अब यह तो सुना था कि “सन्डे हो या मंडे, रोज़ खाएं अंडे”. लेकिन अंडे पानी की जगह पेशाब में उबले हों तो खाने की बात तो दूर, संभव है कि इतना सुनकर ही घिन आ जाये या फिर उलटी ही आ जाये. लेकिन दुनिया में अजूबों की कमी नहीं ! और पेशाब में उबले अंडे खाने और खिलाने का यह अजूबा हज़ारों साल से चीन के झेजियांग प्रांत के डोंगयांग में एक खास डिश के तौर पर परोसा जा रहा है। जी हाँ, ये सही सुना आपने, ये डिश है – ‘लड़कों के पेशाब में उबले हुए अंडे।’
प्रसिद्द इंग्लिश अखबार डेली मेल की एक खबर के मुताबिक चीन के प्रान्त डोंगयांग में इस डिश को बनाने और खिलाये जाने का सदियों पुराना इतिहास है और ईस्टर के समय पर डोंगयांग के खानसामे उनकी इस पेशाब में उबले अण्डों वाली डिश को बनाने और खिलाने की तैयारियां कर रहे हैं। इस डिश को बनाने वालों का दावा है कि इस बार ये अंडे बहुत स्वादिष्ट होंगे और उनका स्वाद थोड़ा थोड़ा खट्टा होगा।
दरअसल प्राचीन मान्यताओं के आधार पर चीन में इन अंडों का खास सांस्कृतिक महत्व है। वसंत के मौसम में बच्चों के पेशाब में उबले हुए अंडे खाने की परंपरा रही है। वसंत के आगमन पर तमाम स्थानीय स्कूलों से लड़कों का पेशाब इकट्ठा किया जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे बाल्टियों में पेशाब करते हैं और इस तरह से बालटियों में इकठ्ठा किया गया पेशाब रेस्त्राओं में भेज दिया जाता है।
मान्यता है कि बहुत स्वास्थ्यवर्धक यानी हेल्दी होते हैं ये अंडे
चीन के इस प्रान्त में पेशाब में उबले अंडे बनाने के लिए अंडों को दो बार पेशाब में उबाला जाता है। पहले छिलका हटाए बिना और फिर बाद में छिलका हटाकर। इसके बाद ही उन्हें खाने के लिए परोसा जाता है। मान्यता है इस तरह से पेशाब में उबाले गए अंडे लाजवाब और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं और खाने वालों को अनेक बीमारियों से बचते हैं. इन अण्डों के खाने से ऐनर्जी आती है।
पेशाब में उबले अंडे हैं चीन की सांस्कृतिक विरासत
साल 2008 में चीन के स्थानीय शहर ने इन अंडों को ‘सांस्कृतिक विरासत’ घोषित कर दिया था। साथ ही, यूनेस्को विश्व विरासत के दर्जे के लिए आवेदन करने के लिए भी प्रयास किये गए थे। हालाँकि इन्हें बनाने वाले खानसामे दावा करते हैं कि ये अंडे सेहत के लिए अच्छे हैं पर चीन के डोंगयांग प्रान्त में हर निवासी का इस थ्योरी पर यकीन नहीं है। यहां के एक निवासी वांग जुग्शिंग कहते हैं, ‘हमारे यहां यह मान्यता है कि पेशाब में उबले हुए अंडे सेहत के लिए अच्छे होते हैं और इनसे सर्दी-ज़ुकाम वगैरह नहीं होता लेकिन मैं इसे नहीं मानता और न ही उन्हें खाता हूं।’
ऐसे तो हमारे यहाँ भी गाय का मूत्र पीकर और पिला कर चिकित्सा किये जाने की परंपरा है, यहाँ तक कि हमारे कुछ आयुष शास्त्रों में स्वमूत्र चिकित्सा भी वर्णित है. खैर, चीन वालों को ही मुबारक हों ये पेशाब में उबले अंडे !