Manoranjan ke Adhunik Sadhan par laghu nibandh
प्रस्तावना- आज का युग विज्ञान का युग है। इस युग में मनोरंजन के अनेक साधन हमें उपलब्ध हैं। इनका सदुपयोग करके हम अपने जीवन को आनंदमय कर सकते हैं मनोरंजन का जीवन में बहुत महत्व है। मनोरंजन स्वस्थ मनोरंजन जीवन में औषधि का काम करता है। जिस प्रकार शरीर का नीरोग रखने के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार जीवन में आनंद के लिए भी मनोरंजन की आवश्यकता होती है।
मनोरंजन के प्रकार- मनोरंजन के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं। ऐसे मनोरंजन के साधन जिनका उपयोग घर में बैठे बैठे किया जा सकता है और ऐसे साधन जिनका उपयोग हम घर से बाहर निकल कर या यूं कहें कि कमरों की चारदीवारी से बाहर जाकर किया जा सकता है।
मनोरंजन के प्रथम प्रकार- मनोरंजन के पहले प्रकार में रेडियो, दूरदर्शन, चलचित्र, पत्र-पत्रिकाएँ आदि आते हैं। इन सबका आनंद घर में बैठे बैठे या चारदीवारी के भीतर बैठकर लिया जा सकता है।
मनोरंजन के दूसरे प्रकार- कुश्ती, कबड्डी, रस्साकषी, तैराकी, फुटबाल, बालीबाल, हाकी खेलना, देशाटन, प्रातः भ्रमण आदि भी मनोरंजन के साधन हें। इनका आनंद कमरे की चारदीवारी से बाहर निकल कर ही लिया जा सकता है।
रेडियो- रेडियो मनोरंजन का महत्वपूर्ण साधन है। उसके द्वारा आप जहां चाहें, वहां संगीत, नाटक, भाषण, कविता, समाचार हास्य कथाएँ और अनेक प्रकार के कार्यक्रमों को आनंद ले सकते हैं। रेडियो से बच्चों और महिलाओं के लिए भी अनेक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। इनसे मनोरंजन तो होता ही है, ज्ञान वर्धन भी होता है।
दूरदर्शन- रेडियो की भाँति दूरदर्शन भी मनोरंजन की दृष्टि से बहुत उपयोगी है। रेडियो से तो कार्यक्रम केवल सुन सकते हैं, पर दूरदर्शन से हम इन कार्यक्रमों को देख भी सकते हैं। हम घर में बैठे-बैठे संगीत, नाटक, भाषण, कविता आदि सभी का आनंद ले सकते हैं। इसके द्वारा चलचित्रों का आनंद भी लिया जा सकता है और मैचों को खेलते हुए देखा जा सकता है।
इसी प्रकार पत्र-पत्रिकाएँ, प्रेक्षागृह, पुस्तकालय, कवि सम्मेलन तथा विभिन्न प्रकार की गोष्ठियाँ भी मनोरंजन का अच्छा साधन हैं।
मनोरंजन के अन्य साधन- कुश्ती, कबड्डी, रस्साकषी, तैराकी, पर्वतारोहण, प्रातः भ्रमण, व्यायाम, देशाटन मनोरंजन के महत्वपूर्ण साधनों में से हैं। इनसे मनोरंजन तो होता ही है, मन के साथ साथ शरीर भी स्वस्थ रहता है। देश विदेश में घूमना या पर्वतारोहण करना भी मनोरंजन का साधन है। इनसे भी मनोरंजन होता है, शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं तथा जानकारी भी बढ़ती है।
उपसंहार- इस प्रकार आज हमें मनोरंजन के अनेक प्रकार के साधन उपलब्ध हैं। इनके समुचित प्रयोग से मनुष्य अपना मनोविनोद कर सकता है और अपना तन और मन स्वस्थ रख सकता है।