Bedroom mein sheesha (Mirror) kyon nahin lagana chahiye?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में लगे दर्पणों से एक प्रकार की ऊर्जा बाहर निकलती है। यह ऊर्जा कितनी अच्छी या कितनी अधिक खराब हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दर्पण किस स्थान पर लगा हुआ है। दर्पण हमें हमारे व्यक्तित्व की झलक दिखाता है। सजना संवरना हर मनुष्य की सामान्य प्रवृत्ति है। दर्पण के बिना अच्छे से सजने संवरने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। दिन में कई बार हम खुद को आईने से देखते हैं। इसी वजह आईना ऐसी जगह लगाया जाता है, जहां से हम आसानी से खुद को देख सकें। दर्पण कहां लगाना चाहिए और कहां नहीं इस संबंध में विद्वानों और वास्तु शास्त्रियों द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदु बताए गए हैं।
दर्पण के संबंध में एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बेडरूम में आईना लगाना अशुभ है। ऐसा माना जाता है कि इससे पति पत्नी को कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। यदि पति पत्नी रात को सोते समय आईने में देखते हैं तो इसका उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह वास्तु दोष ही है। इससे आपके आर्थिक पक्ष पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही पति पत्नी दोनों की दिनभर थकान महसूस होती है, आलस्य बना रहता है। इसी वजह से वास्तु के अनुसार बेडरूम में आईना न लगाने की सलाह दी जाती है या आईना ऐसी जगह लगाएं जहां से पति पत्नी रात को सोते समय दर्पण में न देख सकें अर्थात् पलंग के सामने आइना नहीं रहना चाहिए।
यदि सोते समय शरीर का कोई अंग दर्पण में दिखाई देता है, तो उस अंग में पीड़ा होने लगती है। इस तरह सोने से बचें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरुम में दर्पण नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी के वैवाहिक सम्बन्धों में भारी तनाव पैदा होता है। इसके कारण पति-पत्नी के अच्छे भले सम्बन्धों के बीच किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश भी हो सकता है।