मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक में कौनसा अलंकार है?
मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक में रूपक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्तियों में यह कहा गया है कि सागर रूपी मन पर लहरों के रूप में इच्छाएं उठती है। इसमे अनेक लोग डूब जातें है। मन पर सागर का तथा इच्छाओं पर लहरों का आरोप है इसलिए रुपक अलंकार है।
दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मन और उसकी इच्छाओं पर सागर तथा उसकी लहरों का आरोप किया गया है इसलिए दोनों में कोई भेद नहीं रह गया है।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय – उपमान
मन-सागर
इच्छाएं – लहरें
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
बुड़े-बहें में अनुपास अलंकार एवं मनसा – मन सा में यमक अलंकार।
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
- ऐसे दुरादुरी ही सों सुरत जे करैं जीव, साँचो तिन जीवन को जीवन है जग में। में कौन सा अलंकार है?
- कबीरा सोई पीर है, जो जानै पर पीर। में कौन सा अलंकार है?
- कहि ‘सुन्दर’ नंद कुमार लिए, तन को तनकौ नहिं चैन कहूँ। में कौन सा अलंकार है?
- कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी में कौन सा अलंकार है?