Advertisement

बल्ली सिंह चीमा की ग़ज़ल में नैनीताल

बल्ली सिंह चीमा बड़े पर्वत पे पानी से भरा इक थाल रक्खा है।
बड़ा -सा फ़रिज बना कर नाम नैनीताल रक्खा है।

बड़े सुंदर हैं ये बाजार नैनीताल के दोनों,
इधर तल्ली उधर का नाम मल्लीताल रक्खा है।

Advertisement

गुलामों की तरह निचली सड़क भी साथ है चलती,
मगर ऊँची सड़क का नाम उसने “माल ” रक्खा है।

अमीरी-शौक है ये मयकशी और वो भी किश्ती में,
मेरे जैसे फकीरों ने भी इसको पाल रक्खा है।

Advertisement

उधर वो सब नशीली धूप का आनन्द लेते हैं,
इधर ठंडी सड़क की ठंड ने कर बेहाल रक्खा है।

डिनर या लंच कह कर जाने क्या-क्या खाते रहते हो,
मगर “बल्ली” ने इनका नाम रोटी-दाल रक्खा है।

Advertisement

– बल्ली सिंह चीमा

जन्म: 02 सितंबर 1952
जन्म स्थान चीमाखुर्द गाँव,चभाल तहसील, अमृतसर ज़िला, पंजाब, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ : तय करो किस ओर हो, (कविता-संग्रह) ख़ामोशी के ख़िलाफ़, (कविता-संग्रह) ज़मीन से उठती आवाज़, (कविता-संग्रह),
विविध कविता कोश सम्मान 2011 सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित

बल्ली सिंह चीमा के फेसबुक पेज के लिए यहाँ क्लिक करें – https://www.facebook.com/ballisingh.cheema

Advertisement
Advertisement