
कविताएँ
हिन्दी कविता, Hindi Kavita
Advertisement


मेरी और तेरी
सुबह ए बनारस मेरी अवध तेरी शाम होगी| पूरी ज़िंदगानी मेरी तेरे ही नाम होगी|| गर तू साथ चला मेरे तो ठीक वरना [...]
तेरी आरज़ू
गर ना तारीफ तेरी होती, ना फिर मज़ाक मेरा होता गर ना ज़मीं तेरी होती, ना फिर आसमाँ मेरा होता कट जाते ज़िन्दगी [...]
कहाँ जाऊं ?
अब कितना मुस्कुरा कर दर्द को छुपाऊ अपने ग़मो में बस यूँ ही ऐसे खो जाऊं सहन नहीं होता ज़िन्दगी तेरे दूरियों का [...]

वीमेन्स डे
माँ भी तू, बेटी भी तू, तू ही बहन, महबूब भी तू| तू ही दुनिया का आधार है ॥ धुप भी तू , [...]
राष्ट्रोत्कर्ष
यह राष्ट्र मुझे करता अभिसींचित् प्रतिपल मलय फुहारों से , प्रतिदानों में मिले ठोकरों , धिकारों, दुत्कारों से , Advertisement जो लूट रहे [...]
अच्छा नहीं लगता
तेरा यूँ रूठ कर जाना अच्छा नहीं लगता मेरा यूँ महफ़िल बिठाना अच्छा नहीं लगता जहाँ भी हो चले आओ मै तन्हा ही [...]
माँ तुम बहुत टोकती हो
माँ तुम बहुत टोकती हो कुछ भी करना चाहूँ मै Advertisement मुझे हर वक्त रोकती हो मेरी हर बात में माँ तुमको बस [...]
Advertisement