Badkismati Se Hai Bachna To In Dhatuon Ke Bartan Mein Mutt Banaiye Khana
भारतीय संस्कृति, जो कि हमारे शास्त्र और पौराणिक इतिहास पर ही आधारित होकर चलती है, में पूजा के दौरान कुछ विशेष धातुओं के प्रयोग को जरूरी करार दिया गया है। ये कुछ ऐसी धातु हैं जिनका अधिकांशतः प्रयोग रसोईघर में बर्तनों के रूप में किया जाता था।
कहने का अर्थ ये है कि इन्हीं बर्तनों में भोजन या पानी ग्रहण कर व्यक्ति उत्तम जीवन और उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त करते थे।
मॉडर्न होते आज के युग में इन धातुओं के प्रयोग के स्थान पर लोग कांच, प्लास्टिक, मेलामाइन, एल्यूमीनियम, आदि से बने बर्तनों को उपयोग में लाने लगे हैं। निश्चित तौर पर इन वस्तुओं का व्यक्ति के भाग्य और उसके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
सामान्य मनुष्य इस बात को समझ नहीं पाता और ताउम्र ये परेशानी उसे घेरे रहती है कि उसका भाग्य उसका साथ क्यों नहीं दे रहा।
खैर, आपको बता दें रसोईघर में आप जिस एल्यूमीनियम के बर्तन को सजाकर रखते हैं, वही आपके ऊपर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसका कारण ये है कि एल्यूमीनियम धातु पर राहु का ही प्रभाव होता है।
चलिए जानते हैं एल्यूमीनियम के बर्तनों का प्रयोग करने से कौन-कौन से ग्रह प्रभावित होते हैं और वे किस तरह हमारे ऊपर नकारात्मक असर डालते हैं।
हिन्दू शास्त्रों में एल्यूमीनियम को सबसे निकृष्ट धातु करार दिया है। ऐसा कहा जाता है इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर में होने लगता है।
एल्यूमीनियम के बर्तनों में कभी दूध नहीं रखना चाहिए। क्योंकि चंद्रमा का ठंडा अमृत तुल्य प्रभाव एल्यूमीनियम के बर्तन की वजह से नष्ट हो जाता है।
एल्यूमीनियम के बर्तनों में सब्जी रखने या पकाने से बुध ग्रह प्रभावित होता है जो व्यक्ति से उसकी बुद्धि और सोचने-समझने की क्षमता छीन लेता है।
एल्यूमीनियम के बर्तन में पके चावल खाने से शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उसकी स्थिति खराब होती है। शुक्र ग्रह की बिगड़ती स्थिति दांपत्य जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
इस धातु के बर्तन में दाल या फिर कोई पीली सब्जी पकाने से बृहस्पति की स्थिति कमजोर होती है। ऐसा होने पर व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक हालत बद से बदतर होने लगती है।