जब आप नौकरी करना शुरू करते हैं तो अपने पूरे कार्यकाल में केवल इसीलिए मेहनत करते रहते हैं कि आपको जल्द से जल्द प्रमोशन मिले. साथ ही हर साल बेस्ट एम्प्लॉई अवार्ड पाने की होड़ में आप सालों-साल लगे रहते हैं. लेकिन आपका प्रमोशन और सैलरी हाइक हर बार आपकी मेहनत पर निर्भर नहीं करती कई बार ये किस्मत से भी मिलता है.
ऐसा ही एक मामला सामने आया है स्पेन के केडिज शहर से. जहाँ एक बिल्डिंग सुपरवाइज़र का काम करने वाले एक कर्मचारी को बीना काम किये, उसके 20 साल के बेहतर कार्यकाल के लिए अवॉर्ड मिल गया है. मजेदार बात तो ये हैं कि ये कर्मचारी काम करना तो दूर पिछले 6 साल से ऑफिस भी नहीं आया था. बावजूद इसके, उसके सैलरी अकाउंट में हर महीने तनख्वाह पहुँच जाती थी. इतना तक तो ठीक है. लेकिन बेहतर कार्यकाल के लिए अवार्ड मिलना संस्थान के लापरवाही की सारी हद्दों को पार कर देता है.
अगर आपको लग रहा है कि आप इस खबर से जुड़े सारे पहलू को जान चुके हैं तो आप गलत हैं. क्योंकि आपको एक और झटका लगना बाकि है. आपको बतादें कि ये व्यक्ति किसी निजी संस्तान नहीं बल्कि स्पेन के एक सरकारी संस्थान का कर्मचारी था. अक्सर हम भारत सरकार को कोसते रहते हैं. अपने सरकारी कामकाज की तुलना दुसरे देशों से करते रहते हैं. लेकिन इस मामले में तो स्पेन भारत से कही आगे निकला.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जोएक्विन गार्सिया नाम के इस कर्मचारी को पिछले 6 साल में बिना काम किये स्थानीय सरकार ने लगभग 41500 डॉलर वेतन के रूप में दिया है. 69 वर्ष के गार्सिया का ये घोटाला उस वक़्त सामने आया जब अवॉर्ड देने के लिए उनके नाम कि घोषणा की गई. अब जबकि मामला सरकार के नज़र में आ गया है तो तत्काल कार्यवाई करते हुए उस पर 30000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है.
केडिज के डिप्टी मेयर जोर्ज ब्लास ने कहा है कि, “गार्सिया ने 2010 तक एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सुपरवाइजर का काम किया था, उसके बाद यहां कोई भी इस पोस्ट पर तैनात नहीं है. यह कोई नहीं जानता था कि वह रिटायर्ड हो गया है या उसकी मौत हो चुकी है.”
इस मामले के उजागर होने बाद जब गार्सिया के करीबियों से उनके बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि इस दौरान उनका लगाव फिलॉसिपी में रहा है. वही गार्सिया ने मीडिया से बात-चित के दौरान खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. उन्होंने बताया कि डिप्टी मेयर द्वारा लगाये गए जुर्माने को लेकर उन्होंने पुनर्विचार याचिका लगाई है.