चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट से भारत के इंकार को भारत सरकार का घरेलु राजनितिक ड्रामा बताया है.
चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार भारत का OBOR में शामिल होने से इंकार करना महज एक घरेलु राजनितिक ड्रामे का हिस्सा है जिसका मकसद चीन का विशेष ध्यान खींचना भर है.
चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अपने मंगलवार के संपादकीय में लिखा है, ‘भारत उम्मीद करता है कि वह अधिक सक्रियता से द्विपक्षीय संबंधों को आकार दे सकता है और साथ ही उम्मीद करता है कि चीन भारत के हितों पर विशेष ध्यान दे। लेकिन देश इस प्रकार से संवाद कायम नहीं करते हैं।’
भारत की गैर मौजूदगी से चीन के इस फोरम पर कोई असर नहीं पड़ा है साथ ही साथ इस पहल से विश्व जो तरक्की करेगा, उसमें तो इसका और भी कम असर पड़ेगा।’
आपको बता दें की चीन की 50 अरब वाले चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में भारत अपनी सम्प्रभुता की चिंताओं को ले कर शामिल नहीं हुआ है.
अखबार ने लिखा है कि यदि भारत खुद को एक बड़ी ताकत के रूप में देखता है तो उसे चीन के साथ बहुत सी असहमतियों का अभ्यस्त होना चाहिए और साथ ही चीन के साथ इन असहमतियों से निपटने का प्रयास करना होगा। संपादकीय में लिखा गया है, ‘यह लगभग असंभव है कि दो बड़े देश सभी चीजों पर समझौते पर पहुंच जाएं। इस बात को चीन और अमेरिका के बीच कई मतभेदों से साबित किया जा सकता है। लेकिन चीन और अमेरिका ने सुचारू द्विपक्षीय संबंध बनाए रखे हैं जिनसे भारत सीख सकता है।’
भारत की गैरमौजूदगी के बावजूद कल यहां बेल्ट ऐंड रोड फोरम के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बैठक के संपन्न हुई जिसमें अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया समेत इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया