दिल्ली: 9 फरवरी को जेएनयू में चंद छात्रों द्वारा देश विरोधी नारेबाजी के बाद छिड़ा राजनीतिक घमासान रुकने की सूरत बनती नहीं दिखाई दे रही है। ताजा घटना क्रम में इस घटना में मुख्य आरोपी स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार ने सीधा सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत की याचिका दायर की। कन्हैया कुमार ने कहा है की निचली अदालत में सुरक्षा के अभाव में उन्हें सीधा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा रहा है। वहीँ दूसरी और पटियाला हाउस कोर्ट में वामपंथी कार्यकर्ता की पिटाई करने के आरोपी भाजपा के विधायक ओपी शर्मा की गिरफ्तारी हुई लेकिन शाम होते होते उन्हें जमानत भी मिल गयी।
गिरफ्तार विधायक ओपी शर्मा से पुलिस हिरासत में आठ घंटे तक गहन पूछताछ हुई। दरअसल ओपी शर्मा पुलिस का सामान मिलने के बाद खुद ही तिलक मार्ग थाने पहुंचे थे। सुबह 11 बजे से शुरू हुई पूछताछ शाम के 7 बजे तक चली। पूछताछ खत्म होने के बाद भाजपा विधायक ओपी शर्मा को गिरफ्तार किया गया लेकिन उन्हें थाने से ही जमानत भी मिल गयी।
रिहा होने के बाद ओपी शर्मा ने मीडिया चैनलों पर ताना मरते हुए कहा कि अभी तक मेरा मुक़दमा मीडिया चैनलों में चल रहा था और मीडिया स्टूडियो में बैठे जज मेरे खिलाफ फैसला दे रहे थे। ऐसे में मेरे खिलाफ, जिसने देश द्रोह के नारे लगाने वालों का विरोध किया, मीडिया का यह रवैया शर्मनाक है।
कन्हैया कुमार की अपील, पुलिस कमिश्नर बस्सी के विरोधाभासी बयानों और मीडिया में मचे हो हल्ले के मध्य सेंट्रल मिनिस्टर किरन रिजिजू ने कहा, ‘‘कन्हैया देशद्रोही गिरोह का नेता है। उसके खिलाफ सबूत हैं। देशद्रोह का मामला नहीं हटेगा।” हालांकि, किरण रिजिजू ने ये साफ कर दिया कि जेएनयू को बंद नहीं किया जाएगा। गृह राज्य मंत्री का कहना था कि अफजल गुरू के समर्थकों पर सख्ती जरूरी है और देश विरोधी ताकतों का बढ़ना ग़लत है। किरण रिजिजू ने ज़ोर देकर कहा कि जेएनयू से देश विरोधी ताकतों से हटाएंगे।
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लोअर कोर्ट में मारपीट की घटनाओं के बाद इस मसले की सेंसिटिविटी को देखते हुए कन्हैया को 24 घंटे सीसीटीवी की सिक्योरिटी में रखा जा रहा है। दिल्ली के तिहाड़ जेल में 2 मार्च तक न्यायायिक हिरासत में बंद कन्हैया की सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैया की सुरक्षा के लिए पुलिस को सख्त हिदायत दी है।