जो तोकूँ कॉटा बुवै, ताहि बोय तू फूल – Kabir Ke Dohe 2016-05-082019-09-30आमिर Kabir ke dohe in English जो तोकूँ कॉटा बुवै, ताहि बोय तू फूल। तोकूँ फूल के फूल हैं, बाकूँ है तिरशूल ।। Advertisement [...]
माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर – Kabir Ke Dohe 2016-05-082019-09-30आमिर Kabir dohe with meaning माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर। आषा तृष्णा ना मरी, कह गये दास कबीर।। Advertisement Maya [...]
जब मैं था तब गुरू नहीं, अब गुरू हैं मैं नाहिं – Kabir Ke Dohe 2016-05-072019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (kabir ke dohe arth sahit) जब मैं था तब गुरू नहीं, अब गुरू हैं मैं नाहिं। प्रेम गली [...]
आब गया आदर गया, नैनन गया सनेह – Kabir Ke Dohe 2016-05-062019-09-30आमिर Sant Kabir ke dohe in hindi with meaning आब गया आदर गया, नैनन गया सनेह। यह तीनों तबही गये, जबहिं कहा कछु देह।। [...]
कबीर माया मोहिनी, सब जग छाला छानि – Kabir Ke Dohe 2016-05-062019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (dohe of Kabir in hindi) कबीर माया मोहिनी, सब जग छाला छानि। कोइ एक साधू ऊबरा, तोड़ी कुल [...]
तिमिर गया रवि देखते, कुमति गयी गुरू ज्ञान – Kabir Ke Dohe 2016-05-052019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (sant Kabir dohe in hindi) तिमिर गया रवि देखते, कुमति गयी गुरू ज्ञान।सुमति गयी अति लोभते, भक्ति गयी [...]
गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढि़ गढि़ काढ़ै खोट। – Kabir Ke Dohe 2016-05-052019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (Kabir ke dohe with meaning) गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढि़ गढि़ काढ़ै खोट।अन्तर हाथ सहार दै, बाहर [...]
गुलाम युसूफ- Prerak Prasang 2016-05-032017-12-23आमिर यूनान में तब गुलाम प्रथा चरम पर थी। एक रईसजादा जो स्वभाव से कृपण भी था एक गुलाम को खरीद लाया, जो अपनी [...]
मातृभक्ति- Prerak Prasang 2016-05-032016-11-21आमिर बात उन दिनों की है जब देश गुलाम था। संत गुरूदास वंद्योपाध्याय कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त थे। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति [...]
जैसा बोल, वैसा मोल- Prerak Prasang 2016-05-032016-11-21आमिर एक राजा अपने अनुचरों के साथ वन विचरण के लिए निकला। मार्ग में उसे तीव्र प्यास लगी। राजा ने देखा कि पास ही [...]