डॉलर और रुपए के मूल्य अक्सर हमें परेशन करते रहते हैं. आए दिन आप न्यूज़ पढ़ते होंगे कि कैसे डॉलर का मूल्य रुपए की अपेक्षा उपर चला गया! आख़िर ये सब कैसे काम करता है? कैसे तय होती है भारतीय रुपए की कीमत? आइए आज एक सरल सी कहानी के माध्यम से हम हिन्दी वार्ता पर आपको यह समझाने की कोशिश करते हैं!
सोनू एक 12 साल का होनहार बच्चा था जो अपने दादा जी के साथ रहता था!
आज सोनू ने दादा जी बड़ा ही जटिल प्रश्न किया! कि दादाजी ये रुपए और डॉलर का मूल्य कैसे तय होता है?
दादाजी ने कहा- बेटे, इससे पहले कि मैं तुम्हें यह समझाऊं, तुम मेरे कुछ प्रश्नों के उत्तर दो!
ठीक है दादाजी, सोनू ने कहा!
दादाजी – सोचो तुम्हारे पास सिर्फ़ 10 रुपए वाले नोट हैं और तुम्हें बाज़ार से 20 रुपए वाला सामान खरीदना है तो तुम क्या करोगे?
सोनू- मैं दुकान पर जा कर 10 रुपए वाले दो नोट दूँगा और सामान खरीद लूँगा
दादाजी- वहाँ एक और दुकान है जहाँ 50 रुपए वाली चॉकलेट मिल रही है. अगर तुम्हें वो चॉकलेट चाहिए तो क्या करोगे?
सोनू- मैं उस दुकान पर जा कर 5 नोट दूँगा और चॉकलेट खरीद लूँगा!
दादाजी– अब यदि एक और दुकान है जहाँ चॉकलेट का मूल्य 500 रुपए है और दुकानदार सिर्फ़ 100 का नोट ही स्वीकार करता है! और वहाँ सबसे अच्छी चॉकलेट मिल रही है! तो क्या करोगे?
सोनू- मैं 50 नोट दूँगा
दादाजी– पर दुकानदार तो सिर्फ़ 100 के नोट ही लेता है. वो तो तुम्हारे 10 के नोट नही लेगा ना?
सोनू- ओह
दादाजी- अब सोचो वहाँ पास में ही एक दुकानदार 10-10 के नोटों के बदले 100 नोट दे (एक्सचेंज) रहा है तो?
सोनू- अरे वाह, फिर तो मैं उससे 50 नोटो के बदले 100-100 के 5 नोट ले लूँगा और अपनी चॉकलेट खरीद लूँगा
दादाजी– अब चूँकि बाजार में खड़ा हर इंसान उससे नोट एक्सचेंज करना चाहता है तो एक्सचेंज करने वाला बोलता है कि मैं 10-10 के 50 नही बल्कि 60 नोट लूँगा तभी 500 रुपए दूँगा! (500 की बजाए 600 रुपए देने होंगे). अब तुम क्या करोगे?
सोनू- मुझे वो चॉकलेट किसी भी हाल में चाहिए. मैं ज़्यादा पैसे दे कर उससे नोट लूँगा और चॉकलेट खरीद लूँगा!
दादाजी- अब सोचो, तुम्हें चॉकलेट खरीदना था पर एक्सचेंज करने वाले ने अपने नोट की कीमत बढ़ा दी थी और यदि तुम जल्दी से एक्सचेंज नही करते तो वो अपने नोटों की वेल्यू और बढ़ा देता क्यूकी उसके नोटों की डिमांड बहुत ज़्यादा थी!
सोनू- सही कहा आपने
दादाजी– अब मुझे ये बताओ कि क्या चॉकलेट की कीमत बढ़ी?
सोनू- नही
दादाजी– क्या तुम्हारे पास पैसे कम थे?
सोनू- नही
दादाजी- फिर क्या हुआ?
सोनू- सबकुछ ठीक था पर १०० रुपए के नोटों का मूल्य बढ़ गया!
दादाजी-बहुत अच्छे!
दादाजी- ठीक इसी प्रकार से डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट काम करता है! सोचो वह चॉकलेट की दुकान अमेरिका है, और वो 100 रुपए का नोट डॉलर है! तुम्हारे 10-10 रुपए के नोट भारतीय करेन्सी हैं जिससे तुम्हें अमेरिका से कुछ खरीदना है परंतु अमेरिका सिर्फ़ डॉलर (100-100 के नोट) ही स्वीकार करता है!
तथ्य- अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी भी वस्तु की खरीद बिक्री डॉलर में ही होती है! डॉलर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा है!
अब डॉलर के लिए तुम्हें अपने रुपए को डॉलर में बदलना पड़ेगा! तुम एक्सचेंज करोगे और एक्सचेंज के समय अगर डॉलर की वैश्विक माँग ज़्यादा है तो डॉलर का भाव बढ़ जाएगा! चूँकि तुम्हे अपने ज़रूरत का सामान खरीदना है तो मजबूरी में तुम्हें ज़्यादा पैसे देने पड़ेंगे और ऐसे डॉलर का मूल्य तुम्हारी मुद्रा की अपेक्षा बढ़ता जाएगा!
अवश्य पढ़ें – कैसे तय होती है रुपये की कीमत, समझें रुपया और डॉलर का पूरा गणित
सोनू को बात समझ आ चुकी थी! आशा है कि आपको भी डॉलर और रुपए के बीच का अंतर समझ आगया होगा! यदि आपके पास इस लेख से जुड़े प्रश्न हैं तो कृपया कॉमेंट के मध्यम से हमें अवगत करायें!
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