Chandan kyon lagaya jata hai?
चन्दन के वृक्ष के चारों तरफ साँप-अजगर लिपटे रहते हैं, लेकिन चन्दन के आचरण पर उनकी कुसंगति का लेशमात्र भी प्रभाव न पड़ता। चन्दन शीतलता प्रदान प्रकृति का है। कहा भी गया है – ‘तुलसीदास चन्दन घिसें तिलक करें रघुबीर।’ हमारे सामने का ललाट, जहाँ पर हम टीका लगाते हैं, पूरे शरीर का नियंत्रण कक्ष है। अतः वहाँ चन्दन लगाने से मस्तिष्क शीतल रहता है। मस्तिष्क शीतल रहने से हमारे सब काम हम शांतिपूर्वक सोच समझ कर सकते हैं। मन में उत्तेजना पैदा नहीं होती।
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