in Hindi 250 Words
भारतीय स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है| इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है ये दिन भारतीय लोगों को ब्रिटिश शासन से अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए हुए युद्ध को याद दिलाता है.
भारत की आजादी ढ़ेरों आंदोलनों और सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों की आहुतियों से ही प्राप्त हुई है। आजादी के बाद प० जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया.
स्वतंत्रता दिवस दिन को शिक्षक, विद्यार्थी, अभिवाहक और सभी लोग ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रगान कर मनाते हैं| भारतीय ध्वज तिरंगा प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर फहराया जाता है.
राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी के साथ उस पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर सम्मान दिया जाता है.
हमारे तिरंगे झंडे में केसरिया हिम्मत और बलिदान को, सफेद रंग शांति और सच्चाई को तो वहीं हरा रंग विश्वास और शौर्य को प्रदर्शित करता है.
भारतीय तिरंगे के मध्य एक अशोक चक्र होता है जिसमें 24 तिलियाँ होती है। इस खास दिन पर हम भगत सिंह जी, सुखदेब जी, राजगुरु जी गांधीजी जैसे उन साहसी पुरुषों के महान बलिदानों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अविस्मरणीय योगदानों के लिये याद करते है.
स्कूलों में कॉलेजों और अन्य मुख्य स्थानों पर विद्यार्थी द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों पर व्याख्यान दिया जाता हैं तथा परेड में भाग लिया जाता हैं.
इस खास अवसर को सभी अपनी-अपनी तरह मनाते है, कोई देशभक्ति की फिल्में देखते है तो कोई अपने परिवार और मित्रों के साथ बाहर घूमने जाता है तो कोई पतंगे उड़ाते हैं.
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का महत्व पर निबंध – Speech on Independence Day in Hindi 300 Words
15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था| भारतीय स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 पर ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को प्राप्त करने की याद में हर साल भारतीयों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय अवकाश होता है इस दिन, भारत के उन महान हस्तियों को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुये हैं.
15 अगस्त का त्यौहार प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपने तौर तरीकों से मनाया जाता है कोई मित्रों और परिवारों के साथ इस दिन को यादगार बनाता है तो कोई देशभक्ति गानों और फिल्मों को देख झूमता है, रंग बिरंगे पतंगे उडाते हैं.
इस दिन कई लोग कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर तथा विभिन्न माध्यमों के द्वारा स्वतंत्रता दिवस के महत्व को प्रचारित-प्रसारित करते है.
15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प० जवाहर लाल नेहरू जी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने की प्रथा शुरू की।
इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बरकरार रखा है| जहां ध्वजारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यकर्मो आदि से हर साल इसी दिन आयोजित होते है। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर लोग अपने-अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते है.
15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को अपने भाषण “’ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी”, के साथ पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की आजादी की घोषणा की थी साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, वर्षों की गुलामी के बाद ये वो समय है जब हम अपना संकल्प निभाएंगे और अपने दुर्भाग्य का अंत करेंगे.
भारत ही मात्र एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा और संस्कृति के होते हुए भी एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं.
इस दिन, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व होता है और हम भारतियों को ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे.
15 August Essay in Hindi Language 400 Words
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था| भारतीय स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को प्राप्त करने की याद में हर साल भारतीयों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय अवकाश होता है इस दिन, भारत के उन महान हस्तियों को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुये हैं.
भारत में स्वतंत्रता दिवस, ‘ब्रिटिश शासन से आजाद होने की ख़ुशी में’ सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। 15 अगस्त 1947 से स्वतंत्रता दिवस हर साल मनाया है.
गांधीजी, भगत सिंह जी, लाला लाजपत राय जी, तिलक जी और चन्द्रशेखर आजाद जी जैसे और अन्य हजारों देशभक्तों की कुर्बानीयों से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में है.
15 अगस्त को भारतीय अपने घरों को सजाते हैं, फिल्में देखते हैं, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर, रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं.
बच्चे तो रात को ही पतंगे तैयार कर लेते हैं और सुबह जल्दी उठ कर पतंग उड़ाने की ख़ुशी को मनाते हैं और भारतीय कई तरह से अपने स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण में देशभक्ति का जोश जगा देते है.
अन्य सभी राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते है.
घर के बड़े लोग तो सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित लोग 15 अगस्त को देशभक्ति फिल्में देखते है और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं.
भगत सिंह जी, लाला लाजपत राय, प० जवाहर लाल नेहरू जी, महात्मा गांधी जी जैस लोगों की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली.
स्वतंत्रता के लिये हर भारतीय एक जुट हो गए, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की थी.
भारत का स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay on 15 August in Hindi For Students 600 Words
हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था भारतीय स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को प्राप्त करने की याद में हर साल भारतीयों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय अवकाश होता है इस दिन, भारत के उन महान हस्तियों को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुये हैं.
भारत में स्वतंत्रता दिवस, ‘ब्रिटिश शासन से आजाद होने की ख़ुशी में’ सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। 15 अगस्त 1947 से स्वतंत्रता दिवस हर साल मनाया है.
गांधीजी, भगत सिंह जी, लाला लाजपत राय जी, तिलक जी और चन्द्रशेखर आजाद जी जैसे और अन्य हजारों देशभक्तों की कुर्बानीयों से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में है और तो और भारतीय स्वतंत्रता दिवस कि कहानी बहुत बड़ी है न जाने कितने लोगों ने भारतीय स्वतंत्रता दिवस के लिए अपनी जान दी शहीद हुए और हमें आज एक स्वतंत्र देश दिया खुद तो मौत को गले लगाया और हमें एक आजाद देश अनमोल तोहफे के रूप में दिया है.
आज भी उन शहीदों कि याद में आँखों से आंसू आ जाते है जिन्होंने भारत कि आजादी के लिए अपनी जान दी थी| महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में जब भारतीय स्वतंत्रता युद्ध में लोगों ने बड़ी जिद्दो जहद के साथ बिना किसी हिंसक क्रिया के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया.
अब जब भारत आजाद हुआ है तो 15 अगस्त को भारतीय लोग अपने घरों को सजाते हैं, फिल्में देखते हैं, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर, रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं.
बच्चे तो रात को ही पतंगे तैयार कर लेते हैं और सुबह जल्दी उठ कर पतंग उड़ाने की ख़ुशी को मनाते हैं और भारतीय कई तरह से अपने स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरे वातावरण में देशभक्ति का जोश जगा देते है.
अन्य सभी राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते है.
घर के बड़े लोग तो सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित लोग 15 अगस्त को देशभक्ति फिल्में देखते है और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं.
भगत सिंह जी, लाला लाजपत राय, प० जवाहर लाल नेहरू जी, महात्मा गांधी जी जैस लोगों की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली.
स्वतंत्रता के लिये हर भारतीय एक जुट हो गए, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की थी.
हमारा भारत एक महान देश है जहां विभिन्न प्रकार के त्यौहार आदि मनाये जाते हैं हमारे भारत में सब एक समान है, हमारे भारत में कोई असमानता नहीं है अब और यहाँ हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब एक दुसरे के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं.
आजादी की कभी शाम नही होने देंगे, शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की, बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल निलाम नही होंगे देंगे…”
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
भारत की आजादी को हासिल करने के लिए तक़रीबन 100 वर्ष का खुनी संघर्ष करना पड़ा. लाखों लोगों ने अपने वतन की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी थी. आज स्वतंत्रता दिवस 2018 के इस अवसर पर ऐसे वीर सपूतों को सच्चे दिल से नमन करता हू. जिन्होंने अपने स्वार्थ को सीधा करने के लिए बुद्द की भूमि कही जाने वाली इस भारत-भूमि पर मानवता का कत्लेआम शुरू कर दिया था, ऐसे अत्याचारियों के विरुद्ध के आजादी के रखवाले अपना सीना तानकर खड़े हो जाते थे.
वो अहिंसा की मूरत जो चले तो अकेले थे, मगर कुछ ही कदम पर उनके पीछे जुलुछ उमड़ चूका था. एक लाठी के सहारे चलने वाले उसी इंसान को समझने में कमजोरी कर दी थी. कि सत्य और अहिंसा जैसी बातों में कितना दम हो सकता हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, हजारो स्वतन्त्रता सैनानी, साहित्यकारों, समाजसुधारको के सयुक्त प्रयासों से आखिर भारत देश की जनता जाग उठी, इसका नतीजा था. ब्रिटेन के सपने तार-तार जो भारत को आने वाले कई सैकड़ो वर्षो तक गुलाम रखना चाहते थे.
जब भी इस भारत भूमि की जनता मूड में आई हैं, कोई विदेशी ताकत आँख भी नही उठा सकी हैं, भले ही आज हम राज्यों भाषाओ और धर्मो में विभाजीत हैं, हमारी एक ही पहचान हैं, हम भारतीय हैं, हमारे सभी भारतीय भाई-बहिन हैं. हमे फिर से एक होना होगा, फिर से जनता के मूड को जगाना होगा. क्युकि भले ही आज हम स्वतंत्र हैं, हमारे शासक हमारे द्वारा ही चुने जाते हैं. मगर स्थति बड़ी विकट हैं.
72 साल पहले तो एक ही समस्या थी. वो थे, अंग्रेज मगर आज हम भीतरी और बाहरी समस्याओ से ग्रस्त हैं. कभी सीमा पर तो कभी हमारे द्वारा पनपाई गईं, समस्याए खड़ी हो जाती हैं. इस वीर भूमि पर जन्म लेने वाला एक पुरुष नारी एक योद्धा होता हैं, भले ही समय बदलाव के साथ स्थ्तियाँ बदल गईं हो. मगर समस्याओं का इजाफा हुआ हैं.
सीमा पर जाकर दुश्मन की गोली झेलना ही देशभक्ति नही हैं, हम हमारे देश में रहकर भी अपने व्ययसाय नौकरी के करते हुई भी राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं. चाहे रिश्वत खोरी हो या बढती आबादी, स्वच्छता, अशिक्षा, देश के दुश्मनों को समर्थन ऐसे हजारो विषय हो सकते हैं. जिनमे हम सक्रिय रूप से भूमिका निभाकर इस देश की जनता को जाग्रत कर सकते थे. जब जनता मूड में आती हैं, तो संग्राम होता हैं, हमे फिर से देश के भीतर इस समस्याओ के विरुद्ध सयुक्त लड़ाई करनी होगी.
इसी के साथ मै अपनी वाणी को विराम देना चाहुगा.
राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन सम्बन्धी प्रमुख नारे वचन, Slogans Of Freedom Fighters In Hindi
Slogans 1#: स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार हैं.- बाल गंगाधर तिलक (भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने वाले पहले नेता तिलक ही थे, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा” नारे के बाद लोग उन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से पुकारने लगे थे.
Slogans 2#: सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं- राम प्रसाद बिस्मिल (बिस्मिल ने अपने प्रसिद्ध गीत सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ!हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? के द्वारा अंग्रेज सरकार को उखाड़ फेकने के लिए क्रांतिकारियों एवं युवाओं से आग्रह किया था)
Slogans 3#: सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा- मोहमद इकबाल (मुस्लिम शायर मोहम्मद इकबाल ने उर्दू की गजल सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां को गजल रूप में लिखा, जो आज देश भक्ति गीत का रूप ले चुकी हैं. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय लिखी गई इस गजल से अंग्रेज विरोधी भावना को प्रबल मिला. 1905 में लिखी गई इस रचना को इकबाल ने सर्वप्रथम लाहौर कॉलेज में गाया था. उनकी रचना बंग ए दारा में यह गीत संकलित हैं.)
Slogans 4#: वंदेमातरम्- बंकिमचन्द्र चटर्जी (चटर्जी द्वारा रचित बंदेमातरम् हमारा राष्ट्रगीत हैं. इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था. यह चटर्जी की कृति आनंदमठ में संकलित हैं)
Slogans 5# जन गण मन अधिनायक जय हैं -रविन्द्रनाथ टैगोर (यह रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित और संगीत बद्ध जन गण मन का हिंदी संस्करण हैं. जिसे संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था. यह सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को भारतीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था. राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सैकंड हैं)
Slogans 6# हू लिव्स इफ इंडिया डाईज- पंडित जवाहरलाल नेहरु
Slogans 7# इंकलाब जिंदाबाद- भगतसिंह (भारत की आजादी के संघर्ष में आमजन को एकजुट कर चेतना जागृत करने वाले लोकप्रिय नारों में से एक था इंकलाब जिंदाबाद, जिसे भगतसिंह एवं उनके दो साथी सुखदेव एवं राजगुरु ने असेम्बली पर बम्ब फेकने के समय उपयोग किया था. इससे पूर्व इसे मेक्सिकन क्रांति में भी उपयोग किया गया था. इंकलाब जिंदाबाद का अर्थ होता हैं Long Live Revolution’. इसका हिंदी अर्थ है ‘क्रांति अमर रहे’. उर्दू के शायर एवं क्रांतिकारी लेखक मौलाना हसरत मोहनी ने 1921 में इस नारे को लिखा था, जिसे भगतसिंह ने 1929 में पहली बार बोला था, इसके बाद तो यह क्रांतिकारियों की आवाज सा बन गया था.
Slogans 8# दिल्ली चलो- सुभाषचंद्र बोस (देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध नारों में से एक दिल्ली चलो का नारा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने दिया था. इससे पूर्व चलो दिल्ली, मारो फिरंगी का नारा जोधपुर के क्रांतिकारियों द्वारा 1857 की क्रांति के समय दिया गया था.
Slogans 9# करो या मरो- महात्मा गांधी (डू ओर डाई का यह प्रसिद्ध नारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय दिया था.
Slogans 10# जय हिन्द- सुभाषचंद्र बोस (आजादी के संघर्ष के समय एवं आज भी जय हिन्द का उद्घोष राष्ट्रभक्ति का प्रतीक माना जाता हैं यह नारा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज के गठन के समय दिया गया था. इसका शाब्दिक अर्थ होता है भारत की विजय. आबिद हसन सफ़रानी द्वारा इसे लिखा गया था. बाद में इसी नाम पर एक देशभक्ति नाटक रामचन्द्र मोरेश्वर करकरे जी ने लिखा था.
Slogans 11# दिवालिया बैंक पर लिखा गया पोस्ट डेटेड चेक – महात्मा गांधी (क्रिप्स प्रस्ताव के सम्बन्ध में)
Slogans 12# मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश सम्राज्य के कफन में कील सिद्ध होगी- लाला लाजपत राय
Slogans 13# पूर्ण स्वराज्य- जवाहरलाल नेहरु
Slogans 14# तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा- सुभाषचंद्र बोस
Slogans 15# वेदों की ओर लौटो- स्वामी दयानन्द सरस्वती
Slogans 16# आराम हराम है.- जवाहरलाल नेहरु
Slogans 17#भारत छोड़ो- महात्मा गांधी
Slogans 18# विजयी विश्व तिरंगा प्यारा- श्यामलाल गुप्त
स्वतंत्रता आजादी पर कुछ विचार अनमोल वचन | Freedom Quotes In Hindi
1#. In Hindi : वह स्वतंत्र है जो अपनी इच्छानुसार रहता है।
Freedom Quote: He is free who lives according to his will.
2#.In Hindi : एक भूखा व्यक्ति कभी भी स्वतंत्र नहीं हो सकता हैं.
Freedom Quote: A hungry man is not an independent man.
3#. In Hindi : मनुष्य स्वतंत्र जन्म लेता है, जब तक वह हर जगह जंजीरों मने जकड़ा हुआ रहता हैं.
Freedom Quote: Man is born free, as long as he remains chained in chains everywhere.
4#.In Hindi :
भविष्य के भय से
कल की चिंता से
किसी के प्रति इर्ष्या या घ्रणा से
खतरे के सामने होने पर कायरता से
कार्य के समान आलस्य से.
5#. In Hindi : मेरे जज्बातों से इस कद्र वाकिफ है मेरी कलम यदि में प्यार लिखना चाहू तो भी इन्कलाब ही लिखा जाता हैं- भगतसिंह
Freedom Quote: I am aware of this fact from my emotions if I want to write love in my pen, even then I have written an infinite – Bhagat Singh
6#. In Hindi : आजादी कभी भिक्षा में नही मिलती इसे जीतना पड़ता हैं.
Freedom Quote: Independence never gets in alms, it has to win.
7#.In Hindi : यदि हम आजाद नहीं है तो कोई भी हमारा सम्मान नही करेगा.
Freedom Quote: If we are not free then no one will respect us.
8#. In Hindi : याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय को सहन करना एवं अन्याय के साथ समझौता करना हैं.
Freedom Quote: Remember, the biggest crime is to tolerate injustice and deal with injustice.
9#. In Hindi : अपने वतन की स्वतंत्रता का दायित्व केवल सैनिकों का नही बल्कि सभी देशवासियों का हैं.
Freedom Quote: The responsibility of the freedom of our own is not only of soldiers but of all citizens.
10#. In Hindi : धन दौलत से सफलता नही मिलती, सफलता की जड़ तो स्वतंत्रता हैं.
Freedom Quote: Money does not get success from riches, the root of success is freedom.
11#. In Hindi : व्यक्तियों को कुचल कर उनकी आवाज / विचारों को नहीं मारा जा सकता हैं.
Freedom Quote: By crushing people their voices / thoughts can not be killed.
12#. In Hindi : आजादी का अर्थ मनमानी करना नही है बल्कि इसका अभिप्राय है अपने मन से प्रेम के साथ अनुशासन की पालना और विचारों का लचीलापन.
Freedom Quote: Freedom does not mean arbitrariness, but it implies that with the love of their own discipline and flexibility of thoughts with love,
13#. In Hindi : देशभक्तों को लोग अक्सर पागल ही कहते है कह देने दो उन्हें सीने पर जो जख्म है, सब फूलों के गुच्छे है हमे पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे हैं.
Freedom Quote: People are often called mad by patriots, let them say, they have a wound on their chest, all the flowers are flakes. Let us be crazy. We are just crazy.
Swatantrata Divas par Bhashan in Hindi
मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाध्यापक/ संस्था प्रधान, मंच पर विराजमान सभी अतिथि गणों, साथीगण और प्यारे विद्यार्थियों, आज हम सब अपना 72 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए हैं. अपने भाषण की शुरुआत से पूर्व आप सभी को 15 अगस्त की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.
15 अगस्त 1947 का दिन हमारे इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिवस है. इसी दिन लाखों देशप्रेमियो के एक शताब्दी तक लम्बे संघर्ष के बाद भारत को आजादी प्राप्त हुई थी. इसीलिए हम हर साल 15 अगस्त को मानते आ रहे हैं. सिर्फ 15 अगस्त की तैयारी करना, ध्वजारोहण, कार्यक्रमों का आयोजन भर इस दिन का उद्देश्य नही हैं. आज हम स्वतंत्र हैं इसकी वजह हमारे असंख्य शहीदों का बलिदान, और उनकी देशभक्ति और भारत के भविष्य के सपने को साकार करना.
आज हम आज़ाद हैं, यह: आजादी कभि छिनने ना देगे
इस तिरगे की शान: को हम कभी झुकने ना देगे
जो कोई आख उठाएगा जो मेरे हिन्दुस्थान की तरफ
उन आँखों को हम फिर इस दूनिया देखने नहीं देगे
जब भी अंग्रेजी हुकूमत का नाम जेहन में आता हैं, तो कई नाम हमारे पटल पर यकायक ही आ जाते हैं, भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम 1857 के हीरों और भारत में आजादी की अलख जगाने वाले मंगल पांडे जिनमे से एक थे. जिन्हें बिर्तानी हुकूमत ने 8 अप्रैल सन 1857 को फांसी दे दी थी.
हालाँकि उन्हें हुई सजा के मुताबिक फांसी की सजा 18 अप्रैल को दी जानी थी. चर्बी युक्त कारतूसो के उपयोग के कारण इन्होने इसका विरोध किया और सैन्य विद्रोह के साथ ही भारत की आजादी का संग्राम शुरू किया था. जो 14 अगस्त की अर्धरात्रि को भारत-पाक विभाजन के साथ ही भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और अंग्रेज भारत छोड़कर चले गये. इन 90 वर्षो की अवधि में अंग्रेजो ने हमारे पूर्वजो असहनीय अत्याचार किये.
दूसरी तरफ हजारो-लाखों की संख्या में नवयुवको ने अपना घर-परिवार त्यागकर भारत की आजादी की खातिर अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विरोध का झंडा खड़ा किया और साहस और जज्बे के साथ लोहा लेते हुए अपनी जान तक दे दी. भारत के स्वतन्त्रता सेनानियों में झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, भगत सिंह, महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, महात्मा गाँधी ऐसे असंख्य देशभक्त थे जिन्होंने भारत के भविष्य के लिए हंसते हंसते अपनी जान वतन पर कुर्बान कर दी थी.
