बंदौं गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा में कौनसा अलंकार है?
बंदौं गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
बंदौं गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा में रूपक अलंकार है। इस काव्य पंक्ति में कवि का कहना है कि मैं गुरु के कमल रूपी चरण के पराग रूपी रज की वंदना करता हूँ जो सुंदर सुगंधित और प्रेम रूपी रस से परिपूर्ण है। इस पंक्ति में चरण पर कमल का, रज पर पराग का, कमल के रस स्वाद ,सुगंध और रस पर प्रेम का आरोप किया गया है,इसलिए रुपक अलंकार है।
दूसरे शब्दों में कहें तो यह कहा जा सकता है कि चरण और कमल में इस तरह संबंध स्थापित किया गया है कि दोनों में कोई अंतर नहीं रह गया है इसे उपमेय पर उपमान का आरोप कहतें है।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय-उपमान
चरण-कमल
रज-पराग
स्वाद सुगंध, रस – अनुराग
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
बंदौं गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
बंदौं गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
प और स वर्ण की आवृति के कारण अनुप्रास अलंकार
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
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