Advertisement

राम कृपा भव-निसा सिरानी में कौनसा अलंकार है?

राम कृपा भव-निसा सिरानी में कौनसा अलंकार है?

राम कृपा भव-निसा सिरानी में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

Advertisement

राम कृपा भव-निसा सिरानी में रूपक अलंकार है। इस पंक्ति में कवि यह कह रहे है कि संसार रूपी रात्रि भगवान की कृपा से व्यतीत हो रही है। इस पंक्ति में रात्रि पर संसार का आरोप किया गया है, इसलिए यहाँ रुपक अलंकार है।

दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि रात और संसार में कोई भेद नहीं होने के कारण दोनों एकाकार हो गयें है।इसे ही उपमेय पर उपमान का आरोप कहतें हैं।

Advertisement

इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-

उपमेय-उपमान

रात्रि – भव

Advertisement

जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।

अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।

राम कृपा भव-निसा सिरानी में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

Advertisement

राम कृपा भव-निसा सिरानी पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?

निसा सिरानी में न और स की आवृति के कारण अनुप्रास अलंकार।

Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

Advertisement

Leave a Reply