इस सम्बन्ध में राष्ट्रकवि दिनकर की ये पक्तियाँ उपयुक्त हैं.
अँधा चकाचोध का मारा:
क्या जाने ईतिहास बेसहारा
जो चढ गये पुष्प बेदी पर
लिए बिना गरदन का मोळ:
कलम आज उनकी जय :बोल।”
आज का दिन सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन हैं हमारे पूर्वजो की अथक मेहनत और अंग्रेजी शासन के क्रूर अत्याचार को सहने के बावजूद हमे स्वतंत्रता उपहार स्वरूप भेट की. आज हम सभी स्वतंत्र भारत के नागरिकों का कर्तव्य हैं, अपने पूर्वजो के सपने का भारत का सपना सच कर दिखाए, हमारे देश को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाए. हमे अपने गणतन्त्र को और अधिक मजबूत बनाने के साथ ही साथ राष्ट्र के सामने उपस्थित विकट समस्याओं का मिलकर सामना करने का सकल्प ले. एक भारतीय नागरिक होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता हैं,
कि जाति धर्म क्षेत्र से ऊपर उठकर उन समस्याओं का मजबूती से सामना करते हुए देश को आगे तक ले जाए. एक नागरिक होने के तौर पर हम अपने राष्ट्र की प्रगति और अखंडता में बड़ा योगदान दे सकते हैं. दुश्मन मुल्क के वे लोग या जो पक्षधर हैं, इसी देश का अनाज खाते हैं, यही की हवा में सांस् लेते हैं, जबकि दुश्मन मुल्क के लिए काम करते हैं, ऐसे गद्दारों की पहचान कर उन्हें सबक सिखाने के अतिरिक्त आज के समय में चाइनीज सामान से भारतीय बाजार अटा पड़ा हैं, एक सच्चे भारतीय होने के नाते हमे इन उत्पादों का बहिष्कार करते हुए. स्वदेशी वस्तुओ को अपनाने का सकल्प लेना चाहिए.
गुज रहा हर देश में भारत का नगाड़ा
चमक रहा आसमान में हमारा सितारा
आज के दिन आओ मिलकर करें दुआ
बुलदी पर लहराता रहे तिरंगा अपना
आज गाँधी और बुद्ध की शिक्षाओं पर चलते हुए शांतिपूर्ण तरीके से देश के विकास के साथ साथ विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधि, खेल, अन्तरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में तकनिकी के क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपना योगदान देकर देश की उन्नति और विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं.
15 august speech in hindi, independence day speech in hindi स्वतंत्रता दिवस भाषण
15 अगस्त हमारे इतिहास का एक ऐतिहासिक और यादगार दिन हैं. हमने आपके लिए स्वतंत्रता दिवस 2017 के लिए हिंदी शायरी, कविता, निबंध और भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं. हर किसी में देश के प्रति अगाध प्रेम होता हैं, 15 अगस्त और ऐसे राष्ट्रिय पर्वो पर यह देशप्रेम कई गुना बढ़कर हिलोरे मारने लगता हैं, इसे बया करना उतना आसान नही होता हैं. आज के इस लेख में हम आपकी पूरी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. स्वतन्त्रता दिवस के इस अवसर पर आप भी अपनी बात कुछ बेहतर तरीके से रख पाए.
मेरे प्यारे गुरुजनों भाई और बहिनों सबसे पहले तो आपकों 71वे स्वतंत्रता की बहुत बहुत बधाई. जैसा कि हम सभी जानते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी हमारे राष्ट्रिय त्यौहार हैं. जिन्हें हम हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ पिछले 70 वर्षो से मनाते आ रहे है.
यदि आज हम स्वतंत्र हैं तो इनका श्रेय हमारे उन लाखों भारत माँ के शहीद सपूतों को जाता हैं.
जिनके मातृभूमि प्रेम और साहस की वजह से हैं. हमारा कर्तव्य बनता हैं,
कि हम अपने वीर शहीदों द्वारा दी गईं स्वतंत्रता का सही उपयोग करते हुए, भारत को नये मुकाम तक ले जाए. जैसा उन सपूतों ने भारत का सपना देखा था. हम उसे पूरा कर दिखाएँ.
हमें यह कहते उतना अहसास नही होता कि भारत 1947 से पहले तक 200 वर्षो तक अंग्रेजो का गुलाम रहा था. गुलामी क्या होती हैं इन्हे हम नही समझ सकते क्युकि हम आजाद भारत में जन्मे. हमने वो कुछ भी नही भुगता जो हमारे पुरखों ने कई पीढियों तक भोगा था.
यदि राह चलते हमे यह कह दे कि कल यहाँ से मत निकालना तो हमे कितना उस इंसान पर गुस्सा आता हैं, उससे घ्रणा होती हैं. तेरे बाप का राज हैं क्या, या तू बताएगा मुझे कहना चलना हैं. ऐसे शब्द स्वत: ही निकल जाते हैं. इसी वजह हमारी आजादी हैं. जो लम्बे सघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को मिली थी.
मगर उस समय हम वो सब कुछ नही कर पाते थे, जो हम करना चाहते थे हमारा जी चाहता था. क्युकि ऐसा करने से रोकने वालों के बाप का राज था. जी हुजुर या चुपके से ही अंग्रेजो की इच्छा के खिलाफ के कार्य को किया जा सकता था.
मगर इस वीर भूमि पर ऐसे भी सपूत जन्मे जिनमे सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, महात्मा गाँधी जैसे नेताओं ने गोरों के जेहन में वो खोफ भर दिया. जिस कारण भारत में लम्बे समय तक शासन चलाना उनके वश की बात नही रही.
ऐसा तभी संभव हो पाया, जब इन बहादुरों ने गोलियों का जवाब गोलियों और गोले का जवाब गोले से दिया. इन राष्ट्रभक्तो ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपनी पूरी जिन्दगी खफा दी, और हसते-हसते मौत का फंदा गले में डाल दिया था. क्युकि उन्हें इस भारत भूमि से प्रेम था, अपनी आने वाली नस्लों को आजादी के सूर्य की खातिर अपने बलिदान देने से नही झिझके थे.
कम से कम आज स्वतंत्रता दिवस पर ही सही हमे विरासत में मिली खून से सनी इस आजादी का उपयोग हमने कितना किया, अपने शहीदों के सपने के भारत बना पाए कि नही. इनके सवाल और जवाब किसी से अपरिचित नही हैं. आज भी हम कई ऐसी कठिनाइयो से गुजर रहे हैं. जो समय भी थी. ठीक हैं हम सभी समस्याओं का निदान नही कर पाए, जिनमे धीरे सुधार कर रहे हैं. मगर उन शहीदों को भ्रष्टाचार,आतंकवाद,और देशद्रोही जैसे सवालों के जवाब क्या देगे. यह समस्याएं से हमने ही पैदा कर हमारे भारत को और मुश्किल में डालने का काम किया हैं.
यदि इन सबके पीछे सौ बात की एक बात जाने तो वह यह हैं कि हम कर्तव्यहिन् हैं, आलसी हैं. बेवकूफ हैं. अंग्रेज हम पर ज्यादा वर्षो तक इसलिए गुलाम रख सके क्युकि उन्होंने हिन्दुओ और मुसलमानों को आपस में लड़ाए रखा. और उनकी दूकान चलती रही. अंग्रेज तो चले गये मगर अपनी कुछ संतानों यहाँ छोड़ गये जो कभी राजनीती तो कभी फिल्म जगत में साफ़ दिखती हैं. उस समय लाखों की तादाद में अंग्रेज थे. आज करोड़ो की संख्या में हो सकते हैं. जो हमे आपस में बाटे रखकर अपने काम में व्यस्त हैं.
हम इंसान को अभी तक उनकी बाहरी छवि को पहचानने लगे हैं जल्दी ही हमे मन के मैले राष्ट्र विरोधियो को उनके सही स्थान पर पहुचाने की आवश्यकता हैं.
आज हम स्वतंत्रता दिवस पर यह प्रण करे गाँधी और बुद्ध की इस पावन धरा पर जहर बेचने वालों को उन्ही के अंदाज में जवाब दे, क्युकि अभी नही तो कभी नही, हो सकता हैं इस बार अंग्रेजो या किसी और को दूर देश से यहाँ आकर राज करने की नौबत ना आए. इनकी तादाद को नियंत्रित कर उन्हें सम्पूर्ण नष्ट किया जाना ही भारत के बेहतर भविष्य का एकमात्र रास्ता हो सकता हैं.