Advertisement

माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर – Kabir Ke Dohe

Kabir dohe with meaning

Sant Kabir ke Dohe, Kabir vani, Kabir Dohavali, Sant Kabir Das

माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर।
आषा तृष्णा ना मरी, कह गये दास कबीर।।

Advertisement

Maya mari na mann mara, mar mar gaye sharir
Aasha trishna na mari, Keh gaye das kabir

अर्थात (Meaning in Hindi): कबीर दास जी कहते हैं कि शरीर, मन, माया सब नष्ट हो जाता है परन्तु मन में उठने वाली आषा और तृष्णा कभी नष्ट नहीं होती। इसलिए संसार की मोह तृष्णा आदि में नहीं फंसना चाहिए।

Advertisement

चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोय।
दुइ पट भीतर आइके, साबित गया न कोय।।

Chalti chakki dekh ke, Diya kabir roye
Dui patt bhitar ayike, Sabit gaya na koye

Advertisement

अर्थात (Meaning in Hindi): चलती हुई चक्की देखकर कबीर जी रोने लगे चक्की के दोनों पाटों के बीच आकर कोई भी दाना साबित नहीं रहा। अर्थात् इस संसार रूपी चक्की के पाटों के मध्य हर किसी को पिसना है।


यह तो घर है प्रेम का, खाला का घर नाहिं।
सीस उतारे भुइ धरे, तब घर पैठे माहिं।।

Yah to ghar hai prem ka, Khala ka ghar nahin
Sees utare bhuyi dhare, Tab ghar paithe mahin

Advertisement

अर्थात (Meaning in Hindi): यह मौसी का घर नहीं है कि जिसमें प्रवेश करने पर पूर्ण आदर और सम्मान प्राप्त होगा। यह प्रेमरूपी घर है। इस प्रेम रूपी घर में प्रवेश करने के लिए कठिन साधना की आवश्यकता होती है। अपना मस्तक काट कर धरती पर चढ़ाना होता है तब भगवान अपने घर में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं अर्थात् तन मन, सब कुछ प्रभु के चरणों में अर्पित करो।


सांई ते सब होत है, बन्दे से कुछ नाहिं।
राई से पर्वत करे, पर्वत राई माँहि।।

Sai te sab hoth hai, Bande se kuch nahin
Rayi se parwat kare, Parwat rayi manhi

अर्थात (Meaning in Hindi): परमात्मा सर्वशक्तिमान है, वह कुछ भी कर सकने में सक्षम है किन्तु बन्दा कुछ नहीं कर सकता। परमात्मा चाहे तो सरसों के बीज को पर्वत के समान कर दे या पर्वत को सरसों के दाने के समान।


जल में बसै कमोदनी, चन्दा बसै अकास।
जो है जाको भावता, सो ताही के पास।।

Jal mein basai kamodni, Chanda basai akaas
Jo hai jako bhavta, So taahi ke pas

Advertisement

अर्थात (Meaning in Hindi): कमलिनी के स्थान जल है लेकिन वह चन्द्रमा से ऐसा प्रेम करती है कि उसे देखते ही प्रसन्नता से खिल उठती है जब कि चन्द्रमा उससे लाखों मील दूर आकाश में रहता है उसी प्रकार जो जिसके प्रेमी है वे दूर रहकर भी उनके पास रहते हैं।

NCERT SOLUTIONS CLASS 10 हिंदी साखी कबीर

Advertisement